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निर्मल बाबा पर पाखंडी होने का आरोप

रायपुर| Naidunia| Last Modified शनिवार, 7 अप्रैल 2012 (00:46 IST)
टीवी चैनलों में दिखाए जा रहे थर्ड आई निर्मल बाबा कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करने वाले निर्मल बाबा पर पाखंडी बाबा होने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में डीडी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबा लोगों को अनर्गल उपाय बतलाकर उनके साथ धोखाधड़ी करके फीस के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं। बाबा के बताए उपाय खोखले और भोलेभाले लोगों को गुमराह करने वाले हैं।


रविशंकर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष योगेन्द्र शंकर शुक्ला ने प्रेसवार्ता में बताया कि चैनलों में निर्मल बाबा को ईश्वर का अवतार व दुखों का हरण करने वाले बाबा के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। वे लोगों को बताते हैं कि समस्याएं सुलझाने के लिए भजिया, समोसा खाएं या महंगे जूते पहने, महंगा पर्स जेब में रखें या नोटों की गड्डी तिजोरी में रखें। घर में शिव लिंग न रखें। ऐसे ही अनेक उपाय पूर्ण रूप से खोखले हैं और इनसे समस्या का समाधान नहीं होता बल्कि लोगों में अंधविश्वास जैसी भावना पनपती है। बाबा यदि चमत्कारिक हैं तो लोगों से फीस के रूप में दो हजार रुपए क्यों वसूलते हैं। ईश्वरीय शक्ति जनकल्याण के लिए होती है न कि धनोपार्जन करने के लिए। बाबा के उपाय किसी भी शास्त्र, धर्म-संप्रदाय में उल्लेखित नहीं है। श्री शुक्ला ने बताया कि शिवलिंग को घर में न रखने की सलाह से उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। वे बरसों से शंकर के भक्त हैं और उनके जैसे अनेक लोग आहत हुए हैं।

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