शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By India FM

अमिताभ की आंखों में देख संवाद बोलना आसान नहीं : दीपिका पादुकोण

अमिताभ की आंखों में देख संवाद बोलना आसान नहीं : दीपिका पादुकोण -

दीपिका पादुकोण की ‘आरक्षण’ रिलीज होने जा रही है, जिसमें आइटम सांग या नाच-गाना नहीं है। इस फिल्म में दीपिका को अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अवसर मिला है। कैसा लगा उन्हें? आइए जानते हैं दीपिका से :


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लव आज कल के बाद फिर सैफ का साथ
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ‘लव आज कल’ में सैफ और मैंने रोमांस किया था और ‘आरक्षण’ में ड्रामा ज्यादा है। यह एक अलग ही तरह की फिल्म है।

आरक्षण : एक रूखी फिल्म!
लोग बिना फिल्म देखे ही इस तरह की बातें कर रहे हैं। यदि आप मेरा ट्रेक रिकॉर्ड देखें तो मैंने कई अर्थपूर्ण फिल्में भी की हैं जो कमर्शियल ‍फॉर्मेट में बनी है। डांस और गाने के बिना भी एक फिल्म मनोरंजक हो सकती है।

आरक्षण पर पूरा विश्वास
शुक्रवार को जब फिल्म रिलीज होती है तब ही पता चलता है कि फिल्म सही है या नहीं, लेकिन आरक्षण के बारे में इतना जरूर कहूंगी कि फिल्म का निर्माण अच्छे उद्देश्य से किया गया है। यदि ऐसा न होता तो अमिताभ, प्रकाश झा और सैफ साथ ना होते।

शाहरुख से अमिताभ तक
सभी जानते हैं कि शाहरुख खान ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है, वैसे ही अमिताभ बच्चन ने ‘आरक्षण’ के दौरान मुझसे व्यवहार किया। उन्होंने कोशिश की कि उनके साथ अभिनय करते समय मैं आरामदायक महसूस करूं। फिर भी उनके सामने संवाद बोलते समय यह डर लगा रहता था कि कहीं वे आपका परफॉर्म जज तो नहीं कर रहे हैं। उनकी आंखों में देख संवाद बोलना आसान काम नहीं है।

सिद्धार्थ माल्या के बारे में
मैं किसी बात को छिपाना पसंद नहीं करती हूं, लेकिन मीडिया को भी मेरी निजी जिंदगी का खयाल रखना चाहिए। पिछले अनुभव को ध्यान में रखते हुए मैं अब अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करते समय सतर्क रहती हूं।