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Last Modified: रविवार, 2 अक्टूबर 2016 (00:18 IST)

भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन का एचवीआर ग्रुप से ऐतिहासिक करार : चतुर्वेदी

भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन का एचवीआर ग्रुप से ऐतिहासिक करार : चतुर्वेदी - Table Tennis Federation of India, HVR Group
इंदौर। भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन ने आज एचवीआर ग्रुप से 16 वर्षों के लिए एक ऐतिहासिक  करार किया है, जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले वक्त में एचवीआर ग्रुप भारतीय टेबल टेनिस टीम का आधिकारिक प्रायोजक होगा। इस अनुबंध पर 1 अक्टूबर को ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन रेड्‍डी ने हस्ताक्षर किए। 
यह जानकारी भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष पीसी चतुर्वेदी ने संवाददाताओं को दी। उन्‍होंने बताया कि खेलों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, युवा शक्ति को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसी विजन को लेकर हमने एचवीआर ग्रुप से अनुबंध किया है। इसके लिए ग्रुप के चेयरमैन रेड्डी टेबल टेनिस के विकास के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराएंगे, जो कम से कम 2 करोड़ रुपए की होगी। 
 
उन्होंने कहा कि भविष्य में वे अधिक से अधिक राशि का सहयोग करना चाहेंगे। चतुर्वेदी के अनुसार, हम पंचायत ब्लॉक और ग्रामीण स्तर की टेबल टेनिस प्रतिभाओं को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। ग्रामीण अंचलों में भी टेबल टेनिस की प्रतिमाएं हो सकती हैं, जिन्हें हम अब तक खोज नहीं पाए, उन्हें हम आगे लाने का प्रयास करेंगे। 

टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष ने बताया कि इस अनुबंध की खास विशेषता यह है कि एचवीआर ग्रुप टेबल टेनिस के विकास के लिए तो अपना सहयोग दे ही रहा है, साथ ही भविष्य में भारतीय टेबल टेनिस टीम का आधिकारिक रूप से प्रायोजक भी होगा। भारतीय टीम जब भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेगी, तब उसे एचवीआर ग्रुप ही प्रायोजित करेगा। दरअसल यह एक वैध अनुबंध है, जिसमें प्रतिभा की खोज करना और प्रशिक्षित करना, शीर्ष खिलाड़ियों को कोचिंग-ट्रेनिंग देना शामिल हैं, ताकि वे देश के लिए पदक जीत सकें। 
 
उन्होंने कहा कि हर्षवर्धन रेड्डी का बहुत अच्छा विजन है,  खेल के विकास में दो चीजें महत्वपूर्ण होती हैं, पहली पहले कोचिंग और उसके साथ अंपायरिंग। इसमें भी हमें एचवीआर ग्रुप का सहयोग मिलेगा। इससे हम प्रोफेशनल कोचिंग की सुविधाओं को बेहतर बना सकेंगे, ताकि हमने जिन प्रतिभाओं को खोजा है, उन्हें तराशा जा सके। हमारे पास टेक्निकल अंपायर्स हैं, रैफरी हैं। हमारे यहां धनराजजी की मेहनत से देश में बहुत अच्छी संख्या में हमारे पास रैफरी और अंपायर हैं। कोचेस की जरूर देश में कमी है, जिसको कि हम पूरा कर रहे हैं। 
 
चतुर्वेदी के अनुसार इस वर्ष से ही लेवल 3 जो अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन का बहुत ही हायर लेवल होता है, उसी लेवल की कोचिंग हमने देश में पहली बार शुरू करवाई है। एचवीआर ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन रेड्डी से जो हमारा अनुबंध हुआ है वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह अनुबंध भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन में मील का पत्थर साबित होगा। हम तहेदिल से उनका शुक्रिया अदा करते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि रेड्डीजी के सहयोग से हम टेबल टेनिस के स्तर को और बढ़ा पाएंगे और उसे और अधिक लोकप्रिय बना पाएंगे और जो हमारे देश और सरकार को टेबल टेनिस के खिलाड़ियों को जिस तरह की उम्मीद है, उसको हम आने वाले समय में पूरा कर पाएंगे। 
 
उन्होंने कहा कि हमारे विदेशी कोच मॉसिमो कोस्टानितिनी ने अभी कुछ ही दिन पहले ज्वाइन किया है। भारत ने जब 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीता था, तब यही मॉसिमो कोस्टानितिनी टीम के कोच थे। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले राष्ट्रमंडलीय खेलों के अलावा एशियन गेम्स में तथा 2020 के ओलंपिक गेम्स में मॉसिमो कोस्टानितिनी की विशेषज्ञता हमारे खिलाड़ियों को मिलेगी और हम बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। रियो ओलंपिक में मॉसिमो कोस्टानितिनी रूस की टीम के चीफ कोच थे, जहां टीम ने बढ़िया प्रदर्शन किया है। 
 
इसके अलावा कुछ ही हफ्तों में हमारे साथ दो और विदेशी कोच जुड़ जाएंगे। यह दो विदेशी कोच कोरिया से आएंगे। उनके साथ दो खिलाड़ी भी कोरिया से आएंगे। इसका उद्देश्य यही है कि हमारे पास कोचेस की संख्या में बढ़ोतरी हो। चतुर्वेदी के अनुसार, हमारा प्रयास है कि विदेशी कोचों की ट्रेनिंग देकर हमारे देश के मौजूदा कोच भी विकास करें ताकि हमेशा हमको विदेशी कोचों पर निर्भर ना रहना पड़े। जब तक हमारे देशी कोच पूरी तरह से दक्ष नहीं हो जाते तब तक हम बाहर के कोचों को बुलाते रहेंगे ताकि खिलाड़ियों का नुकसान ना हो।  हम पटियाला में भी उनकी सेवाएं लेंगे। विदेशी कोच राज्यों में भी जाएंगे ताकि जो बच्चे विभिन्न राज्यों में हैं और वह नेशनल कैंप का हिस्सा नहीं बन पाते हैं उन्हें भी अच्छी कोचिंग मिले और वह भी अपने खेल का स्तर बढ़ा सकें। (वेबदुनिया न्यूज) 
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