शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नायिका
  3. आलेख
  4. tips for youth
Written By WD

जानिए कब, कैसे और कितना बोलें

जानिए कब, कैसे और कितना बोलें - tips for youth
- मीरा जैन 
 
यूं तो काम ही इंसान की पहचान है, लेकिन अनेक ऐसे अवसर भी आते हैं जब व्यक्ति की जुबां, उसके ज्ञान, आचार, व्यवहार एवं व्यक्तित्व के प्रकटीकरण का मुख्य माध्यम बन जाती है।

सामान्यतया मृदुभाषिता, सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग, कम बोलना, आवेशरहित संयमित वाणी आदि व्यक्तित्व निखार में सहायक होते हैं, फिर भी वैचारिक भिन्नता के चलते कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां निर्मित हो जाती हैं, जब परिवार एकत्र हो और सभी का बोलना बेहद आवश्यक हो। ऐसे में बहस, बातचीत, मजाक से पूर्व कुछ तथ्यों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ताकि रिश्तों पर कोई आंच न आए और स्वयं के व्यक्तित्व में चार चांद भी लग जाए।

* जिनकी कोई रचनात्मक उपयोगिता न हो, ऐसे विषयों पर मौन ही रहें। जैसे घर-बाहर की छोटी-छोटी बातें, किसने क्या पहना, क्या बनाया, क्या खाया, देर से आई, जल्दी चली गई वगैरह, वगैरह। पूरी बातचीत में मुस्कुराते रहें। इस तरह की बातचीत में टीका-टिप्पणी व्यर्थ है और इस पर बहस की जाए तो यह तो मूर्खता है।
 
* जब तक किसी विषय की पूरी जानकारी अथवा ठोस प्रमाण न हो तो बहस न करें, इससे छवि धूमिल होगी। 
 
* बातचीत के दौरान विपक्षी अपने तर्क की सत्यता साबित कर दे तो उसे सहजता से स्वीकारते हुए बहस पर विराम लगा दें, अन्यथा परिवार के बीच आप कुतर्की कहलाएँगे। 
 
* पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना पक्ष रखें, बात अधिक प्रभावी होगी। दबे-छिपे स्वर में कहीं गई अतिमहत्वपूर्ण बात भी निष्काम जा सकती है।

*  सबसे महत्वपूर्ण किसी की कमी को या असमर्थता को केन्द्र में रखकर मजाक बनाने से आप ही छोटी सोच के साबित होंगे। अत: अगर आप चाहते हैं कि परिवार में वाणी से आपकी पहचान बने तो हल्की और किसी के मन दुखाने वाली बातें करने से बचें। 

* इस नियम को हमेशा याद रखें कि हर किसी को अपना सम्मान प्रिय होता है। कभी भी सामने वाले के सम्मान से खिलवाड़ ना करें। अगर आप अपेक्षा रखते हैं कि सब आपको चाहे, सम्मान दें तो अपने व्यवहार, वाणी और एटिट्यूड पर नजर डालें। हो सकता है आपकी कड़वी जुबान आपको अपनों से दूर कर रही है। प्यार से तो राजा महाराजाओं के दिल जीते जा सकते हैं। अपनी वाणी से फूल ना झर सके तो कोई बात नहीं, कांटों को बस में रखना तो आपके हाथ में है.. वही कीजिए।