शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नायिका
  3. महिला दिवस
  4. Women's Day/ Nari Hone ka Bojh
Written By WD

महिला दिवस : फिर वही नारी होने का बोझ

महिला दिवस : फिर वही नारी होने का बोझ - Women's Day/ Nari Hone ka Bojh
अमिता पटैरिया 
जैसे-जैसे महिला दिवस नजदीक आता है, वैसे-वैसे मन खुश होने के बजाए कुछ उदास सा हो जाता है। अपने ही अस्त‍ित्व पर गर्व होने के बजाए कुछ डर सा भी महसूस होता है, ठीक वैसा ही, जैसे ईद पर कुर्बानी से पहले कोई बकरा महसूस करता है। आखिर क्यों...शायद इसलिए कि इसी दिन तो, सिर्फ एक दिन के लिए  हमारा एकदिवसीय महिमा मंडन होगा...हमें नारी होने का गौरव महसूस कराया जाएगा और हमारे संघर्षों की कहानी को बढ़-चढ़कर सजा सजाकर बताया जाएगा। 

नारी तू सर्वत्र... यत्र पूजयन्ते नारी, तत्र रमयन्ते देवता... नारी के बिना संसार अधूरा वगैरह-वगैरह...सार्वजनिक मंचों से महसूस कराया जाएगा, भले ही खुद किसी ने महसूस किया जाएगा।

दिनभर नारी जाप करने के बाद फिर इंतजार होगा रात के 12 बजने का....8 मार्च को तारीफों का पुलिंदा लेकर न्यूज चैनल में बैठने वाले मेहमान इन्हीं न्यूज चैनल को अपना वर्जन देते नजर आएंगे कि पिद्दीभरकीलड़की बौरा गई है...कुछ भी बक रही है...लगता है किसी ने गुमराह किया है...। और हां कुछ तो हमारे सम्मान में यह भी कहेंगे कि ज्यादा कुछ बोला तो वो करेंगे कि किसी को मुंहदिखाने के काबिल नहीं बचेगी...। बाकी आप समझदार हैं। 
ये भी पढ़ें
महिला दिवस : तो मेरा चांस भी पक्का था...