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Written By WD

वास्तुशास्त्र में भी है पालतू पशु-पक्षी का महत्व

वास्तुशास्त्र में भी है पालतू पशु-पक्षी का महत्व - वास्तुशास्त्र में भी है पालतू पशु-पक्षी का महत्व
- प्रमोद त्रिवेदी 'पुष्प'  
 
आज के हाईटेक युग में भी अधिकांश लोग किसी प्राणी के रंग के साथ शगुन-अपशगुन को जोड़कर देखने का प्रयत्न करते हैं। घर में कोई प्राणी या पक्षी पालने के पहले अक्सर ज्योतिष-वास्तुशास्त्र की सलाह ली जाती है। प्राणियों और पक्षियों में अनिष्ट तत्वों को काबू में रखने की अद्भुत शक्तियाँ होती हैं। इस ब्रह्मांड में व्याप्त नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय बनाने की ताकत इन पालतू प्राणियों में होती है। 
 

 
 
 
मानव का सबसे वफादार मित्र कुत्ता भी नकारात्मक शक्तियों को खत्म कर सकता है। उसमें भी काला कुत्ता सबसे ज्यादा उपयोगी सिद्ध होता है। प्रसिद्ध ज्योतिषी जयप्रकाश लाल धागेवाले कहते हैं- 'यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती है।' वैसे काले रंग से बहुतों को चिढ़ हो सकती है, पर यह शुभ है। 
 
तद्नुसार काले कौवे को भोजन करने (कराने) से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है। अलबत्ता कौवा बहुत डरपोक होता है और मानव से बहुत घबराता है। कौवे को एक ही आंख से दिखाई देता है। 
 
शुक्र देवता भी एकांक्षी हैं। शुक्र जैसे ही शनि देवता हैं। उनकी भी एक ही दृष्टि है। अतः शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए। घर की मुंडेर पर कौवा बोले तो मेहमान जरूर आते हैं। परंतु यह भी कहा गया कि कौवा घर की उत्तर दिशा में बोले तो घर में लक्ष्मी आती है, पश्चिम दिशा में मेहमान, पूर्व में शुभ समाचार और दक्षिण दिशा में बोले तो माठा (बुरा) समाचार आता है। 
 
 हमारे शास्त्रों में गाय के संबंध में अनेक बातें लिखी हुई हैं जैसे- शुक्र की तुलना सुंदर स्त्री से की जाती है। इसे गाय के साथ भी जोड़ते हैं। अतः शुक्र के अनिष्ट से बचने के लिए गौ-दान का प्रावधान है। जिस भू-भाग पर मकान बनाना हो तो पंद्रह दिन तक गाय-बछड़ा बांधने से वह जगह पवित्र हो जाती है। भू-भाग से बहुत सी आसुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। 
 
तोते का हरा रंग बुध ग्रह के साथ जोड़कर देखा जाता है। अतः घर में तोता पालने से बुध की कुदृष्टि का प्रभाव दूर होता है। घोड़ा पालना भी शुभ है। सभी लोग घोड़ा पाल नहीं सकते फिर काले घोड़े की नाल को घर में रखने से शनि के कोप से बचा जा सकता है। 
 
मछलियों को पालने व आटे की गोलियां खिलाने से अनेक दोष दूर होते हैं। इसके लिए सात प्रकार के अनाज के आटे का पिंड बना लें। अपनी उम्र के वर्ष बराबर बार पिंड को शरीर से उतार लें। फिर अपनी उम्र जितनी गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। 
 
घर में फिश-पॉट (मछली पात्र) रखने की सलाह भी देते हैं जो सुख-समृद्धिदायक है। कहा जाता है कि मछली अपने मालिक पर आने वाली विपदा को अपने ऊपर ले लेती है।

कबूतरों को शिव-पार्वती के प्रतीक रूप माना जाता है, परंतु वास्तुशास्त्र की दृष्टि से कबूतर बहुत अपशगुनी माना जाता है। 
 
दुनिया के अधिकांश देशों में बिल्ली का दिखना अपशगुन माना जाता है। काली बिल्ली को अंधकार का प्रतीक माना जाता है।

अनोखी बात यह भी है कि ब्रिटेन में काली बिल्ली को शुभ माना जाता है।

अंत में कुत्ते के बारे में एक बात और यह कि कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है।

गुरुवार को हाथी को केले खिलाने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं।