अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में छाया छग
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हो रहे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों और पर्यटन संभावनाओं पर विभिन्न देशों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। विदेशी प्रतिनिधियों और पर्यटकों ने छत्तीसगढ़ के लोक संगीत, लोक नृत्य, नाचा, गम्मत और महाभारत गायन की पण्डवानी शैली सहित राज्य के परंपरागत हस्तशिल्प में विशेष रूप से अपनी दिलचस्पी दिखाई। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों और पर्यटन पैकेज के बारे में जर्मन भाषा में प्रकाशित साहित्य भी वितरीत किया गया।सम्मेलन में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष कृष्ण कुमार राय, प्रदेश सरकार के पर्यटन सचिव केडीपी राव और पर्यटन मंडल के अन्य अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। यह 11 मार्च तक चलेगा।
सम्मेलन के पहले दिन शुक्रवार को बर्लिन में भारत सरकार के पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय के साथ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई, जिसमें सहाय ने छत्तीसगढ़ को पर्यटन विकास के लिए केन्द्र की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। राय ने उन्हें बताया कि राज्य में हाल के कुछ वर्षों में पर्यटन सुविधाओं के विकास में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।राज्य में 18 स्थानों पर पर्यटन मंडल द्वारा होटल, मोटल और विश्रामगृहों का संचालन प्रबंधकीय अनुबंध के आधार पर किया जा रहा है। रायपुर सहित बिलासपुर, डोंगरगढ़, धमतरी, जगदलपुर और चम्पारण्य तथा राज्य के बाहर नागपुर, अहमदाबाद, कोलकाता, दिल्ली और विशाखापट्नम में भी पर्यटन सूचना केन्द्रों की स्थापना की गई है। 13 मार्च को छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल की जर्मनी से भारत वापसी होगी।