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Last Modified: बुधवार, 20 जुलाई 2016 (18:48 IST)

पाकिस्तानी हॉकी दिग्गजों ने भी माना था शाहिद के फन का लोहा

पाकिस्तानी हॉकी दिग्गजों ने भी माना था शाहिद के फन का लोहा - Other Sports News, Mohammad Shahid
नई दिल्ली। ‘मैं शाहिद से कहता था कि तुम हमारी टीम में आ जाओ तो पाकिस्तान को दुनिया की कोई टीम नहीं हरा सकती और यही बात वह मेरे लिए कहता था।’ यह कहना है पाकिस्तान के महान सेंटर फारवर्ड हसन सरदार का, जिनकी मैदान पर मोहम्मद शाहिद से कड़ी प्रतिद्वंद्विता थी और मैदान के बाहर दोनों जिगरी दोस्त थे।
भारत के महानतम हाकी खिलाड़ियों में शुमार शाहिद का लंबी बीमारी के बाद आज यहां निधन हो गया। लॉस एंजिल्स ओलंपिक (1984) में स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के सदस्य हसन सरदार ने 1982 में नई दिल्ली एशियाई खेलों के फाइनल में भारत के खिलाफ हैट्रिक लगाकर पाकिस्तान की 7-1 से जीत में सूत्रधार की भूमिका निभाई थी।
 
सरदार ने कराची से एक बातचीत में कहा, ‘मैं हमेशा शाहिद से कहता था कि तुम पाकिस्तानी टीम में आ जाओ तो दुनिया की कोई टीम हमें नहीं हरा सकती। वह मुझसे कहता था कि तुम भारत की टीम में आ जाओ तो हम पूरी दुनिया को हरा देंगे। उसके जैसे खिलाड़ी बिरले ही होते हैं, जिनके पास ड्रिबलिंग कौशल भी हो और रफ्तार भी।' उन्होंने बताया कि मैदान के बाहर वह जितने करीबी दोस्त थे, मैदान पर उतने ही कट्टर दुश्मन।
उन्होंने कहा,‘चूंकि हम अपने अपने देश के लिए  खेलते थे तो मैदान के भीतर मकसद एक दूसरे को हराने का ही होता था लेकिन मैदान से बाहर आने के बाद हम दोस्त थे। शाहिद जितना आला दर्जे का खिलाड़ी था, उतना ही उम्दा इंसान भी था। हमने बहुत अच्छे दिन साथ गुजारे।’ दिल्ली एशियाड में पाकिस्तान के कप्तान रहे समीउल्लाह ने बताया कि उन्होंने फाइनल में मोहम्मद शाहिद और जफर इकबाल की जोड़ी को रोकने के लिए खास रणनीति बनाई थी।
 
समीउल्लाह ने कहा,‘मैं 1982 एशियाड में पाकिस्तान का कप्तान था और हमें पता था कि भारत को उसके दर्शकों के सामने हराना कितना कठिन होगा खासकर जफर और शाहिद शानदार फार्म में थे। हमने उन दोनों को रोकने के लिए  खास रणनीति बनाई थी और कामयाब रहे। पाकिस्तान वह मैच 7-1 से जीता था।’ 
 
उन्होंने कहा,‘भले ही हम वह फाइनल जीत गए हो लेकिन जफर और शाहिद की जोड़ी के फन का लोहा पूरी दुनिया ने माना था। उनका खेल देखने में बेहद मजा आता था । शाहिद कराची में 1982 में एशिया कप खेलने आया था और हमारी काफी दोस्ती हो गई थी । फिर वह 2004 में मुझे मिला तो मैने उसे सेहत का ध्यान रखने की सलाह भी दी थी। वह ऐसे चुनिंदा खिलाड़ियों में से था जिनके दम पर भारत और पाकिस्तान ने विश्व हाकी पर राज किया था।’ 
 
सरदार ने एक और रोचक वाकिये का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली एशियाड के बाद दोनों टीमें एसांडा कप खेलने मेलबर्न चली गई, जहां उस हार से दु:खी शाहिद ने काफी समय उनसे बात नहीं की। उन्होंने कहा,‘मुझे याद है कि उस हार के बाद शाहिद काफी दुखी थे और दोनों टीमें इसके तुरंत बाद आस्ट्रेलिया में एसांडा कप में मिली तो काफी समय उन्होंने बात भी नहीं की। वहां फाइनल में भारत ने हमें 2-1 से हरा दिया तो उन्होंने यही कहा कि ऐसा नतीजा एशियाड में मिलता तो अच्छा रहता।’ (भाषा)
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