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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , शुक्रवार, 4 नवंबर 2011 (01:17 IST)

जनता परेशान

जनता परेशान -
जनता की सुविधा के लिए प्रदेशभर में कुछ सार्वजनिक नंबर स्थापित किए गए हैं, परंतु इस जिले में इस प्रकार के सार्वजनिक नंबर अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। सार्वजनिक नंबर वाली यह आपातकालीन सेवाएँ 'दुरुपयोग' और 'हरकतों' के कारण ठप सी पड़ी हैं। इन नंबरों के बंद होने से जनता परेशान है और जवाबदार लोगों ने इन्हें दुरुस्त कराने की बजाय बंद कराने में ज्यादा सहूलियत समझ ली। जवाबदार प्रबंधन नंबरों को बंद कराने के पीछे विवशताएँ बता रहे हैं।


लोगों को संकट के समय त्वरित सेवाएँ देने के उद्देश्य को लेकर नगर पालिका में 101, चिकित्सा विभाग में 102 जनहित में निःशुल्क जारी किए थे। लंबे अर्से से यह नंबर बंद पड़े हैं और इस तरफ कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। इन अव्यवस्थाओं का खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जो परेशानी के निराकरण के लिए इन्हें लगाकर और परेशान होते हैं, वहीं कई महीनों से बंद पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर को दो दिन पूर्व ही सुविधा में लिया गया है।


शिकायतों का नहीं हुआ निराकरण

नपा का आपातकालीन नंबर 101 बंद करा दिया गया है। मुख्य नपा अधिकारी डॉ. एसआर यादव ने बताया कि जिस नंबर को नागरिकों की सुविधा के लिए सार्वजनिक किया गया था, उसका कुछ शरारती तत्व दुरुपयोग कर किसी भी समय गलत सूचनाएँ दे रहे थे। इससे कई बार नपाकर्मियों को परेशान होना पड़ा। इस तरह की सेवाओं का लाभ लेने के लिए जनता में अभी जागरूकता का अभाव है। जन सामान्य का भी दायित्व है कि वे अपनी जवाबदारी को समझें और इस तरह की हरकत करने वालों को सार्वजनिक कर उन्हें पुलिस के हवाले करें, क्योंकि कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई हरकतों का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है।


स्वास्थ्य विभाग की सेवा बीमार

जिलेभर के स्वास्थ्य का जिम्मा जिस जिला अस्पताल पर है, वहाँ की सबसे महत्वपूर्ण सेवा 102 नंबर भी बदमाशों की हरकतों से कारण विभाग को बंद करना पड़ा। सिविल सर्जन डॉ. डीएस सोलंकी ने बताया कि इस नंबर पर लोग फोन कर स्टाफ के साथ बदतमीजी कर रहे थे। काफी समय तक इन हरकतों से परेशान होने के बाद इसकी कई बार शिकायतें पुलिस और दूरसंचार विभाग को भी की गईं, परंतु इसका कोई हल नहीं होने के कारण थककर इसे कॉल सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया। इस समस्या के निराकरण में पुलिस और दूरसंचार विभाग ने कोई रुचि नहीं दिखाई।


पुलिस भी बदमाशों से परेशान

यूँ तो पुलिस का काम जनता को बदमाशों से सुरक्षा दिलाने का और भयमुक्त वातावरण बनाने का है, परंतु विभागीय सूत्रों की माने तो पुलिस का आपातकालीन सेवा के लिए शुरू किया गया 100 नंबर काफी समय से केवल इसलिए बंद था, क्योंकि इस नंबर पर अनजान लोग फोन लगाकर ऑपरेटर को परेशान कर रहे थे। पुलिस ने इन हरकतों से परेशान होकर इस नंबर को ही बंद कर दिया था। पुलिस विभाग ने इस नंबर को दो दिन पूर्व ही पुनः बहाल किया है। इसके साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम के 231009 पर भी किसी घटना की सूचना दी जा सकती है। -निप्र




पुलिस के पास इन नंबरों के लिए इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। कुछ समय से तकनीकी समस्याओं के चलते डायल 100 जरूर बंद था, परंतु उसे भी शुरू करा दिया गया है। यदि नगर पालिका या अस्पताल से इस तरह की शिकायत आती है तो ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा। साथ ही संबंधित विभागों को कॉलर आईडी फोन उपकरण का उपयोग करना चाहिए। - सोनाली दुबे, एसडीओपी, खरगोन