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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 26 जनवरी 2015 (00:57 IST)

पद्म भूषण मेरे शिष्यों को समर्पित : सतपाल

पद्म भूषण मेरे शिष्यों को समर्पित : सतपाल - Padma Bhushan
नई दिल्ली। पद्म भूषण पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद रोमांचित कुश्ती कोच सतपाल ने इस पुरस्कार को ‘अपने सभी शिष्यों’ को समर्पित किया, जिनके बिना उनके लिए देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करना संभव नहीं होता।
 
एशियाई खेल 1982 में स्वर्ण पदक जीतने वाले सतपाल ने कहा, ‘मैं यह पुरस्कार हासिल करके बेहद खुश हूं और काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं अपने अहसास को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह खिलाड़ी और फिर कोच के रूप में देश को मेरी सेवा की मान्यता है।’
 
सतपाल को देश को शीर्ष पहलवान देने का श्रेय जाता है, जिनमें दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और उनके दामाद सुशील कुमार और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त भी शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘मेरे सभी शिष्य भी काफी खुश हैं और उन्होंने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। उनके कारण ही मुझे यह पुरस्कार मिला है। सुशील, योगेश्वर दत्त, अमित और बजरंग सहित अन्य सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।’ सतपाल को हालांकि पुरस्कार के लिए सुशील की अनदेखी होने की निराशा है।
 
उन्होंने कहा, ‘अगर सुशील को भी यह मिलता तो यह सोने पर सुहागा होता लेकिन सरकार की अपनी नितियां हैं। इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहता।’
 
भारतीय हॉकी कप्तान सरदारा सिंह भी पद्मश्री मिलने से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह अर्जुन पुरस्कार से बड़ा है, जो मुझे 2012 में मिला था। इस तरह के पुरस्कार आपको काफी प्रेरित करते हैं और आपकी मानसिकता बदलते हैं। यह आपको प्रोत्साहित करते हैं कि संतुष्ट मत हो जाओ तथा और अधिक हासिल करने के लिए प्रयास करो।’ 
 
सरदारा ने कहा, ‘साथ ही मुझे लगता है कि आपको पुरस्कार की मांग नहीं करनी चाहिए। अगर आप हकदार हैं तो पैनल आपके मामले पर गौर करेगा और आपको पुरस्कार देगा। हैरान भी हूं कि सुशील और साइना नेहवाल का नाम इस सूची में नहीं है। मैं सचिन तेंदुलकर को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे हमेशा कहा कि पुरस्कारों की चिंता मत करो और प्रदर्शन पर ध्यान दो। वह मुझे बधाई देने वाले पहले व्यक्ति थे।’ (भाषा)