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ऐसा रहा 2014 में फेसबुक का सफर

ऐसा रहा 2014 में फेसबुक का सफर - 2014 facebook, facebook journey 2014, social media
- अंशुल गुप्ता
वर्ष 2014 मीडिया क्षेत्र में कई नए आयाम लेकर आया। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा भारत में मीडिया का एक और अंग तेजी से उभर कर सामने आया जिसका नाम है 'सोशल मीडिया'। कहा जा सकता है कि इस साल पूरे देश ने सोशल मीडिया का महत्व तब जाना जब नरेंद्र मोदी जैसे बड़े राजनेता के अलावा समाज के अन्य क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों ने ट्विटर, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया साइट्स का भरपूर इस्तेमाल किया। 
 
2014 में हुए लोकसभा चुनावों में फेसबुक और ट्विटर ने क्रांतिकारी बदलावों की शुरुआत की। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सोशल मीडिया ने देश में नई सरकार के अंकुरण में बड़ी भूमिका अदा की। सोशल मीडिया ने आम आदमी को अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया जिससे इसकी लोकप्रियता दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ने लगी।
 
इस पूरे साल नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर छाए रहे। भारत के चुनावी इतिहास में ऐसा जबर्दस्त और सुनियोजित चुनाव प्रचार पहले किसी ने कभी नहीं देखा था, जैसा कि आम चुनावों में मोदी के लिए किया गया। इसी मीडिया ने मोदी के आलोचकों को भी खुलकर अपने विचार रखने का मौका दिया, मगर इस सबके बावजूद भाजपा को चुनावों में स्पष्ट बहुमत मिला और देश में मोदी सरकार का गठन हुआ।
 
फेसबुक पर लोकसभा चुनावों के अलावा वर्ल्ड कप, आईपीएल, मंगल मिशन और कश्मीर बाढ़ जैसे मुद्दों ने खूब सुर्खियां बटोरीं। इन सभी के बाद चीनी मोबाइल कंपनी श्योमी का रेड एमआई फोन भी एक ऐसा उत्पाद था जो इस साल फेसबुक पर जोर-शोर से छाया रहा। मलेशियन एयरलाइंस का विमान एमएच 370 का रहस्यमय तरीके से लापता होना भी फेसबुक पर छाया रहा। 
 
इस साल सोशल मीडिया पर कई स्पूफ भी छाए रहे। इन स्पूफ की शुरुआत दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों के बाद केजरीवाल सरकार बनने से शुरू हुई। इतना ही नहीं बल्कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद ऐसे स्पूफ की बाढ़-सी आ गई। यूट्यूब पर ‘अर्णब क्यूटियापा’ जैसे स्पूफ बहुत चले जिसे अब तक 43, 62, 967 से अधिक बार देखा जा चुका है।
 
अगले पन्ने पर, खूब छाए बाबूजी और धरना डांस... 
 

मंगलयान की सफलता भी फेसबुक पर व्यापक चर्चा का विषय रही। इस विषय पर हर आम-ओ-खास ने अपनी राय रखी और देश के वैज्ञानिकों को इस बड़ी कामयाबी पर दिल खोलकर बधाई दी। इसी तरह 'धरना डांस', अभिनेता आलोक नाथ के 'संस्कारी बाबूजी' वाले फोटो फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर छाए रहे।
 
ऐसे ही कई जोक्स आलिया भट्ट के बारे में भी प्रचलन में रहे। इन जोक्स की वजह आलिया का एक इंटरव्यू था जिसमें वे भारत के राष्ट्रपति का सही नाम नहीं बता पाई थीं। इन जोक्स के बाद आलिया ने खुद एक स्पूफवीडियो ‘आलिया भट्ट : जीनियस ऑफ द ईयर’ बनाया जो काफी चला। इसी वीडियो ने उन्हें फेसबुक पर इस साल सबसे ज्यादा छाई रहने वाली अदाकारा बना दिया। 
 
अगर अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बात करें तो फेसबुक पर छाए मुद्दों में पेशावर में मासूम स्कूली बच्चों के कत्लेआम प्रमुख रहा। इस हमले ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया था जिसके परिणाम स्वरूप लोगों ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पिक्चर में मोमबत्ती का फोटो लगाकर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। सोशल मीडिया पर हमले के विरोध में भारत के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
 
इस साल फेसबुक पर लाइक बटन के साथ ‘अनलाइक’ बटन जोड़े की भी मांग जोर-शोर से उठी। लोगों ने इस मुद्दे से जुड़े आर्टिकल्स को शेयर करके अपना समर्थन प्रदान किया। इस विषय पर कई खबरें मीडिया में छाई रहीं जिनमें कहा गया कि फेसबुक खुद ऐसा बटन जोड़ने के बारे में विचार कर रहा है। मगर बाद में खबर आई कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग इस बटन को पसंद नहीं करते हैं।
 
मीडिया की बात विज्ञापनों के बगैर अधूरी होती है। यह बात सोशल मीडिया पर भी लागू होती है। इस वर्ष फेसबुक पर एडवरटाइज़िंग मार्केट एक नए और बड़े रूप में नजर आया। इसके चलते जहां विकेता अपने उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सके वहीं दूसरी ओर फेसबुक यूजर्स को भी अपने पसंद के उत्पाद चुनने और उन पर मिलने वाले ऑफर्स का लाभ उठाने का मौका मिला।
 
2014 में ही फेसबुक ने ट्विटर की ही तरह ‘हेश टैग’ का ट्रेंड शुरू किया। इस फीचर के लिए प्रत्येक फेसबुक यूजर की प्रोफाइल में दाईं ओर ट्रेंडिंग कॉलम एड किया गया। इन हेश टैग का प्रयोग कर यूजर अपने पोस्ट को सर्च में ज्यादा से ज्यादा प्रमोट कर सकता है।
 
इस साल आईएसआईएस ने लोगों में डर कायम रखने के लिए भयंकर से भयंकर तरीकों से लोगों को मौत दी। यह सब सोशल मीडिया में भी प्रमुखता से छाया रहा औरलोगों ने खुलकर इन कत्लेआमों की आलोचना की। खबरों के मुताबिक सीरिया में आईएसआईएस अब तक करीब 600 सीरियन सैनिकों के सिर कलम कर चुका है। कुल मिलाकर साल 2014 में हुई हर छोटी-बड़ी घटना ने सोशल मीडिया में अपनी जगह बनाई। न्यू मीडिया का यह अंग असल जीवन के आईने के रूप में उभर कर सामने आया और हर खास-ओ-आम ने बेझिझक इसका उपयोग किया।