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Last Modified: शुक्रवार, 30 जुलाई 2021 (15:22 IST)

चीनी ताइपे मुक्केबाज से 4 बार हार चुकी थी लवलीना, लेकिन आज यह सोचकर उतरी थी रिंग में

चीनी ताइपे मुक्केबाज से 4 बार हार चुकी थी लवलीना, लेकिन आज यह सोचकर उतरी थी रिंग में - lovlina borgohain opens up about semifinal entry
नई दिल्ली: भारत के लिये दूसरा ओलंपिक पदक पक्का करने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने शुक्रवार को कहा कि तोक्यो खेलों के क्वार्टरफाइनल में वह कोई रणनीति बनाकर नहीं उतरी थी बल्कि रिंग के अंदर की परिस्थितियों के हिसाब से खेली थी क्योंकि चीनी ताइपे की मुक्केबाज से वह पहले चार बार हार चुकी थीं।
लवलीना ने पूर्व विश्व चैम्पियन नियेन चिन चेन को 4 -1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश भारत के लिये इन खेलों में दूसरा पदक पक्का कर दिया ।
 
असम की 23 वर्ष की मुक्केबाज का सामना मौजूदा विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसानेज सुरमेनेली से होगा।
 
लवलीना ने तोक्यो से वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मैं उससे (नियेन चिन चेन) चार बार हार चुकी थी। खुद को साबित करना चाहती थी। मुझे लगा यही मौका है, अब मैं चार बार हारने का बदला लूंगी। ’’
 
किस रणनीति के साथ रिंग में उतरी थीं,
इस पर उन्होंने कहा, ‘‘कोई रणनीति नहीं थी क्योंकि प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज इससे पकड़ सकती थी। इसलिये मैंने सोचा कि रिंग में ही देखूंगी और वहीं परिस्थितियों के हिसाब से खेलूंगी। मैं खुलकर खेल रही थी। ’’
 
यह युवा मुक्केबाज कई परेशानियों से जूझने के बाद यहां अपने पहले ओलंपिक तक पहुंची है, लेकिन अभी उनका इरादा कुछ भी सोचकर ध्यान भटकाने का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात तो मैं अभी कुछ ज्यादा नहीं सोच रही हूं। मुझे कांस्य पदक पर नहीं रूकना। खुद को साबित करके दिखाना था, मैंने यहां तक पहुंचने के लिये आठ साल मेहनत की है। ’’
 
अगले मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य स्वर्ण पदक है। पदक तो एक ही होता है। उसके लिये ही तैयारी करनी है। सेमीफाइनल की रणनीति बनानी है। ’’
 
इतनी निडर मुक्केबाज कैसे बनी
लवलीना ने कहा, ‘‘मैं पहले ऐसी नहीं थी। डर डर कर खेलती थी। कुछ टूर्नामेंट में खेलकर धीरे धीरे डर खत्म हुआ। रिंग में उतरने से पहले भी डरती थी। लेकिन फिर खुद पर विश्वास करने लगी, लोग कुछ भी कहें, अब फर्क नहीं पड़ता जिससे निडर होकर खेलने लगी। ’’
 
वह खुद में सुधार के लिये ‘स्ट्रेंथ कंडिशनिंग’ को भी अहम मानती हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सबसे बड़ी समस्या ‘स्ट्रेंथ’ थी, जिस पर मैंने काफी काम किया। खेल विज्ञान से काफी फायदा हुआ। ’’
 
क्वार्टरफाइनल में खेलने से पहले दबाव था?
 
तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई दबाव नहीं लिया, हालांकि दबाव था। मैंने सोचा कि दबाव लेने से अच्छा नहीं खेल पाते। मैं ‘फ्री’ होकर खेली और यही सोचा कि दबाव मुक्त होकर ही खेलना है। पूरा भारत प्रार्थना कर रहा है, मुझे अपना शत प्रतिशत देना है। ’’
 
वह पिछले साल कोविड-19 पॉजिटिव हो गयी थीं, जिसके बाद वह टूर्नामेंट में खेलने नहीं जा सकीं। लवलीना ने हालांकि अपनी तैयारियों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोविड-19 से उबरकर वापसी की तो टूर्नामेंट भी नहीं मिल रहे थे क्योंकि आयोजित ही नहीं हो पा रहे थे। टूर्नामेंट का अहसास नहीं मिल पा रहा था और ‘स्पारिंग’ नहीं हो रही थी। मैंने सोचा कि कैसे करूं तो ट्रेनिंग उसी हिसाब से की। हमारे कोचों की वजह से अच्छा कर पायी। ’’
मेरीकॉम हैं प्रेरणास्रोत
पूर्वोत्तर ने भारत को मुक्केबाजी में दो पदक दिलाये हैं जो दो महिलाओं ने जीते हैं। छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता) से प्रेरणा लेने वाली लवलीना ने कहा, ‘‘मेरीकॉम प्रेरणास्रोत हैं। मैरी दीदी का ही नाम सुना था। उनकी परेशानियां भी देखी हैं, उनके बारे में सुना था, उनके साथ ट्रेनिंग करते हैं, उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। खुशी होती है कि हम उनके साथ खेलते हैं। ’’
 
मोहम्मद अली की प्रशंसक लवलीना
मुक्केबाजी स्टार मोहम्मद अली की प्रशंसक लवलीना उनसे काफी प्रेरणा लेती हैं, उन्होंने कहा, वह दूरी बनाकर खेलते हैं , उनकी एक दो बार वीडियो देखी हैं। उनका ‘फुटवर्क’ और ‘लांग पंच’ देखती हूं, हालांकि हर मुक्केबाज अलग होता है। ’’
 
अगली बाउट के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सेमीफाइनल में अभी समय है। चार अगस्त को मुकाबला है। तुर्की की मुक्केबाज का वीडियो देखा है लेकिन कोई रणनीति अभी तक नहीं बनायी है। ’’
 
लवलीना ने अपने करियर की शुरूआत मार्शल आर्ट ‘मोहाई थाई’ से की थी जिसमें उनकी दोनों बहनें कई राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हैं। तो क्या इससे उन्हें मुक्केबाजी में कुछ फायदा मिला। इस पर लवलीना ने कहा, ‘‘कोई फायदा नहीं मिला। एक ही साल सीखा था। आज उसकी वजह से जीती हूं, यह नहीं बोल सकती। मोहाई थाई में जो कुछ सीखा था, उससे मैं राष्ट्रीय चैम्पियन भी बनी थी। ’’
 
भारत का दूसरा पदक पक्का करने वाली लवलीना को मिल रही बधाइयां
 
भारत के लिये तोक्यो ओलंपिक में दूसरा पदक पक्का करने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और शीर्ष निशानेबाज अभिनव बिंद्रा सहित कईयों ने दी ।
 
ठाकुर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘ लवलीना सेमीफाइनल में पहुंच गयी। शानदार लवलीना बोरगोहेन। सुबह उठते ही भारत के लिये कितनी शानदार खबर। हम आपको रिंग में देखने के लिये टीवी देखते रहे। ’’
भारत के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा, ‘‘लवलीना बोरगोहेन सुपर सुपर शो। दो मुकाबले और, स्वर्ण पदक की कोशिश करो। ’’
 
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिश्व सर्मा ने गोलाघाट जिले की मुक्केबाज को बधाई देते हुए कहा, ‘‘यह बड़ा पंच है। लवलीना बोरगोहेन हमें गौरवान्वित करना जारी रखो और तोक्यो ओलंपिक में भारत का झंडा ऊंचा और चमकदार रखो। बहुत बढ़िया। ’’
 
पूर्व खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने अपना दूसरा ओलंपिक पदक पक्का किया। लवलीना ने कितनी शानदार मुक्केबाजी की। वह सेमीफाइनल में पहुंच गयी और तोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक की कोशिश करेगी। ’’(भाषा) 
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