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Last Updated : शनिवार, 14 फ़रवरी 2015 (22:54 IST)

भारत-पा‍क मुकाबला, क्रिकेटरों की अग्निपरीक्षा

भारत-पा‍क मुकाबला, क्रिकेटरों की अग्निपरीक्षा - India Pak match, Tough compitition for cricketers
एडिलेड। चोटों और प्रदर्शन के निरंतरता की कमी से जूझ रहा भारत कल यहां आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में खिताब के बचाव के अपने अभियान की शुरूआत चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ करेगा तो वह इतिहास से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगा। सिडनी में 1992 के विश्व कप में दोनों टीमों के बीच पहली बार भिड़ंत के बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 50 ओवर के विश्व कप में सभी पांच मैच जीते हैं।
महेंद्रसिंह धोनी की अगुआई वाली भारतीय टीम अब ‘सुपर संडे’ को अपना दबदबा बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी। इस मैच के दौरान स्टेडियम के खचाखच भरा रहने की उम्मीद है और लगभग 20,000 भारतीय पहले ही विशेष रूप से इस मैच के लिए एडिलेड पहुंच चुके हैं। दोनों ही टीमें इस मैच को जीतकर टूर्नामेंट की सकारात्मक शुरुआत करने को लेकर बेताब हैं।
 
आस्ट्रेलिया की गर्मियों में लचर प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम पहले ही मैच में शिकस्त झेलने की स्थिति में नहीं है और वह भी पाकिस्तान के हाथों। उप कप्तान और अहम बल्लेबाज विराट कोहली के बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहना, अभ्यास मैच में अफगानिस्तान जैसी टीम के खिलाफ भी 10 विकेट चटकाने में नाकाम रहने वाला गेंदबाजी आक्रमण और कुछ अहम खिलाड़ियों की फिटनेस धोनी के लिए चिंता का कारण हैं।
 
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है फिर भले ही वह खराब दौर से ही क्यों नहीं गुजर रही हो। वर्ष 1992 में आस्ट्रेलिया और 1999 में इंग्लैंड में विश्व कप में अधिकांश समय खराब प्रदर्शन करने के बावजूद भारत पाकिस्तान को आसानी से हराने में सफल रहा था। भारत को हमेशा से ही सचिन तेंदुलकर, अजय जडेजा या वेंकटेश प्रसाद के रूप में ऐसा एक खिलाड़ी मिलता रहा है जो विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ टीम की जीत का सूत्रधार बनता रहा है। मौजूदा टीम में कोहली, अजिंक्य रहाणे और कप्तान धोनी अपने अकेले दम पर मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं। धोनी आंकड़ों में अधिक विश्वास नहीं रखते लेकिन विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 5-0 का रिकॉर्ड टीम को सकारात्मक उर्जा देगा।
 
इसके अलावा मिसबाह उल हक की अगुआई वाली पाकिस्तानी टीम भी काफी अच्छी लय में नहीं है जिससे भारत का पलड़ा कुछ भारी रह सकता है। मोहम्मद हफीज जैसे बल्लेबाज और जुनैद खान जैसे स्विंग गेंदबाज को चोटों के कारण गंवाने जबकि सईद अजमल के बिना उतरने के कारण पाकिस्तान की स्थिति आदर्श नहीं है। इसके अलावा टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली एकदिवसीय श्रृंखला में भी मेजबान टीम के हाथों 0-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
 
पाकिस्तान की टीम में हालांकि किसी भी टीम को हराने की क्षमता है। टीम के लिए अभ्यास मैचों में प्रदर्शन सकारात्मक रहा जहां उसने बांग्लादेश और इंग्लैंड के खिलाफ अपने दोनों मैच जीते। इंग्लैंड के खिलाफ कप्तान मिसबाह ने 91 रन की पारी खेली थी। दूसरी तरफ भारत को अभ्यास मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि उसने अफगानिस्तान को हराया।
 
विश्व कप में भारत के खिलाफ पिछले पांचों मैच गंवाने के कारण हालांकि पाकिस्तान कुछ दबाव में होगा। भारत की ओर से अजिंक्य रहाणे लगातार रन बनाने में सफल रहे हैं जबकि रोहित शर्मा ने अफगानिस्तान के खिलाफ 150 रन की पारी खेलकर दर्शाया कि वे फिट हैं और अपने पहले विश्व कप में रनों के भूखे हैं।
 
त्रिकोणीय श्रृंखला के बाद अभ्यास मैचों में भी कोहली के अधिक रन नहीं बना पाने से भारत की समस्या बढ़ी है। भारत के लिए उनकी फार्म अहम हैं और धोनी नहीं चाहेंगे कि अहम मौकों पर उनका सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज विफल रहे। भारत की सबसे बड़ी चिंता हालांकि उसकी गेंदबाजी है जो पिछले ढाई महीने में काफी खराब रही है।
 
ईशांत शर्मा चोटों से परेशान रहे जबकि भुवनेश्वर कुमार भी टखने की चोट के बाद वापसी करते हुए फार्म हासिल करने में विफल रहे जिससे मोहम्मद शमी और उमेश यादव पर भारत की निर्भरता बढ़ गई है। ये दोनों तेज गेंदबाजी करने में सक्षम हैं लेकिन अनुशासन की कमी है। स्टुअर्ट बिन्नी ने अब तक मिले सीमित मौकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की कोशिश की है लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ जीत दिलाने की उनकी क्षमता पर सवालिया निशान लगा हुआ है। स्पिनरों में रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल की क्षमता लगभग समान हैं लेकिन बल्लेबाजी में जडेजा कुछ बेहतर नजर आते हैं।
 
पाकिस्तान के लिए मिस्बाह, यूनिस खान और शाहिद अफरीदी की अनुभवी तिकड़ी का प्रदर्शन अहम होगा जबकि प्रतिभावान उमर अकमल और फार्म में चल रहे शोएब मकसूद भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पाकिस्तान के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई वहाब रियाज और सात फीट के मोहम्मद इरफान की अनुभवी जोड़ी करेगी जो अनुकूल दिन किभी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में सक्षम हैं। रियाज मोहाली में 2011 विश्व कप की तरह एक बार फिर भारत के खिलाफ पांच विकेट हासिल करने के इरादे से उतरेंगे। (भाषा)