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Last Modified: सोमवार, 2 मार्च 2015 (18:46 IST)

जगमोहन डालमिया बीसीसीआई के मुखिया, ठाकुर नए सचिव

जगमोहन डालमिया बीसीसीआई के मुखिया, ठाकुर नए सचिव - Jagmohan Dalmia, BCCI president
चेन्नई। वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक जगमोहन डालमिया को आज सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया लेकिन एन श्रीनिवासन धड़े को तब करारा झटका लगा, जब विरोधी गुट के अनुराग ठाकुर बोर्ड को सालाना आम बैठक में आज संजय पटेल को पछाड़कर सचिव चुने गए।
बहुप्रतीक्षित एजीएम में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के प्रमुख ठाकुर को मिली एक वोट की अप्रत्याशित जीत को छोड़कर चुनाव में सभी पदों पर श्रीनिवासन गुट का पलड़ा भारी रहा। श्रीनिवासन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के कारण खुद चुनाव नहीं लड़ सके।
 
झारखंड क्रिकेट संघ के अमिताभ चौधरी गोवा के चेतन देसाई को पीछे छोड़कर संयुक्त सचिव चुने गए। देसाई श्रीनिवासन के विरोधी गुट के सदस्य थे। हरियाणा के अनिरुद्ध चौधरी ने राजीव शुक्ला को 16-13 से हराकर कोषाध्यक्ष पद पर कब्जा किया।
 
तीन उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने गए जिनमें से दो पद श्रीनिवासन गुट को गए। केरल के टी सी मैथ्यूज (पश्चिम क्षेत्र) और दिल्ली के सी के खन्ना (मध्य क्षेत्र) ने चुनाव जीता। खन्ना ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया जबकि मैथ्यूज ने रवि सावंत को मात दी।
 
निर्विरोध चुने गए उपाध्यक्षों में आंध्र के गोकाराजू गंगाराजू (दक्षिण), असम के गौतम राय (पूर्व) और जम्मू कश्मीर के एम एल नेहरू (उत्तर) शामिल हैं। डालमिया के चयन का रास्ता साफ हो गया था जब पवार को पूर्वी क्षेत्र से प्रस्तावक नहीं मिला जिससे वह दौड़ से बाहर हो गए।
 
भाजपा नेता ठाकुर ने सिर्फ एक वोट से श्रीनिवासन के विश्वस्त पटेल को हराया। यदि चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग नहीं हुई होती तो यह हालात पैदा नहीं होते। 
 
संयुक्त सचिव पद के लिए देसाई और चौधरी दोनों को समान 15 मत मिले लेकिन बैठक की अध्यक्षता कर रहे शिवलाल यादव ने अपना मत चौधरी को दिया। 
 
चूंकि श्रीनिवासन विरोधी खेमे के बाकी उम्मीदवार चुनाव हार गए तो यह स्पष्ट है कि क्रॉस वोटिंग सिर्फ ठाकुर के लिए हुई। बीसीसीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में प्रत्येक पद के विजेता के नामों की घोषणा की लेकिन उनको मिले मतों की जानकारी नहीं दी। इसमें यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2013-14 के आडिट किए गए खातों को भी आज की बैठक में मंजूरी दी गई। 
एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार एजीएम में श्रीनिवासन की आईसीसी चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की भी पुष्टि की गई। एजीएम में एक अन्य फैसला यह किया गया कि आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति की बैठकों में अब बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व ठाकुर करेंगे। 
 
एजीएम ने इसके साथ ही वर्तमान राष्ट्रीय चयन समिति का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाने का भी फैसला किया गया। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष 74 वर्षीय डालमिया को श्रीनिवासन की वफादार सभी ईकाइयों ने सर्वसम्मति से चुना। 
 
लगभग एक दशक बाद उनकी शीर्ष पद पर वापसी हुई है। इस बार अध्यक्ष नामित करने की बारी पूर्वी क्षेत्र की थी जहां से पवार को कोई प्रस्तावक नहीं मिल सका। आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष पवार 2001 से 2004 के बीच बीसीसीआई प्रमुख थे।
 
पूर्व की सभी छह ईकाइयां ने रविवार को यहां हुई बैठक में श्रीनिवासन गुट के प्रति वफादारी जताई थी। मराठा क्षत्रप पवार ने भी अपने सहयोगियों से बैठक की थी। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद डालमिया का अध्यक्ष बनना तय हो गया था क्योंकि न्यायालय ने श्रीनिवासन को चुनाव लड़ने से रोककर सिर्फ वोटिंग का अधिकार दिया था।
 
बैठक में भाग लेने वाले श्रीनिवासन के विरोधी गुट के सदस्य ने आरोप लगाया कि शिवलाल यादव ने बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से एजीएम की अध्यक्षता की। उन्होंने दावा किया कि बड़ौदा क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि राकेश पारिख को मतदान से अयोग्य घोषित कर दिया गया और इससे परिणामों पर असर पड़ा। 
 
बड़ौदा क्रिकेट संघ के दो गुट एजीएम में पहुंच गये थे और समरजीतसिंह गायकवाड़ को बैठक में भाग लेने की अनुमति दी गयी। सदस्य ने कहा, पारिख को अयोग्य क्यों घोषित किया गया इस पर यादव ने जवाब नहीं दिया। 
 
उनसे लगातार पूछा गया कि लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके कारण श्रीनिवासन के विरोधी गुट के कई सदस्य चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि पश्चिम क्षेत्र की कुछ इकाईयां चुनावों को अदालत में चुनौती देने पर विचार कर सकती हैं। (भाषा)