शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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Written By वार्ता

भारत का 'गोल्डन डे', पहलवानों ने बरसाया सोना

भारत का ''गोल्डन डे'', पहलवानों ने बरसाया सोना -
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ग्लास्गो। भारतीय कुश्ती के महानायक सुशील कुमार की अगुवाई में पहलवानों ने गजब का प्रदर्शन करते हुए ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती मुकाबलों के पहले दिन मंगलवार को तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर भारत के लिए इस दिन को 'गोल्डन डे' बना दिया।

भारतीय कुश्ती के सबसे बडे योद्धा और ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए 74 किग्रा वर्ग में, अमित कुमार ने 57 किग्रा वर्ग में और महिला पहलवान विनेश ने 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीते जबकि राजीव तोमर को 125 किग्रा वर्ग के सुपर हैवीवेट वर्ग में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

भारत के लिए ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में यह सुनहरा दिन बन गया, जब पहलवानों ने उसे एक के बाद एक तीन स्वर्ण पदक दिला दिए। भारत इन खेलों की पदक तालिका में अब 10 स्वर्ण, 15 रजत और 10 कांस्य सहित कुल 35 पदक जीतकर पांचवें स्थान पर पहुंच गया।

ओलंपिक के रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप में चैंपियन रह चुके सुशील ने पाकिस्तानी पहलवान कमर अब्बास को धूल चटाकर 74 किग्रा वजन वर्ग मुकाबले में स्वर्ण पदक जीत लिया। भारत का राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में यह तीसरा स्वर्ण और इन खेलों में कुल 10वां स्वर्ण पदक था। सुशील ने इस जीत के साथ चार साल पहले दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में जीते गए अपने खिताब को बरकरार रखा।

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता सुशील ने नए वजन वर्ग 74 किग्रा में अपनी धाक जमाते हुए साबित कर दिया कि उनके सामने टिक पाना किसी भी पहलवान के बस की बात नहीं है। सुशील ने शाही अंदाज में अपने सभी मुकाबले जीतते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

सुशील का पाकिस्तानी पहलवान के साथ खिताबी मुकाबला अचानक ही हाईप्रोफाइनल मुकाबला बन गया था और सभी की निगाहें इस बात पर टिक गई थीं कि सुशील इस मुकाबले में कैसा प्रर्दशन करते हैं। अपने गुरु महाबली सतपाल की स्टेडियम में मौजूदगी में सुशील ने पाकिस्तानी पहलवान को पहले ही राउंड में दिन में तारे दिखा दिए।

भारतीय पहलवान ने मुकाबले की शुरुआत चार अंक बटोरने के साथ की। पाकिस्तानी पहलवान ने वापसी की भरपूर कोशिश की, लेकिन वे सुशील की चीते जैसी फुर्ती और बेहतरीन दांव के आगे टिक नहीं सके। सुशील ने एक बेहतरीन दांव लगाते हुए अब्बास को एक हाथ से उठाते हुए मैट पर लगभग चित कर दिया।

सुशील को कुल आठ अंक हासिल हुए और पहले ही राउंड में मुकाबला समाप्त हो गया। जिस हाई प्रोफाइल मुकाबले की बात की जा रही थी वह चंद सेकंडों में सुशील के साहस के सामने लो प्रोफाइल बन गया। भारतीय पहलवान के मुकाबला जीतते ही पूरा स्टेडियम हर्षोल्लास और इंडिया-इंडिया के नारे से गूंज उठा। इसके साथ ही स्वदेश में रात के साढ़े दस बजे इस मुकाबले को देख रहे करोड़ो भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गई।

सुशील ने इससे पहले सेमीफाइनल में नाइजीरिया के मेंल्विन बीबो को 8-4 से और उससे पहले क्वार्ट रफाइनल में श्रीलंका के कुशान सेंडरेज को 4-0 से पराजित किया था। सेमीफाइनल में एक समय सुशील की नाक से खून भी बह निकला था लेकिन भारतीय कुश्ती के योद्धा ने इसकी परवाह न करते हुए सेमीफाइनल और फाइनल एकतरफा अंदाज में जीतकर देश को स्वर्ण दिला दिया।

विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए नाइजीरिया के एबिकवेमिनोमो वेल्सन को 57 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में 6-2 से पराजित कर स्वर्ण पदक जीत लिया। हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव के 20 वर्षीय अमित ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान के अजहर हुसैन को 4-0 से पस्त कर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी और उन्होंने फाइनल में नाइजीरियाई पहलवान को धोकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला स्वर्ण जीत लिया।

द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबली सतपाल के शिष्य अमित ने स्टेडियम में अपने गुरु की मौजूदगी में शानदार शुरुआत करते हुए पहले ही राउंड में चार अंक बटोर डाले। हालांकि दूसरे ही राउंड में नाइजीरियाई पहलवान ने अमित को कंधों पर उठाकर मैट पर पटका और दो अंक हासिल किए।

लेकिन अमित ने फिर एक शानदार दांव लगाकर दो अंक लिए और वेल्सन को शेष समय में कोई दांव लगाने से दूर रखा। मुकाबला खत्म होते ही अमित ने अपने दोनों हाथ हवा में उठा दिए और फिर तिरंगा लेकर मैट का चक्कर लगाया। उस समय महाबली सतपाल ने दर्शक दीर्घा में खड़े होकर तालियां बजाते हुए अपने शिष्य को आशीर्वाद दिया।
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महिला वर्ग में विनेश ने 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया। उन्नीस वर्षीय विनेश ने खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड की याना रैटिगन की कड़ी चुनौती पर 11-8 से काबू पाते हुए स्वर्ण अपने नाम किया। विनेश ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में अच्छी शुरुआत की और दो अंक बटोर डाले, लेकिन रैटिगन ने फिर चार अंक लेकर भारतीय पहलवान पर दबाव बना दिया।

बलाली की विनेश ने फिर एक के बाद एक दो-दो अंक लेकर पहले राउंड में 6-4 की बढ़त बना ली। दूसरे राउंड में दोनों पहलवानों के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। विनेश ने स्कोर को 10-4 पहुंचाया तो रैटिगन ने अंतर घटाते हुए स्कोर 8-10 कर दिया। विनेश ने फिर एक अंक लेकर अपनी बढ़त 11-8 पहुंचा दी और अंतिम 15 सेकंड में रैटिगन को कोई दांव लगाने से रोके रखा।

मुकाबला खत्म होते ही विनेश ने विजेता होने की खुशी में अपने दोनों हाथ उठा दिए जबकि रैटिगन नजदीकी मुकाबला हारने के बाद रो पड़ीं। विनेश ने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में नाइजीरिया की रोजमैरी वेके को 7-1 से और फिर सेमीफाइनल में कनाडा की जासमिन मियान को एकतरफा अंदाज में 12-1 से हराया था।

द्रोणाचार्य अवॉर्डी महासिंह राव के शिष्य राजीव तोमर पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं कि वे 125 किग्रा के सुपर हैवीवेट वर्ग में भारत को चौथी स्वर्णिम कामयाबी दिला पाते हैं या नहीं। तोमर ने भरपूर कोशिश की लेकिन कनाडा के पहलवान कोरी जारविस ने तोमर को दांव लगाने का कोई मौका नहीं दिया और 3-0 से यह मुकाबला जीतकर स्वर्ण अपने नाम कर लिया। इसके बावजूद भारत की कुश्ती के पहले दिन जबरदस्त शुरुआत हुई और उसने तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीत डाला। (वार्ता)