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छग में भी वीआईपी की चिंता

रायपुर| Naidunia| Last Modified शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012 (00:57 IST)
नक्सलियों द्वारा विदेशी नागरिक व जनप्रतिनिधियों की अपहरण की नई रणनीति ने छत्तीसगढ़ पुलिस को चिंता में बढ़ा दी है। यहां के नक्सल प्रभावित इलाकों के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतन शुरू हो गया है।


उड़ीसा सरकार ने वहां नक्सलियों द्वारा अपहृत इतावली नागरिक व विधायक झीना हिकाका की रिहाई के एवज में विभिन्ना जेलों में बंद 27 लोगों को छोड़ने के निर्णय लिया है। इनमें आठ माओवादी और 15 चाली मुलिया आदिवासी संघ के सदस्य हैं। इन लोगों पर नक्सली समर्थित होने का आरोप हैं। उड़ीसा सरकार के इस निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की चिंता बढ़ गई है । प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से दस धूर नक्सल प्रभावित हैं। इनमें बिंद्रानवागढ़,अंतागढ़,भानुप्रतापपुर, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर , दंतेवाड़ा,जगदलपुर और बीजापुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों के जनप्रतिनिधियों को नक्सली कई बार निशाना बनाने की कोशिश कर चुके हैं। ऐन दशहरा के वक्त नक्सली बिंद्रानवागढ़ विधायक डमरूधर पुजारी के घर में घूसकर उनके गनमैन का हथियार लूट कर ले गए थे। इसके कुछ दिन बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल के काफिले पर नक्सलियों ने उदंती पुल के पास हमाला कर दिया था। इस घटना में चार कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इसी तरह दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी और बीजापुर विधायक महेश गागड़ा के काफिले पर हमाला हो चुका है।


जानकारों का कहना है कि अपहृत इतावली नागरिक और विधायक की रिहाई के एवज में माओवादियों को छोड़ने के निर्णय से नक्सलियों के हौसले और बढ़ेंगे। नक्सली अपने प्रभाव वाले दूसरे राज्यों में भी अपहरण की रणनीति अपनाएंगे।

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