गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
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Written By समय ताम्रकर

हिम्मतवाला फ्लॉप होने के 10 कारण

हिम्मतवाला फ्लॉप होने के 10 कारण -

हिम्मतवाला से फिल्म इंडस्ट्री को बहुत आशाएं थीं, लेकिन जिस तरह से बॉक्स ऑफिस के आंकड़े कह रहे हैं उसे देख लगता है कि यह फिल्म फ्लॉप हुई समझो। आइए जानें उन कारणों को जिनकी वजह से फिल्म पिट गई और दर्शकों को पसंद नहीं आई।

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1) गलत चयन : साजिद खान ने रिमेक के लिए ‘हिम्मतवाला’ के रूप में गलत फिल्म चुनी। ये फिल्म न क्लासिक की श्रेणी में आती हैं और न ही इसकी स्टोरी ऐसी है कि आज के दर्शकों को बांध कर रखा जा सके।

2) ओवर कांफिडेंस : साजिद खान का अतिआत्मविश्वास कि उन्होंने अपनी पसंदीदा फिल्म हिम्मतवाला का रिमेक बनाकर दर्शकों पर यह सोच कर थोप दिया कि ये दर्शकों को भी पसंद आएगी।

3) आउटडेटेड स्टोरी : एक रोती हुई विधवा मां, बेचारी बहन, टाइगर से फाइट करता हीरो, सूदखोर जमींदार, हंटरवाली हीरोइन ये सब हजारों फिल्मों में दर्शक देख चुके हैं और उन्हें नकार चुके हैं। ऐसी आउटडेटेड स्टोरी पर फिल्म बनाना वाकई हिम्मत की बात है।

4) असहज अजय : फिल्म के कई दृश्यों में अजय देवगन असहज नजर आते हैं। इसका असर उनके अभिनय पर भी पड़ा और वे आउट ऑफ फॉर्म नजर आए। शायद शूटिंग के दौरान ही अजय समझ गए थे कि वे बुरे फंस गए हैं।

5) साजिद के बड़े-बड़े दावे : मैं कभी ‍फ्लॉप फिल्म बना ही नहीं सकता। ये मेरी बेस्ट मूवी है। 200 करोड़ रुपये का बिज़नेस करेगी। ऐसे दावे कर साजिद की छवि एक घमंडी निर्देशक की बन गई और दर्शक फिल्म देखने के पूर्व ही उनसे नाराज हो गए।
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6) लक्ष्यहीन साजिद : साजिद अपनी फिल्म को सही दिशा नहीं दे पाए। वे ये डिसाइड ही नहीं कर पाएं कि वे 80 के दशक की फिल्म का मजाक बनाएं या आज के दर्शकों के टेस्ट के मुताबिक जरूरी बदलाव करें।

7) मनोरंजन का अभाव : मसाला फिल्म दर्शक तभी स्वीकारते हैं जब उसमें सही मसाले उचित मात्रा में मिलाए गए हों। साजिद के मसाले इतने बासी हैं कि दर्शक उपकाई लेते नजर आए।

8) लाउड एक्टिंग : हर कलाकार इस फिल्म में लाउड एक्टिंग करते हुए चीखता-चिल्लाता नजर आया। ऊपर से शोर-शराबे से भरा बैकग्राउंड म्युजिक ने भी दर्शकों को कान बंद करने पर मजबूर कर दिया।

9) बकवास गाने : दो पुराने गाने इस फिल्म में रखे गए। वो फिर भी बर्दाश्त किए जा सकते हैं, लेकिन नए गानों का मुखड़ा ‘बम पे लात’ जैसे हैं जो न सुने जा सकते हैं और न ही देखे।

10) गलत समय : साजिद ने अपनी फिल्म की रिलीज के लिए वर्ष 2013 चुना। 1983 होता तो संभव है कि फिल्म थोड़ी-बहुत चल जाती, लेकिन तीस साल बाद इस तरह की फिल्मों के लिए कोई जगह नहीं है।