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कम्युनिटी रेडियो की अच्छी संभावनाएं : बैजेंद्र

रायपुर| Naidunia| Last Modified रविवार, 8 अप्रैल 2012 (00:52 IST)
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ आकाशवाणी, दूरदर्शन और विभिन्ना निजी टेलीविजन तथा एफ.एम. रेडियो चैनलों के बढ़ते प्रसार के बीच इन दिनों भारत में सामुदायिक रेडियो का एक नया विचार भी विशेष रूप से आंध्रप्रदेश, झारखंड और मध्यप्रदेश के दूरस्थ इलाकों में साकार हो रहा है। कुछ किलोमीटर की परिधि में स्थानीय स्तर पर न्यूनतम खर्च में अपनी बात इसके माध्यम से लोगों तक आसानी से पहुंचायी जा सकती है। छत्तीसगढ़ में भी इसकी काफी संभावनाएं है। निकट भविष्य में राज्य सरकार सामुदायिक रेडियो की अवधारणा के बारे में एक कार्यशाला भी आयोजित करेगी।


यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क विभाग के प्रमुख सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने मंत्रालय परिसर स्थित छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में जनसम्पर्क विभाग के नवनियुक्त सूचना सहायकों को सामुदायिक अथवा कम्प्युनिटी रेडियो के बारे में बताया कि इसके प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय जनता की सक्रिय और सीधी भागीदारी होती है। इसलिए इन कार्यक्रमों का मूल्यांकन भी जनता अपने स्तर पर कर सकती है। मध्यप्रदेश के भाभरा (झाबुआ) जिले में इसका प्रयोग काफी अच्छा रहा है। अगर कोई प्रतिष्ठित संस्था सामुदायिक रेडियो संचालन के लिए आगे आना चाहे तो सरकार उसे हर संभव सहयोग और मार्ग-दर्शन देगी। सामुदायिक रेडियो स्टेशन अब अपने कार्यक्रमों के बीच दस मिनट के स्थानीय विज्ञापन भी प्रसारित कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार ने अनुमति दे दी है।

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