हमारी पुरस्कार चयन नीति निष्पक्ष और पारदर्शी : सोनोवाल
नई दिल्ली। खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की चयन नीति की समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है।
पिछले कुछ वर्षों की तरह इस साल भी पुरस्कार गलत कारणों से सुर्खियां बने। पैरालंपियन एचएन गिरिशा राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार सानिया मिर्जा को दिए जाने के खिलाफ बेंगलुरु की अदालत की शरण में चले गए। विवादों के बारे में पूछने पर सोनोवाल ने चयन पैनल के सभी फैसलों का बचाव किया।
पूर्व के अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की मौजूदगी में आयोजित सेमिनार के इतर सोनोवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि इस देश में प्रत्येक व्यक्ति को लोकतांत्रिक अधिकार है कि पूछे आखिर क्यों (मुझे पुरस्कार नहीं मिला)।
लेकिन हमारे चयन पैनल ने काफी निष्पक्ष और पारदर्शी काम किया है और मुझे चयन प्रक्रिया की समीक्षा करने का कोई कारण नजर नहीं आता। सोनोवाल ने भरोसा जताया कि भारत की ओलंपिक तैयारी सही दिशा में जा रही है और देश लंदन खेलों के 6 पदक के अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाएगा।
सोनोवाल ने कहा कि सभी को पता है कि हमने टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) बनाया है। हमने संभावित पदक विजेताओं की पहचान की और हमें उम्मीद है कि वे प्रदर्शन करेंगे। खेलमंत्री ने साथ ही विश्व चैंपियनशिप में भारतीय एथलेटिक्स टीम के खराब प्रदर्शन को भी अधिक तूल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया और निश्चित तौर पर बेहतर करेंगे। मुझे उन पर भरोसा है। सोनोवाल ने 36 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर भारतीय महिला हॉकी टीम को भी बधाई दी।
उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना भारतीय महिला हॉकी टीम की शानदार उपलब्धि है। इससे टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा। मुझे उनकी उपलब्धि पर गर्व है। (भाषा)