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छोटे परदे के 10 बड़े स्टार्स

छोटे परदे के 10 बड़े स्टार्स - Kapil Sharma, Ronit Roy, Ram Kapoor, Shweta Tiwari
- निवेदिता भारती

बात मनोरंजन की हो तो बॉलीवुड से बेहतर कुछ भी नहीं। हर हफ्ते नई रिलीज फिल्मों के साथ मनोरंजन का वादा बॉलीवुड की तरफ से किया जाता है। जिस पर वह कभी खरा साबित होता है और कभी निराश करता है। और छोड़ देता है आपको अगले हफ्ते के इंतजार में। परंतु क्या आपके इस बात पर कभी ध्यान दिया कि हर दिन के 24 घंटे आपका असली मनोरंजन कौन करता है। जी हां, सही समझा आपने। हम बात कर रहे हैं टेलीविजन की। चाहे कानून के रंग 'अदालत' या 'सीआईडी' में हों या कॉमेडी की फुहार 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल', मोहब्बत की बात 'बड़े अच्छे लगते हैं' में हो या 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' से सीख देने की बात, हर दिन टेलीविजन लाइफ के हर एहसास को आपके पास लाता है। आपकी बेसब्री को सिर्फ 23 घंटे बढ़ाते हुए, आपका पसंदीदा कार्यक्रम आपके मनोरंजन के लिए हाजिर हो जाता है। 
 
बॉलीवुड सेलेब्रिटीज और उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग से हम सभी वाकिफ हैं, परंतु भारतीय टेलीविजन में भी कुछ नाम ऐसे हैं, जो दर्शकों के दिलों पर छा चुके हैं। हर दिन बेहतरीन मनोरंजन से सजे इनके प्रोग्राम और इनका उम्दा काम दर्शकों को इनका दीवाना बना देता है। इनकी परफॉर्मेंस इतनी जबरदस्त होती है कि आप वाह कहने पर मजबूर हो जाते हैं। हम जानते हैं आपके मन में रोनित रॉय, राम कपूर, साक्षी तंवर और कपिल शर्मा जैसे नाम आ चुके हैं जिन्हें आप केडी, राम आहुजा और पार्वती भाभी जैसे नामों से ज्यादा बेहतर जानते हैं। टेलीविजन की दुनिया में अपने लिए अलग मुकाम बना चुके इन कलाकारों की प्रतिभा इतनी जबरदस्त है जिसके कारण टीवी पर दिखाई गई लाइफ इनकी अपनी लगती है, परंतु हकीकत में ये बिलकुल अलग हैं। इनकी निजी जिंदगी की एक छोटी-सी झलक देखने चलते हैं। पेश है छोटे परदे के टॉप 10 बड़े स्टार्स जिन्हें दर्शक बेहद पसंद करते हैं। 
 
कपिल शर्मा
कॉमेडी की बात हो और कपिल शर्मा का जिक्र न हो, यह असंभव है। पिछले कुछ सालों में टेलीविजन पर कॉमेडी के क्षेत्र में पड़ रहे अकाल को पूरी तरह से खत्म करने का श्रेय सिर्फ कपिल शर्मा को जाता है। प्रतिभा से भरपूर कपिल हर घर में अपनी मनोरंजक कॉमेडी के लिए एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। इनकी सफलता का रंग इतना गहरा है कि इन्हें 2013 की फोर्ब्स मैग्जीन की भारतीय सेलिब्रिटी लिस्ट में 93वां स्थान दिया गया था। इसमें 2014 में जबरदस्त सुधार आया और इस बार यह 33वां स्थान पाने में कामयाब हुए। साल 2013 में ही सीएनएन-आईबीएन की इंटरटेंमेंट कैटेगरी में इन्हें 'इंडियन ऑफ दि ईयर' घोषित किया गया। 
 
पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए कपिल के पिता पुलिस में हेडकांस्टेबल थे और उनकी माता जनकरानी एक गृहिणी हैं। कपिल को पहला ब्रेक 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर शो' से मिला जिसे उन्होंने जीता भी। इस शो के लिए उन्होंने पहले अमृतसर में ऑडिशन दिया था जिसमें रिजेक्ट होने के बाद हार न मानते हुए उन्होंने फिर से दिल्ली ऑडिशन में हिस्सा लिया और वहां से उनका चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने सोनी टेलीविजन के कॉमेडी सर्कस में भी हिस्सा लिया। 
 
साल 2013 में कपिल ने अपने बैनर के-9 के तले शो 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' शुरू किया। कपिल 'उस्तादों के उस्ताद' में भी काम कर चुके हैं। सोनी टेलीविजन के डांस शो 'झलक दिखला जा' के सीजन 6 में कपिल होस्ट भी रह चुके हैं। कपिल 'बिग बॉस' में भी आ चुके हैं। 
 
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली चुनाव आयोग ने उन्हें ब्रांड एम्बेसेडर घोषित किया था। वे यशराज बैनर की फिल्म 'बैंक चोर' से अपना फिल्म करियर शुरू करने वाले थे। अब उनके फिल्म करियर की शुरुआत अब्बास मस्तान द्वारा निर्देशित फिल्म 'किस-किस को प्यार करूं' से होने जा रही है। इसमें उनके अलावा एली अवराम की मुख्य भूमिका है। 
 
कपिल की लोकप्रियता सरहद पार भी है और वे किसी स्टार से कम नहीं है। बताया जाता है कि एक शो पेश करने के बदले में वे करोड़ रुपये मांगते हैं।  

रोनित रॉय
ऋषभ बजाज, मिहिर विरानी, अपराजित देब और केडी पाठक में एक समानता थी। आप सही समझे। इन सभी किरदारों को पर्दे पर उतारा था रोनित रॉय ने। छोटे पर्दे पर डॉक्टर नचिकेत खन्ना उर्फ डॉक्टर नील के रूप में नजर आ रहे रोनित बॉलीवुड सितारों और प्रोडक्शन हाउस को सुरक्षा देने का बिजनेस भी करते हैं।
 
नागपुर में जन्मे रोनित बिजनेसमैन ब्रोथिन्द्रनाथ और डॉली बोस रॉय के बड़े बेटे हैं। इनके छोटे भाई रोहित रॉय भी भारतीय टेलीविजन का एक जाना-माना नाम है। रोनित का बचपन अहमदाबाद में बीता और इन्होंने होटल मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की। इनके मुंबई आने के बाद ये सुभाष घई के घर में रुके।
 
रोनित शुरुआत में फिल्म इंडस्ट्री में काम खोजना चाहते थे, परंतु घई ने इन्हें ऐसा करने से मना किया। रोनित ने मुंबई के सी रॉक होटल में हर तरह का काम किया जिसमें प्लेट धोने से लेकर बार-टेंडिंग तक शामिल थीं। उन्होंने 1992 में 'जान तेरे नाम' फिल्म में काम किया जिसे व्यावसायिक सफलता भी मिली। वर्तमान में रोनित टीवी के उन सितारों में से एक हैं जिनकी हर दिन की कमाई जबरदस्त है। एक दिन की शूटिंग के लिए रोनित 1.25 लाख रुपए चार्ज करते हैं। 
 
भारतीय टेलीविजन पर बड़ी सफलता हासिल करने के बाद रोनित रॉय बॉलीवुड फिल्मों में भी नजर आए। साल 2010 में समीक्षकों की पहली पसंद बनी फिल्म 'उड़ान' में प्रशंसा बटोरने के साथ ही उन्होंने कई अवॉर्ड भी जीते। इसके बाद उनकी अगली फिल्म अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित 'देट गर्ल इन येलो बुट्स' थी। करन जोहर की 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में भी उनका प्रदर्शन काफी सराहा गया। दीपा मेहता की 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन, संजय गुप्ता की 'शूट आउट एट वडाला' और अनुराग कश्यप की 'अगली' में भी रोनित नजर आए। अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली 'बॉस' के अलावा अर्जुन कपूर के साथ वाली 'टू स्टेट्स' में काम को बहुत पसंद किया गया।
 
रोनित को बालाजी टेलीफिल्म्स से 'कमाल' सीरियल ऑफर किया गया था। कमाल शुरू होने के पहले ही बालाजी टेलीफिल्म्स ने उन्हें 'कसौटी जिंदगी की' में 8 हफ्तों के लिए ऋषभ बजाज का रोल दिया। ऋषभ बजाज एक बदमिजाज परंतु स्टाइलिश बिजनेसमैन था। रोनित ऋषभ बजाज के रूप में बहुत पसंद किए गए और इस धारावाहिक का उन्हें स्थायी हिस्सा बना लिया गया। उनके इस रोल से वे भारतीय घरों में एक जाना-पहचाना नाम बन गए। इसके बाद उन्हें 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी' में मिहिर वीरानी के रूप में चुन लिया गया। अपने करियर के दौरान रोनित ने कमाल, काव्यांजलि, सरकार, कसम से, सुराग और बंदिनी जैसे बेहद धारावाहिकों में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। इनकी बेहतरीन अदाकारी के चलते भारतीय टेलीविजन दर्शकों में रोनित बेहद लोकप्रिय हैं। इनका किसी धारावाहिक का हिस्सा होना उसके सफल होने की बड़ी वजह बन जाता है। रोनित 'झलक दिखला जा' में भी भाग ले चुके हैं। 'ये है जलवा' में भी ये नजर आ चुके हैं। रोनित ने 'किचन चैंपियन' को होस्ट किया है और अभी यह 'अदालत' के केडी पाठक के रूप में टेलीविजन दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। इसके अलावा 'इतना करो ना मुझे प्यार' के डॉक्टर नचिकेत खन्ना बनकर भी दर्शकों का प्यार बटोर रहे हैं।
 
रोनित एक सिक्यूरिटी एजेंसी के मालिक हैं। इनकी कंपनी बॉलीवुड के सफलतम कलाकारों को सुरक्षा देती है। फिल्म लगान, दिल चाहता है, यादें, ना तुम जानो ना हम, साथिया और अरमान के दौरान भी रोनित की कंपनी की सर्विस ली जा चुकी है।
 
साल 2003 में रोनित ने 25 दिसंबर को मॉडल और अभिनेत्री नीलम सिंह से शादी की। रोनित 3 बच्चों के पिता हैं जिनमें उनकी पहली पत्नी से बेटी ओना शामिल हैं। इसके अलावा रोनित और नीलम के 2 बच्चे हैं। 

राम कपूर
साल 2006, 2007 और 2008 में भारतीय टेली का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड जीतने वाले राम कपूर ने भारतीय टेलीविजन में अपनी अलग पहचान कायम की है। 'कसम से' के जय वालिया और 'बड़े अच्छे लगते हैं' के राम कपूर के रूप में उन्होंने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। इसके अलावा राम कपूर 'राखी का स्वयंवर' जैसे सफल प्रोग्राम होस्ट भी किए हैं। राम भी रोनित रॉय की तरह एक दिन का सवा लाख रुपया लेते हैं। 
राम एक धनी पंजाबी खत्री फैमिली में पैदा हुए थे। उनके जन्म के बाद उनकी फैमिली मुंबई आकर बस गई। नैनीताल के शेरवुड कॉलेज के दौरान हेड कैप्टन के आदेश के कारण राम कपूर को उनके इंस्टीट्यूट के मंच प्रोडक्शन की प्रस्तुति 'चार्लेज आंट' में मुख्य भूमिका के लिए ऑडिशन देना पड़ा। इस भूमिका के लिए उन्हें चुन लिया गया। आमिर रजा हुसैन के निर्देशन में काम करते समय राम ने अभिनय के प्रति अपने जुनून को पहचाना। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद राम ने इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का फैसला किया और लॉस एंजिल्स में यूसीएलए में फिल्म मैकिंग पढ़ने का फैसला किया, परंतु वहां जाकर उन्होंने स्टैनिस्लाव्स्की नाम की एक्टिंग एकेडमी में दाखिला ले लिया।
 
साल 1998 में धारावाहिक 'हिना' से शुरू किए करियर में 'क्योंकि सास भी कभी बहु थी', 'देवकी', 'बड़े अच्छे लगते हैं', 'कसम से' और 'दिल की बातें दिल ही जाने' जैसे बेहद लोकप्रिय शो के साथ राम की लोकप्रियता में भी जबरदस्त बढ़त साल-दर-साल देखी गई। दूसरी तरफ 'झलक दिखला जा', 'कमजोर कड़ी कौन' के प्रतियोगी या 'राखी का स्वयंवर', 'वेलकम- बाजी मेहमाननवाजी की' के होस्ट के तौर पर भी राम ने दर्शकों के मन पर राज किया।
 
राम कपूर ने फिल्मों में भी कामयाबी हासिल की है। 'मानसून वेडिंग', 'कार्तिक कालिंग कार्तिक', 'एजेंट विनोद', 'शादी के साइड इफेक्ट', 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर', 'हमशकल्स' और 'कुछ-कुछ लोचा है' जैसी फिल्मों में भी राम कपूर ने अपनी अदाकारी से दर्शकों को प्रभावित किया। 
 
राम ने मॉडल और अभिनेत्री गौतमी गाडगिल से 2003 में शादी की और उनके 2 बच्चे बेटा अक्स कपूर और बेटी सिया कपूर हैं। 

साक्षी तंवर 
'कहानी घर-घर की' की पार्वती भाभी हो या 'बड़े अच्छे लगते हैं' की प्रिया राम कपूर, साक्षी तंवर टेलीविजन पर ऐसे कलाकार के तौर पर जानी जाती हैं जिन्होंने छोटे पर्दे पर आदर्श भारतीय महिलाओं के चरित्र का उदाहरण पेश किया। ये सभी पात्र आधुनिक समय में भारतीय संस्कृति के अनुसार ढले हुए थे। साक्षी द्वारा निभाए गए इन पात्रों ने हर घर में एक ऐसी महिला की उपस्थिति की इच्छा जाग्रत की, जो आधुनिक समय में परिवार को बांधकर रख सके। अपनी समझदारी और निष्ठा से परिवार को मुश्किलों के दौरान संभाल पाए। इसके अलावा छोटे होते परिवारों के बीच बड़े परिवार का सुकून और सुरक्षा भी छोटे परदे के दर्शकों के मन को भा गई। बताया जाता है कि साक्षी तंवर हर दिन की शूटिंग का एक लाख रुपया चार्ज करती हैं। 
 
साक्षी के करियर की शुरुआत दूरदर्शन पर एंकर के रूप में हुई थी। उन्होंने फिल्मी गीतों पर आधारित प्रोग्राम 'अलबेला सुर मेला' में एंकरिंग की थी। साल 2000 में 'कहानी घर-घर की' की पार्वती भाभी के रोल के साथ साक्षी ने जबरदस्त लोकप्रियता का स्वाद चखा। जो उनके 'बड़े अच्छे लगते हैं' के प्रिया राम कपूर के किरदार के साथ जारी रहा। 
 
साक्षी के पिता राजेन्द्र सिंह तंवर, एक सेवानिवृत्त सीबीआई ऑफिसर हैं। एक मध्यमवर्गीय फैमिली से ताल्लुक रखने वाली साक्षी का बचपन राजस्थान के अलवर में बीता। बहुत से केंद्रीय विद्यालयों से स्कूलिंग करने के बाद साक्षी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुशन पूरा किया। ग्रेजुएशन के बाद वे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं। इस दौरान उन्होंने दूरदर्शन के 'अल्बेला सुर मेला' का ऑडिशन दिया। जिसमें उनका सिलेक्शन होने के बाद उनकी भारतीय टेलीविजन पर करियर की शुरुआत हो गई।
 
साक्षी 'कॉफी विद करन' में गेस्ट के तौर पर आ चुकी हैं। 'क्राइम पेट्रोल' के सीजन-2 को साक्षी अनूप सोनी के साथ होस्ट कर चुकी हैं। इसके अलावा 'कौन बनेगा करोड़पति' में भी साक्षी आ चुकी हैं। इसके अलावा साक्षी फिल्म 'सी कंपनी', 'मोहल्ला अस्सी', 'आतंकवादी अंकल' और 'कहीं दूर' का हिस्सा भी बन चुकी हैं। 2002 और 2003 में साक्षी इंडियन टेली का सबसे बेहतरीन अदाकारा का अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं।

श्वेता तिवारी
'कसौटी जिंदगी की' में प्रेरणा का रोल निभाकर भारतीय दर्शकों में लोकप्रिय हुईं श्वेता तिवारी ने 'बिग बॉस' के सीजन 4 में भी बड़ी जीत दर्ज की। श्वेता तिवारी ने 'बिग बॉस' में जीत के साथ एक करोड़ की राशि जीती। 'परवरिश-कुछ खट्टी कुछ मीठी' में स्वीटी अहलूवालिया की भूमिका में भी श्वेता दर्शकों द्वारा बहुत पसंद की गईं।
श्वेता का उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में निर्मला और अशोक तिवारी के यहां जन्म हुआ। उनकी परवरिश मुंबई में हुई। श्वेता ने सेंट इसाबेल स्कूल के शिक्षा प्राप्त की। 12 साल की उम्र में वे एक ट्रेवलिंग एजेंसी के साथ 500 रुपए प्रतिमाह की सैलरी पर काम करती थीं। श्वेता का एक्टिंग करियर 1999 में शुरू हुआ। 'कसौटी जिंदगी की' में प्रेरणा के रोल में उन्हें बहुत पसंद किया गया। श्वेता बहुत सारे विज्ञापन और डांस शो का हिस्सा बन चुकी हैं। बॉलीवुड के अलावा श्वेता भोजपुरी फिल्मों में भी सक्रिय हैं। स्टार प्लस के रियलिटी डांस शो 'आजा माही वे' में वे जज के रूप में नजर आईं। फिल्म 'बिन बुलाए बराती' में श्वेता के एक कैमियो किया है वहीं 'मिले ना मिलें हम' में वह एक आयटम सांग में नजर आईं। 
 
1998 में श्वेता ने अभिनेता राजा चौधरी से शादी की। 2007 में श्वेता ने राजा के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दायर किया और इसी साल उनका तलाक हो गया। बाद में उन्होंने अभिनव कोहली के साथ शादी कर ली। उनकी राजा चौधरी के साथ शादी से एक बेटी पलक है। 

दिलीप जोशी
अनगिनत भारतीय घरों में 'जेठालाल चंपकलाल गढ़ा' के रूप में हर शाम इनका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। दिलीप जोशी जिन्हें 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के जेठालाल के रूप में जबरदस्त प्रसिद्धि मिली, इसके पहले भी कई सारे धारावाहिकों और फिल्मों में आ चुके हैं, परंतु जेठालाल की भूमिका के बाद ये अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुए।
दिलीप जोशी और उनकी पत्नी जयमाला जोशी के 2 बच्चे हैं। उनकी बेटी कॉलेज में तो बेटा कक्षा 10 में अध्ययनरत हैं। वे अपने परिवार के साथ मुंबई में निवास करते हैं।
 
दिलीप बहुत से गुजराती ड्रामा में भाग ले चुके हैं। उनका एक गुजराती ड्रामा 'बापु तमे कमाल करी' काफी लोकप्रिय हुआ। 'ये दुनिया है रंगीन' और 'क्या बात है' में दिलीप एक दक्षिण भारतीय के रूप में नजर आ चुके हैं। बॉलीवुड की जबरदस्त सफल फिल्मों 'हम आपके हैं कौन' और 'मैंने प्यार किया' का भी वे हिस्सा बन चुके हैं।
 
भारतीय टेलीविजन पर लोकप्रिय धारावाहिकों 'कभी ये कभी वो', 'हम सब एक हैं', 'शुभ मंगल सावधान', 'क्या बात है' और 'मेरी बीवी वंडरफुल' में भी दिलीप ने अपने अभिनय से दर्शकों के दिल में खास स्थान हासिल किया। बच्चों की कॉमेडी 'अगडम बगडम तिगडम' में वे टप्पू अंकल के रूप में प्रभावित करने में सफल रहे। साल 2009 में आई फिल्मों 'ढूंढते रह जाओगे' और आशुतोष गवारीकर की 'वॉट्स योर राशी' में भी दिलीप ने खास भूमिकाएं निभाई थीं।

आलोक नाथ झा
भारतीय टेलीविजन पर आलोक नाथ ऐसे कलाकार हैं, जो दशकों से दर्शकों का मनोरंजन एक चरित्र अभिनेता के रूप में कर रहे हैं। धारावाहिकों और फिल्मों में समान रूप से नजर आने वाले आलोक नाथ किसी एक किरदार में बंधकर नहीं रहे, बल्कि साल-दर-साल अपने करियर में नए किरदारों और भूमिकाओं के साथ निखार लाते रहे हैं। 
दिल्ली में पैदा हुए आलोक नाथ सबसे पहले 'बुनियाद' धारावाहिक के हवेलीराम के रूप में दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किए गए। सलमान की फिल्म 'मैंने प्यार किया' में भाग्यश्री के खुद्दार पिता की भूमिका में भी प्रभावशाली रहे। 
 
फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में जसवंत सिंह, 'अग्निपथ' के दीनानाथ चौहान, ' शोला और शबनम', 'हम आपके हैं कौन', 'कभी खुशी कभी गम', 'परदेस', 'हम साथ-साथ हैं' और 'विवाह' जैसी फिल्मों का हिस्सा बन चुके आलोक नाथ के किरदार इतने प्रभावी होते हैं कि उनके बिना फिल्म की कल्पना करना भी मुमकिन नहीं है। 
 
आलोक नाथ ने करियर की शुरुआत साल 1980 में धारावाहिक 'रिश्ते-नाते' के साथ की। 1987 में आए धारावाहिक 'बुनियाद' के रोल में वे दर्शकों के मन में हमेशा के लिए बस गए। भारत की आजादी के तुरंत बाद हुए बंटवारे को पृष्ठभूमि के रूप में लेकर बने इस धारावाहिक में देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी और ऐसे कठिन दौर में मास्टर हवेलीराम और उनकी छात्रा के बीच उपजे प्यार को आलोक नाथ ने अपनी अदाकारी से नई ऊचांइयां दीं।
 
'बुनियाद' के बाद आलोक नाथ 'तलाश', 'तारा', 'कभी-कभी', 'पिया का घर', 'वो रहने वाली महलों की', 'हर घर कुछ कहता है' और 'यहां मैं घर-घर खेली' जैसे अतिसफल धारावाहिकों का हिस्सा बन चुके हैं।
 
'लाइफ ओके' पर आलोक नाथ 'मेरे रंग में रंगने वाली' धारावाहिक में दादाजी की भूमिका में नजर आ रहे हैं। राजश्री प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस धारावाहिक में आलोक परिवार के मुखिया हैं। उनके पोते एलडी की शादी गलती से एक लड़की राधा के साथ हो जाती है। धीरे-धीरे राधा और एलडी करीब आ जाते हैं और अपनी इस शादी को स्वीकारना चाहते हैं, परंतु दादाजी राधा को अपने पोते के लिए सही नहीं मानते और चालाकी से राधा से कुछ जरूरी कागजात पर सिग्नेचर ले लेते हैं, जो उसकी शादी टूटने की वजह बनती है। 

शिवाजी साटम 
शिवाजी साटम एसीपी प्रदुमन के रूप में भारतीय दर्शकों के मन पर अमिट छाप छोड़ने में सफल हुए हैं। अपने अनोखे अंदाज के चलते 'सीआईडी' के इस ऑफिसर के डायलॉग हर किसी की जुबान पर चढ़ गए। एक दशक से ज्यादा भारतीय दर्शकों का मनोरंजन कर रहे एसीपी प्रदुमन के अलावा शिवाजी साटम सिनेमा का भी एक जाना-माना नाम है। हिन्दी और मराठी फिल्म जगत में शिवाजी साटम ने अपनी अनोखी पहचान बनाई है। वास्तव, गुलाम-ए-मुस्तफा, यशवंत, चाइना गेट, टैक्सी नं 9211, नायक, जिस देश में गंगा रहता है, सूर्यवशंम, हुतुतु के अलावा अनेक मराठी भाषा की फिल्मों में शिवाजी साटम के काम को बेहद पसंद किया गया है। शिवाजी साटम की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से बखूबी लगाया जा सकता है कि वे एक दिन की शूटिंग की फीस के तौर पर एक लाख रुपए चार्ज करते हैं। 
 
शिवाजी साटम ने केमिस्ट्री से ग्रेजुएशन करने के बाद बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद वे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कैशियर के तौर पर कार्यरत रहे। शिवाजी रंगमंच के बेहद शौकीन रहे हैं और बैंक की नौकरी के दौरान ही वे रंगमंच की तरफ मुड़ गए। 
 
1980 में शिवाजी साटम ने लोकप्रिय टीवी धारावाहिक 'रिश्ते-नाते' के साथ अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वे 'ट्रॉयल्स ऑफ इंडिया' में नजर आए। लोकप्रिय मराठी शो 'शून्य-शून्य' में भी शिवाजी ने दर्शकों को प्रभावित किया। इसके बाद शिवाजी ने अनेक धारावाहिकों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं, परंतु 'सीआईडी' के एसीपी प्रदुमन के रोल के बाद अन्य कोई रोल उनकी इस प्रसिद्धि को छू भी नई सका। एसीपी प्रदुमन के रूप में उनकी लोकप्रियता देश की हद पार कर अंतरराष्ट्रीय हो चुकी है। 2012 का बेस्ट एक्टर गोल्ड अवॉर्ड शिवाजी को उनके एसीपी प्रदुमन के रोल के लिया दिया गया। 2013 में शिवाजी साटम पूरी तरह से फिल्मों की तरफ मुड़ जाना चाहते थे, परंतु जनता की मांग पर उन्हें 'सीआईडी' में वापस लाया गया। 
 
शिवाजी साटम की शादी अरुणा साटम के साथ हुई थी जिनकी साल 2000 में कैंसर से मृत्यु हो गई। अक्सर टीवी शो और अवॉर्ड फंक्शन के दौरान शिवाजी साटम को भावुक होते देखा गया है। शिवाजी साटम के 2 पुत्र हैं जिनकी रंगमंच में खासी रुचि है। उनके एक पुत्र अभिजीत साटम मराठी फिल्म निर्माता हैं। 

कविता कौशिक 
सब टीवी के कॉमेडी शो 'एफआईआर' में चंद्रमुखी चौटाला के रूप में दर्शकों का प्यार बटोर रहीं कविता कौशिक अपने इस रोल के लिए 51 अवॉर्ड जीत चुकी हैं। उन्हें चंद्रमुखी के किरदार के लिए कॉमेडी रोल का इंडियन टेली बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी मिल चुका है। 
कविता कौशिल ने एक मध्यमवर्गीय परिवार में दिनेश चंद्र कौशिक के यहां जन्म लिया। उनके पिता सीआरपीएफ अफसर रह चुके हैं। भारतीय टेलीविजन पर अभिनय शुरू करने के पहले अपने कॉलेज के दिनों में कविता मॉडलिंग करती थीं और बहुत से स्टेज शो में सूत्रधार बन चुकी थीं। साल 2001 में वे 'कुटुंब' धारावाहिक के लिए ऑडिशन में शामिल हुईं और मुंबई आकर बस गईं।
 
'क़ुटुंब' में नजर आने के बाद कविता कौशिक ने प्रसिद्ध धारावाहिक 'कहानी घर-घर की' में मान्या दोशी का किरदार निभाया। इसके बाद वे 'कुमकुम' में राहुल वाधवा की पत्नी नैना बनीं और उनका अगला रोल एक टपोरी लड़की का था, जो नितिन, रघु और अक्की की लाइफ में तब आती है, जब राम शो से बाहर निकल जाता है।
 
'रीमिक्स' सीरियल में कविता ने पल्लवी का किरदार निभाया जिसमें वे एक वकील की भूमिका में थीं, जो सुमीत आहुजा से शादी करना चाहती थी। इसके अलावा वे 'तुम्हारी दिशा' और 'सीआईडी' में भी छोटी भूमिकाओं में नजर आ चुकी हैं। टेलीविजन के अलावा कविता फिल्म 'फिल्लम सिटी' और 'मुंबई कटिंग' का भी हिस्सा बन चुकी हैं। अपूर्व लखिया की 'जंजीर' में कविता एक आयटम सांग कर चुकी हैं। 
 
सब टीवी पर प्रसारित होने वाले 'एफआईआर' में कविता का हरियाणा की पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार दर्शकों के दिल में खासतौर पर बस चुका है। उन्होंने ऐसे पुलिस वाली की भूमिका निभाई है, जो व्यवहार में बहुत कुछ आदमियों की तरह दबंग है और अपने नीचे काम करने वालों को नियंत्रण में रखती है। ऐसी अलग व्यवहार के बाद इनका प्यार में विशेष रुचि लेना विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों को जन्म देता है जिसमें मनोरंजन पैदा होता है।
 
उनका अनोखा अंदाज और संवाद बोलने की नवीनता इनके किरदार की जबरदस्त लोकप्रियता का कारण है। उनके इस रोल के बाद से कविता भारतीय टेलीविजन का खास नाम और चेहरा बन चुकी हैं। 'एफआईआर' के 886 एपीसोड पूरे होने के बाद कविता धारावाहिक से अलग हो गईं, परंतु दर्शकों में उनकी लोकप्रियता के चलते उन्हें वापस लाया गया। 
 
जिस दौरान कविता 'एफआईआर' से अलग हो गई थीं, तब वे एक नए शो 'तोता वेड्स मैना' में मैना के किरदार में नजर आईं। इस धारावाहिक में तोता का किरदार निभा रहे गौरव गेरा और मैना की गलती से शादी हो जाती है। हालांकि दर्शकों को तोता और मैना के किरदारों की सरलता बहुत पसंद आई, परंतु कम रेटिंग के चलते यह धारावाहिक बंद कर दिया गया। इसके बंद हो जाने के बाद कविता 'एफआईआर' में वापस लौट गईं। उनके वापस आने के बाद धारावाहिक की रेटिंग में जबरदस्त उछाल दर्ज की गई। 
 
कविता का टेलीविजन पर करियर बेहतरीन चल रहा है। इसके अलावा वे फिल्म 'लॉलीपॉप सिंस 1947' से अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाली हैं। अनिरुद्ध चौटाला द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक निचले मध्यमवर्गीय परिवार में दीपक डोब्रियाल की पत्नी की भूमिका में नजर आएंगी। यह एक राजनीतिक व्यंग्य है जिसकी शूटिंग चल रही है।

करन सिंह ग्रोवर
करन सिंह ग्रोवर भारतीय टेलीविजन के उन नामों में शुमार हैं जिन्होंने छोटे पर्दे पर दर्शकों के बीच खास जगह बनाने के बाद फिल्मों में भी अच्छी शुरुआत की है। अनेक सफल धारावाहिकों, जिनमें 'दिल मिल गए' और 'कुबूल है' जैसे शामिल हैं, में अपनी अदाकारी से गहरा प्रभाव छोड़ने वाले करन सिंह ग्रोवर ने फिल्म 'अलोन' में बिपाशा बसु के साथ मुख्य भूमिका में भी सफलता पाई। 
नई दिल्ली की पैदाइश करन एक पंजाबी सिख परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे और उनके भाई जब बहुत कम उम्र के थे उनका परिवार सऊदी अरब जाकर बस गया था। उन्होंने दम्मान के इंटरनेशनल इंडियन स्कूल से अध्ययन किया। साल 2000 में वे वापस भारत आ गए और मुंबई में होटल मैनेजमेंट में कोर्स किया। डिग्री पूरी करने के बाद वे शेराट होटेल में ओमान में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर चुके हैं। 
 
करन ने भारतीय टेलीविजन का जाना-पहचाना नाम एक्ट्रेस श्रद्धा निगम से शादी की, परंतु श्रद्धा ने उन पर एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर का इल्जाम लगाकर तलाक ले लिया। इसके बाद ग्रोवर ने 'दिल मिल गए' की साथी कलाकार जेनिफर विंगेट के साथ 2012 में दूसरी शादी की। 2014 में विंगेट ने उनके और करन के अलग होने का ऐलान कर दिया। 
 
ग्रोवर ने छोटे पर्दे पर एक अलग पहचान कायम की है। साल 2004 में उन्होंने ग्लेड्रेग्स मैनहंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और सबसे अधिक पसंद किए गए मॉडल का अवॉर्ड जीता। 2013 में ग्रोवर का नाम एशिया के सेक्सी आदमियों की लिस्ट में 13वें नंबर पर शामिल किया गया। 2014 में एक बार फिर वे 12वें नंबर के सेक्सी आदमी के रूप में चुने गए। 
 
करन के टेलीविजन करियर की शुरुआत बालाजी टेलीफिल्म्स के धारावाहिक 'कितनी मस्त है जिंदगी' के साथ हुई थी। इसके बाद वे चिकित्सा के क्षेत्र पर आधारित धारावाहिक 'दिल मिल गए' के साथ दर्शकों के मन में गहरी जगह बनाने में सफल रहे। इस धारावाहिक के साथ करन तुरंत ही दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किए गए और कम उम्र के लोगों के लिए स्टाइल आदर्श बनकर उभरे।
 
करन रियलिटी 'जरा नच के दिखा' और 'झलक दिखला जा' के अलावा 'फियर फैक्टर' में भी नजर आए। उनके विषय में खबरें आईं कि उनके 'दिल मिल गए' की शूटिंग में लेटलतीफी के चलते निर्माता कंपनी सिनेविस्टास लिमिटेड ने उनके खिलाफ एक कोर्ट केस भी दायर करने का मन बनाया था जिससे नुकसान की भरपाई हो सके।
 
करन सिंह ग्रोवर करीब 6 महीनों के लिए धारावाहिक से अलग हो गए थे, परंतु दर्शकों की भारी मांग के चलते उन्हें वापस लाया गया। उन्होंने चैनल V के लिए 'परफेक्ट कपल' नाम का शो होस्ट भी किया है। वे सिनेविस्टास के 'तेरी-मेरी लव स्टोरीज' और 'दिल दोस्ती डांस' के अलावा बहुत से विज्ञापनों में भी नजर आ चुके हैं। 
 
साल 2012 के अंत तक करन 'कुबूल है' से जुड़ गए और अपने असद अहमद खान के रोल के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड 2 बार जीते। चैनल जी टीवी के अनुसार उनके अनप्रोफेशनल व्यवहार के कारण उन्हें सीरियल से बाहर कर दिया गया था। दूसरी तरफ करन ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कांट्रेक्ट खत्म होने की बात कही और अपने बिगड़ते स्वास्थ्य को भी शो छोड़ने की वजह बताया। करन के धारावाहिक छोड़ने के बाद रेटिंग्स में तेजी से गिरावट दर्ज की गई।