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Written By ND

बेटे की स्क्रिप्ट नहीं लिख सकते पिता

बेटे की स्क्रिप्ट नहीं लिख सकते पिता -
- अनहद

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तुम तकल्लुफ को भी इखलास (श्रद्धा) समझते हो फराज - दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला...। सलमान खान के पिता सलीम खान ने अभी हाल में सलमान के बारे में कहा कि सलमान हर हाथ मिलाने वाले को दोस्त समझ लेता है और उसे यह समझना बाकी है कि इस फिल्म इंडस्ट्री में न कोई किसी का दोस्त होता है और न दुश्मन। सारे रिश्ते मतलब के हैं और एक सुपर स्टार को दूसरे सुपर स्टार से एक दूरी बनाकर मिलना चाहिए। सलीम खान की सारी बातें एकदम सच हैं। हर पिता यह चाहता है कि जमाने के बारे में जो उसने समझा है, सीखा है, वो सब अपनी संतान को दे डाले मगर अनुभव और जमाने से बर्ताव की अपनी समझ जायदाद की तरह बेटे के नाम नहीं की जा सकती। हर पिता यही कोशिश करता है कि वो अपनी समझ अपनी संतानों में बाँट दे। संतानें उस समझ से फायदा उठाएँ, उस पर फौरन चलना शुरू कर दें। उधर संतान खुद अपने अनुभव कमाती है। खुद धोखा खाने और खुद दुनिया को समझने का अपना मजा है। अगर संतानें अपने पिता के अनुभव जस के तस अपना लें, तो बचपन से ही बूढ़ी हो जाएँ।

सलमान खान के जीवन की स्क्रिप्ट सलीम खान चाहकर भी नहीं लिख सकते। सलमान खान गलतियाँ करेंगे और सीखेंगे। नहीं सीखेंगे तो और गलतियाँ करेंगे। जिंदगी की पाठशाला में वही पास होता है जिसे सबक याद हो जाएँ। कोई भी नकलपट्टी यहाँ नहीं चलती। यहाँ टीप कर पास नहीं हुआ जा सकता और न कोई दूसरा नंबर बढ़ा सकता है। सलमान खान का बचकानापन उन्हें बहुत तकलीफ देता है। जब ऐश्वर्या राय ने कुछ दिनों के लिए विवेक ओबेराय से दोस्ती बना ली थी, तो सलमान समझ नहीं पाए थे कि ये उन्हें जलाने के लिए ही हो रहा है। उन्ही दिनों उन्होंने किसी से कहा था कि ऐश्वर्या अगर किसी बड़े सितारे से दोस्ती करतीं तो उन्हें इतनी जलन नहीं होती, पर विवेक ओबेराय को वो पचा नहीं पा रहे हैं। किसी का शेर है वो मुझको छोड़ के जिस आदमी के साथ गया- बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता।

इन दिनों सलमान खान की दुश्मनी चल रही है शाहरुख खान से। सलमान खान खुद तो शाहरुख के बराबर के सितारे नहीं हैं पर चाहते हैं कि कोई उन्हें टक्कर दे, उन्हें परास्त करे। इसीलिए उन्होंने "गजनी" का प्रचार अपनी पेंटिंग से किया। यह तो खैर आप जानते ही होंगे कि सलमान खान रंग और ब्रश वगैरह से भी खेलते हैं। सो उन्होंने पिछले दिनों "गजनी" के आमिर खान की तस्वीर पेंट की ...वही एक गंजा सिर और उसमें तिरछी, गोल घूमती लकीर...। इससे "गजनी" को कितना फायदा हुआ, सो तो नहीं पता पर सलमान का भोला अबोध दिल जरूर हल्का हो गया होगा। त्रियालीस साल के सलमान खान अंदर से अभी बहुत मासूम हैं। उनमें कहीं बारह साल के बच्चे का दिल है और सूरत पर उसी बारह साल के बच्चे की मासूमियत है, जो सलमान को सुंदर बनाती है। अगर सलमान बड़े हो गए तो फिर शायद सलमान न रह जाएँ।

(नईदुनिया)