बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. आलेख
Written By समय ताम्रकर

विद्या बालन को ‘द डर्टी पिक्चर’ में इसलिए लिया गया

वेबदुनिया डेस्क

विद्या बालन को ‘द डर्टी पिक्चर’ में इसलिए लिया गया -
PR
विद्या बालन को जब सिल्क स्मिता के जीवन पर आधारित फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ में लीड रोल के लिए चुना गया तो सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ। एक तरफ सिल्क जो बेहद बिंदास और बोल्ड थीं तो दूसरी ओर विद्या बालन की इमेज सिल्क की तुलना में एकदम अलग थी।

सभी को अंदेशा था कि ‍क्या विद्या वो बोल्डनेस ला पाएंगी जो सिल्क के किरदार को निभाने के लिए जरूरी है। फिल्म के ट्रेलर को देख कर उम्मीद बंधती है कि विद्या ने बेझिझक अपना काम किया है और किरदार में वे डूबी नजर आती हैं।

फिल्म के निर्देशक मिलन लथुरिया विद्या को लेने की वजह बताते हैं। उनके मुताबिक विद्या की इमेज घरेलू किस्म के किरदार निभाने वाली हीरोइन की है जबकि ‘द डर्टी पिक्चर’ की भूमिका बिंदास और बोल्ड लड़की है। दर्शकों को सरप्राइज देने के लिए ही उन्हें चुना गया है।

मान लो, किसी हीरोइन की इमेज हॉट एक्ट्रेस की हो और वो बोल्ड रोल करें, तो लोग को इसमें कुछ खास बात नजर नहीं आएगी, लेकिन विद्या द्वारा इस रोल को निभाने से लोगों में फिल्म के प्रति उत्सुकता जाग गई।

विद्या की तारीफ करते हुए मिलन बताते हैं कि विद्या इस दौर की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं। हर तरह के रोल निभा सकती हैं। उनकी शारीरिकि बनावट और चेहरा उस दौर की अभिनेत्रियों जैसा है। साथ ही वे दक्षिण भारतीय भी हैं। वे मिलन की उम्मीद पर सौ प्रतिशत खरी उतरी हैं।

सिल्क स्मिता पर फिल्म बनाने का विचार फिल्म के लेखक रजत अरोरा और एकता कपूर के दिमाग में आय था। उन्होंने यह बात मिलन को बताई और फिल्म बनाने को कहा। ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ जैसी सफल फिल्म देकर एकता का विश्वास मिलन ने जीत लिया था।

उस फिल्म में सत्तर के दशक को मिलन ने बेहतरीन तरीके से पेश किया और ‘द डर्टी पिक्चर’ की कहानी भी अस्सी के दशक की है। इसलिए एकता को मिलन इस फिल्म के लिए उपयुक्त लगे।

मिलन ने फिल्म निर्देशित करने के लिए हां इसलिए की क्योंकि सिल्क से वे काफी प्रभावित हुए। वे सिल्क को हीरो और फाइटर मानते हैं और उन्हें लगा कि उससे प्रेरित कहानी पर फिल्म बनाई जा सकती है।

मिलन ने अब तक कच्चे धागे (1999), चोरी-चोरी (2003), दीवार (2004), टेक्सी नंबर 9211 (2006), हैटट्रिक (2007), वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई (2010) बनाई हैं, जो हीरो प्रधान फिल्में हैं। हीरोइन प्रधान फिल्म बनाने का उनका यह पहला अवसर था इसलिए उन्होंने चैलेंज को स्वीकारा।

फिलहाल वे ‘द डर्टी पिक्चर’ के रिलीज होने और दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद वे ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ के सीक्वल की शूटिंग आरंभ करेंगे।