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Last Modified: बुधवार, 17 मई 2017 (19:53 IST)

शारापोवा को 'फ्रेंच ओपन' में वाइल्ड कार्ड प्रवेश से इंकार

शारापोवा को 'फ्रेंच ओपन' में वाइल्ड कार्ड प्रवेश से इंकार - Maria Sharapova, Doping, French Open
पेरिस। डोपिंग के लिए निलंबन झेल चुकीं रूस की मारिया शारापोवा को फ्रेंच ओपन ग्रैंड स्लेम टेनिस टूर्नामेंट में वाइल्ड कार्ड प्रवेश देने से इंकार कर दिया गया है, जिससे उनका करियर में तीसरा फ्रेंच ओपन खिताब जीतने का सपना आखिरकार टूट गया है।
        
फ्रेंच टेनिस फेडरेशन (एफएफटी) अध्यक्ष बर्नार्ड गियुडिसेली ने कहा, आपको चोट से वापसी के बाद वाइल्ड कार्ड दिया जा सकता है, लेकिन जब आप डोपिंग के कारण निलंबन से वापसी कर रहें हों तो वाइल्ड कार्ड नहीं दिया जा सकता है। मैं मारिया के मीडिया में प्रभाव और प्रसारकों की उम्मीदों की सराहना करता हूं लेकिन डोपिंगरोधी नियमों के आधार पर यह संभव नहीं है।
       
उन्होंने कहा, मुझे मारिया के लिए दुख हो रहा है और उनके प्रशंसकों के लिए भी। वे काफी निराश होंगे, लेकिन ये मेरी जिम्मेदारी है कि मैं खेल के सर्वोच्‍च स्तर को बनाए रखूं।  
        
30 वर्षीय शारापोवा को गत वर्ष प्रतिबंधित मेलडोनियम पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन पर 15 महीने का प्रतिबंध लगाया गया था। गत माह कोर्ट पर वापसी कर रहीं रूसी खिलाड़ी को कई टूर्नामेंटों में वाइल्ड कार्ड दिए जाने के बाद यह माना जा रहा था कि उन्हें वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लेम के लिए आयोजक वाइल्ड कार्ड दे सकते हैं।
        
पूर्व नंबर एक खिलाड़ी अपने प्रतिबंध के कारण मौजूदा विश्व रैंकिंग में 211वें स्थान पर खिसक चुकी हैं और इस कारण से रोलां गैरों के मुख्य ड्रॉ में उन्हें प्रवेश मिलना संभव नहीं है। ऐसे में शारापोवा को फ्रेंच ओपन में वाइल्ड कार्ड प्रवेश का ही सहारा था जिसका मुख्य ड्रॉ 28 मई से शुरू होने जा रहा है जबकि क्वालिफाइंग मैच इससे एक सप्ताह पहले होंगे।
              
फ्रेंच टेनिस फेडरेशन पर इस बात का भी दबाव था कि वह टूर्नामेंट की लोकप्रियता को देखते हुए  यहां वर्ष 2012 और 2014 की चैंपियन रूसी खिलाड़ी को वाइल्ड कार्ड दें, क्योंकि गर्भवती होने के कारण अमेरिका की सेरेना विलियम्स और 18 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन रोजर फेडरर भी इस वर्ष टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं हैं।
              
डब्ल्यूटीए के मुख्य कार्यकारी स्टीव साइमन ने भी जारी अपने बयान में शारापोवा को वाइल्ड कार्ड से इंकार करने के निर्णय पर असहमति जताते हुए कहा कि वाइल्ड कार्ड देना टूर्नामेंट के अपने विशेषाधिकार पर निर्भर करता है, लेकिन वह एफएफटी द्वारा दी गई दलील से सहमत नहीं हैं।
      
उन्होंने कहा, शारापोवा ने खेल पंचाट कैस द्वारा दिए गए प्रतिबंध का पालन किया है। टेनिस का डोपिंगरोधी कार्यक्रम (टीएडीपी) ग्रैंड स्लेम, डब्ल्यूटीए, आईटीएफ और एटीपी का एकसमान नियम है और टीएडीपी का कोई भी सदस्य इस तरह से खिलाड़ियों को इसके नियमों के बाहर दंडित नहीं कर सकता।
              
हालांकि फ्रेंच फेडरेशन के इस कड़े फैसले के बाद अब विंबलडन आयोजकों के सामने शारापोवा को वाइल्ड कार्ड देने को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई  है जो 20 जून को अपने वाइल्ड कार्ड खिलाड़ियों की घोषणा करने वाले हैं। वर्ष 2004 में विंबलडन खिताब जीत चुकीं शारापोवा को यहां ऑल इंग्लैंड क्लब के मुख्य ड्रॉ में पहुंचने के लिए भी वाइल्ड कार्ड की जरूरत है। हालांकि इटालियन ओपन के पहले राउंड में जीत से उन्होंने विंबलडन क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में जरूर जगह पक्की कर ली है। (वार्ता)
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