गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. आरती/चालीसा
  4. Shri Nag Stotra
Written By
Last Modified: सोमवार, 9 अगस्त 2021 (18:24 IST)

श्री नाग स्तोत्र | Shri Nag Stotra

श्री नाग स्तोत्र | Shri Nag Stotra
नाग पंचमी, मौना पंचमी या किसी भी माह की शुक्ल पंचमी पर नाग स्त्रोत का पाठ करने से सभी तरह के काल सर्प दोष, सर्प भय आदि से मुक्ति मिलती है। यहां प्रस्तुत है श्री नाग स्त्रोतम।
 
 
श्री नाग स्त्रोत :
अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च।
सुमन्तुजैमिनिश्चैव पञ्चैते वज्रवारका: ॥१॥
मुने: कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चापि कीर्तनात् ।
विद्युदग्निभयं नास्ति लिखितं गृहमण्डल ॥२॥
अनन्तो वासुकि: पद्मो महापद्ममश्च तक्षक:।
कुलीर: कर्कट: शङ्खश्चाष्टौ नागा: प्रकीर्तिता: ॥३॥
यत्राहिशायी भगवान् यत्रास्ते हरिरीश्वर:।
भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ॥४॥
 
॥ इति श्रीनागस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
 
#
अनंतं वासुकि शेष पद्मनाभं च कम्बलम्।
शड्खपाल धार्तराष्ट्र तक्षकं कालियं तथा॥१॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः॥२॥
तस्मे विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयीं भवेत्।
 
॥ नाग गायत्री मंत्र ॥
~~~~~~~~~~~
ॐ नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धीमाहि तन्नो सर्प प्रचोदयात ll
ये भी पढ़ें
श्रावण माह में इस तरह के व्रत रखना वर्जित है?