गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. »
  3. बीबीसी हिंदी
  4. »
  5. बीबीसी समाचार
  6. पृथ्वी के मीलों भीतर जाने की योजना!
Written By BBC Hindi

पृथ्वी के मीलों भीतर जाने की योजना!

deep earth drilling | पृथ्वी के मीलों भीतर जाने की योजना!
BBC
पहली बार समुद्रतल के नीचे से चट्टानों के नमूने निकालने की कोशिश की जा रही है। कोस्टा रिका के तट के पास एक ड्रिलिंग परियोजना चल रही है जिसमें समुद्र तल से भी दो किलोमीटर नीचे बोरिंग की जाएगी।

इस परियोजना के बारे में ‘नेचर’ नामक पत्रिका में लिखा गया है कि इसका अंतिम लक्ष्य है पृथ्वी की ऊपरी परत के नीचे की परत से नमूने निकालना। ब्रिटेन के साउथहैम्पटन विश्वविद्यालय के डॉक्टर डेमन टीगल इस परियोजना के सह प्रमुख हैं।

उन्होने बीबीसी को बताया, 'पृथ्वी का विकास कैसे हुआ इस बारे में कुछ मूलभूत प्रश्न हैं। उनके जवाब पृथ्वी की पहली और दूसरी परत के बीच की संरचना पूरी तरह से समझ लेने के बाद ही मिल सकेंगे।' इसीलिए ऊपरी परत 'क्रस्ट' और उसके नीचे की परत 'मैंटल' के बीच के नमूने निकाले जाएँगे।

पृथ्वी की परतें : पृथ्वी की ऊपरी परत पाँच से 70 किलोमीटर की मोटाई की है। उसके बाद आती है दूसरी परत जिसे मैंटल कहते हैं। हमारी पृथ्वी के द्रव्यमान और परिमाण का सबसे बड़ा हिस्सा मैंटल है जो पृथ्वी के केंद्र 2900 किलोमीटर तक जाता है।

इस परत का धीमा संवहन टैक्टॉनिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हालाँकि वैज्ञानिकों के पास पृथ्वी के गर्भ के नमूने हैं जो ज्वालामुखियों के लावा के साथ फेंके गए हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में उनका स्वरूप बदल जाता है, वैज्ञानिक असली नमूने चाहते हैं।

फ्रांस के मॉनपैलिए विश्वविद्यालय के बैनॉए इल्डेफ़ॉंस कहते हैं कि ये इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मैंटल की भौगोलिक संरचना का पृथ्वी की गतिशीलता पर असर पड़ता है। मैंटल की चट्टानों की संरचना महाद्वीपों और समुद्र तल की चट्टानों से भिन्न है। इन्ही गुणों और परिस्थितियों की वजह से मैंटल गतिशील रहता है।

असफल प्रयास : मैंटल तक ड्रिलिंग करने का अंतिम प्रयास 1961 में किया गया था जो सफल नहीं हुआ। जमीन में ड्रिलिंग व्यावहारिक नहीं है क्योंकि जहाँ महाद्वीप हैं वहाँ पृथ्वी की ऊपरी परत 30 से 60 किलोमीटर मोटी है।