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Last Modified: मंगलवार, 20 जुलाई 2021 (13:17 IST)

टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को भाया दाल पराठां, दूतावास ने मांगी 100 इलेक्ट्रिक केतली

टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को भाया दाल पराठां, दूतावास ने मांगी 100 इलेक्ट्रिक केतली - Indian athletes being given almost home made food
टोक्यो:सोमवार को भारतीय ओलंपिक मेडल विजेता और मुक्केबाज मैरी कॉम ने एक फोटो शेयर किया था जिसमें वह नाश्ते से पहले प्राथना कर रही थी। इसके बाद सभी फैंस को उत्सुक्ता हुई कि वहां पर भारतीय खिलाड़ियों का खान पान क्या भारत जैसा ही है या अलग प्रकार का खाना खिलाड़ियों को दिया जा रहा है।
टोक्यो ओलंपिक  के खेल गांव में डाइनिंग हॉल में दुनिया भर के व्यंजन परोसे जा रहे हैं जिनमें भारतीय दाल और परांठे भी शामिल है।भारतीय दल ने हालांकि उसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रया दी है। वही खिलाड़ियों की गर्म पानी की मांग के मद्देनजर भारतीय दूतावास से 100 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक केतली मांगी गई हैं।
 
खेल गांव में कमरों में केतलियां नहीं रखी गई हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी के कारण व्यक्तिगत संपर्क न्यूनतम रखने की कवायद में कमरों की सफाई तीन दिन में एक बार होगी। भारत के अधिकांश खिलाड़ी रविवार को यहां पहुंच गए और खेल गांव में दो दिन बिता चुके हैं।
 
भारतीय दल के उप प्रमुख प्रेम वर्मा ने सोमवार को बताया, ‘केतलियों की खिलाड़ियों को जरूरत है। उन्हें सुबह गर्म पानी पीना होता है. हमने भारतीय दूतावास से इसका बंदोबस्त करने का अनुरोध किया है।’ टीम के एक अधिकारी ने बताया कि कमरे अच्छे हैं लेकिन रविवार से उनकी सफाई नहीं हुई है। इस पर वर्मा ने कहा, ‘संपर्क न्यूनतम रखने के लिये स्थानीय आयोजन समिति हर तीन दिन में सफाई कराएगी। किसी को रोज सफाई की जरूरत है तो कह सकते हैं। तौलिये रोज बदले जा सकते हैं।’
 
टेबल टेनिस खिलाड़ी जी साथियान ने बताया कि उन्हें खाने और अभ्यास की सुविधा से कोई दिक्कत नहीं है। वहीं एक अधिकारी ने कहा कि देसी खाना बेहतर हो सकता है। साथियान ने कहा, ‘मैंने कल दाल और परांठा खाया जो अच्छा था।’ वहीं अधिकारी ने कहा, ‘मैं भारतीयों से कांटिनेंटल या जापानी खाना चखने के लिए कहूंगा। भारतीय खाना औसत है और कई बार कच्चा भी होता है।’
 
वर्मा ने हालांकि कहा, ‘दूसरे देश में आने पर वहां की संस्कृति को अपनाना चाहिए जिसमें खान-पान भी शामिल है। यहां अच्छा भारतीय खाना परोसा जा रहा है। अब जो अपने देश में मिलता है, उससे तुलना नहीं की जानी चाहिए।’ अधिकांश खिलाड़ियों को रोज जांच किट दी जा रही है ताकि अभ्यास पर जाने से पहले वे आईओए अधिकारियों को कोरोना जांच के लिए नमूने दे सकें।
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