मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. »
  3. बीबीसी हिंदी
  4. »
  5. बीबीसी समाचार
Written By BBC Hindi
Last Modified: सोमवार, 23 अगस्त 2010 (13:13 IST)

अयोध्या विवाद सुलझाने की एक और पहल

- रामदत्त त्रिपाठी (लखनऊ से)

अयोध्या विवाद सुलझाने की एक और पहल -
BBC
इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति पलोक बसु ने विवादित राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मुक़दमे से जुड़े लोगों से मुलाकात करके एक बार फिर इस बात की कोशिश शुरू की है कि इस जटिल विवाद को स्थानीय लोग आपसी बातचीत से सुलझा लें।

हाईकोर्ट की अयोध्या प्रकरण विशेष पीठ साठ साल से लंबित इस मुकदमे का सितंबर महीने के आखिर में फैसला सुनाने वाली है। जस्टिस पलोक बसु का कहना है कि अदालती फैसला आने के बाद देश के हालात बिगड़ सकते हैं, इसलिए वे पिछले कुछ समय से अयोध्या आकर इस मसले का स्थानीय स्तर पर हल निकालने की संभावनाएँ तलाश रहे हैं।

जस्टिस बसु ने इस दौरे में मुख्य रूप से मुसलमानों के सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से मुकदमे के मुख्य पक्षकारों हाजी हाशिम अंसारी और हाजी महबूब और राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से भेंट की।

पिछले दौरे में वो हिंदुओं की ओर से विवादित भूमि के मुख्य दावेदार निर्मोही अखाड़ा के सरपंच महंत भास्कर दास से मिले थे। लेकिन कोई भी पक्ष इस बातचीत को अभी बहुत गंभीरता से नहीं ले रहा है क्योंकि इससे पहले कई दौर की वार्ताएँ विफल हो चुकी हैं।

हाशिम अंसारी का कहना है कि बाबरी मस्जिद का मामला अब केवल अयोध्या के मुसलमानों का मसला नहीं रहा। अगर अयोध्या के मुसलमान कोई समझौता कर भी लें तो उसे सुन्नी वक्फ बोर्ड और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड नहीं मानेगा। वही निर्मोही अखाड़ा के एक प्रमुख संत राम दास का कहना है कि अब जब हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है, जस्टिस पलोक बसु की कोशिश का कोई मतलब नहीं है।

फिर भी जस्टिस बसु कहते हैं, 'मैं अब अभी बहुत आशावान हूँ कि स्थानीय लोग मिल बैठकर मसला हल कर सकते हैं।' यह कहकर जस्टिस बसु अपने घर इलाहाबाद के लिए रवाना हो गए।