जगमग दीपों का है उजियारा
रेखा भाटिया दीपावली है रंगों की माला,दीपों का है उजियारा,अंधेरों को सदा मिटाती, आशा की किरणें जगाती,नए साल की दस्तक देती,खुशियों की सौगातें लाती,माँ लक्ष्मी की दुलारी दिवाली, जीवन का सन्देश बताती प्यार बाँटों,खुशियाँ बाँटों,भूलो न तुम अपनों को,साथ निभाओ,साथ निभाओ, हिल-मिल कर त्योहार मनाओ,चमकीली-अठखिली फुलझड़ियाँ, आभूषणों से सजी स्त्रियाँ,दीपों-फूलों से महकी घर-घर की चारदीवारियाँ,मुँडेरों पर सजी रंगबिरंगी रोशन मालाएँ,ठुमकती-मटकती नन्ही बालाएँचटक-मटक आकृतियों में सजी रंगोलियाँ,मुस्कानों से सजी नन्ही परियाँ, घर-आँगन में जमा अतिथियों का मेला,टुकुर-मुकुर झाँकें नन्हे कान्हा हर ओर,उल्लास के पलों में माँ लक्ष्मी का सजा है आसन बरस रहा है माँ का आशीर्वाद चारों ओर,धन-समृद्धि की बरसात होगी,झिलमिलाती ये रात होगी,खूब हँसो और हँसाओ मिलकर सब दिवाली मनाओ।