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Last Modified: सोमवार, 26 जून 2017 (19:01 IST)

सिंधू और साइना की छाया से बाहर निकले पुरुष खिलाड़ी

सिंधू और साइना की छाया से बाहर निकले पुरुष खिलाड़ी - PV Sindhu, Saina Nehwal, Kidambi Srikanth
नई दिल्ली। भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी आखिरकार पीवी सिंधू और साइना नेहवाल जैसी स्टार खिलाड़ियों की छाया से बाहर निकल आए हैं और उन्होंने अपने लिए एक अलग मुकाम बना लिया है।
       
भारतीय बैडमिंटन लम्बे समय तक साइना के जादू से सम्मोहित रहा था और उनके आगे बाकी सभी खिलाड़ी कहीं पीछे रह जाते थे। साइना के इस एकाधिकार को सिंधू ने रियो ओलम्पिक के अपने रजत पदक से तोड़ा। सिंधू के रजत पदक ने उन्हें निर्विवाद रूप से भारतीय बैडमिंटन की क्वीन बना दिया।
        
अब तक जो स्थान साइना को हासिल था उस स्थान पर सिंधू विराजमान हो गईं। सिंधू के तेज के आगे साइना ही नहीं पुरुष खिलाड़ी भी कहीं पीछे छूट गए। इन दो महिला खिलाड़ियों के दबदबे को पहले बी साई प्रणीत ने सिंगापुर ओपन का खिताब जीतकर तोड़ा और फिर किदाम्बी श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन तथा ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतकर सिंधू और साइना के भारतीय बैडमिंटन पर एकाधिकार को पूरी तरह समाप्त कर दिया।
         
अब भारतीय बैडमिंटन में अगर बात हो रही है तो सिर्फ श्रीकांत की जिन्होंने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी, ओलम्पिक चैंपियन और विश्व चैंपियन खिलाड़ियों को एक के बाद एक हराया है। यह ऐसी उपलब्धि है जो अब तक किसी भारतीय खिलाड़ी को हासिल नहीं थी। श्रीकांत ने ओलम्पिक चैंपियन चीन के चेन लोंग को लगातार गेमों में 22-20, 21-16 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज का पुरुष एकल वर्ग का खिताब जीतकर इतिहास रचा।
        
विश्व के 11वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत का इंडोनेशिया ओपन के बाद यह लगातार दूसरा सुपर सीरीज खिताब और ओवरऑल चौथा सुपर सीरीज खिताब था। उन्हें इसी साल अप्रैल में खेले सिंगापुर ओपन फाइनल में हमवतन बी साई प्रणीत से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने इंडोनेशिया ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी और खिताब जीता।
        
श्रीकांत इस तरह लगातार तीन सुपर सीरीज फाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय भी बने। श्रीकांत ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले यह उपलब्धि साइना को हासिल थी जिन्होंने दो बार यह खिताब जीता था। साइना ने 2014 और 2016 में यह खिताब जीता था।
 
श्रीकांत लगातार तीन सुपर सीरीज फ़ाइनल में खेलने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे खिलाड़ी बने हैं। श्रीकांत अपने लगातार शानदार प्रदर्शन के दम पर 22 जून को जारी विश्व रैंकिंग में 11 स्थानों की छलांग लगाकर 11वें स्थान पर पहुंच गए थे और अब अगले गुरुवार को जब नई रैंकिंग जारी होगी तो वह टॉप 10 में पहुंच जाएंगे।
 
जिस समय रविवार को श्रीकांत सिडनी में फाइनल में खेल रहे थे उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उन्हें इंडोनेशिया ओपन जीतने पर बधाई दी। भारतीय बैडमिंटन संघ ने श्रीकांत को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई देते हुए उन्हें पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। बाई श्रीकांत को इंडोनेशिया ओपन के बाद पांच लाख रुपए देने की पहले ही घोषणा कर चुका है
         
फाइनल से पहले तक श्रीकांत चीनी सुपरस्टार चेन लांग से पांच बार भिड़े थे और हर बार उन्हें हार मिली थी, लेकिन इस बार श्रीकांत की मौजूदा फॉर्म के आगे 'चीन की दीवार' टूट गई। श्रीकांत अब तक लगातार 10 मुकाबले जीत चुके हैं।
          
इससे पहले श्रीकांत ने जापान के काजूमासा सकई को लगातार गेमों में 21-11, 21-19 से हराकर पहली बार इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता था। श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन के सेमीफाइनल में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी कोरिया के सोन वान हो को पराजित किया था।
        
श्रीकांत ने इससे पहले 2014 में चाइना ओपन और 2015 में इंडिया ओपन के सुपर सीरीज खिताब जीते हैं। बी साई प्रणीत ने सिंगापुर ओपन के फ़ाइनल में श्रीकांत को हराकर खिताब जीता था। प्रणीत ने इस साल थाईलैंड ओपन का खिताब भी जीता और वह सैयद मोदी टूर्नामेंट में रनर अप भी रहे। (वार्ता) 
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