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Last Modified: रविवार, 19 अक्टूबर 2014 (23:54 IST)

जोहोर कप पर भारतीय हॉकी टीम का कब्जा

जोहोर कप पर भारतीय हॉकी टीम का कब्जा - Johor Cup, India, hockey
जोहोर बाहरू (मलेशिया)। पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हरमनप्रीत सिंह के अंतिम हूटर बजने से चंद सेकंड पहले किए गए निर्णायक गोल की मदद से मौजूदा चैंपियन भारत ने आज यहां रोमांचक फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराकर सुल्तान जोहोर कप जूनियर हॉकी टूर्नामेंट में अपना खिताब बरकरार रखा। 
तमन दया हॉकी स्टेडियम में पहला हाफ गोलरहित छूटने के बाद हरमनप्रीत ने दूसरे हाफ में अपनी स्टिक और समझबूझ का कमाल दिखाया। जब दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर चल रही थी तब उन्होंने आखिरी पलों में पेनल्टी कॉर्नर पर अपना दूसरा गोल दागकर भारत को चैंपियन बनाया। 
 
इससे पहले हरमनप्रीत ने 45वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ही गोल करके भारत को बढ़त दिलाई थी लेकिन प्रारंभिक चरण में अजेय रहे ब्रिटेन के सैमुअल फ्रेंच 53वें मिनट में बराबरी का गोल करने में सफल रहे। फ्रेंच ने भी पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया। 
हरमनप्रीत को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। भारत इस तरह से पहली ऐसी टीम बन गई है जो इस टूर्नामेंट में खिताब बरकरार रखने में सफल रही। इस टूर्नामेंट की शुरूआत 2011 में हुई थी। 
 
मलेशिया ने शुरुआती जबकि जर्मनी ने 2012 में खिताब जीता था। ब्रिटेन ने प्रारंभिक चरण में भारत को 2-0 से हराया था लेकिन भारतीय जूनियर टीम आज उसका बदला चुकता करने में भी सफल रही। 
 
पहले हाफ के आखिरी दस मिनटों में खेल में काफी तेजी देखी गई और दोनों टीमों ने गोल करने के लिए जवाबी हमलों का सहारा लिया। ब्रिटेन को 28वें मिनट में गोल करने का मौका मिला। डिफेंडर वरुण कुमार की गलती से उसके खिलाड़ियों ने भारतीय रक्षापंक्ति में सेंध लगाई लेकिन जरमनप्रीत सिंह ने गोलमुख पर शानदार बचाव करके टीम पर आया खतरा टाल दिया। 
 
इसके तुरंत बाद ब्रिटेन ने भारतीयों का जवाबी हमला नाकाम किया। अब ब्रिटेन की बारी थी जिसके खिलाड़ी जवाबी हमला करते हुए आगे बढ़े लेकिन इस बार फिर से पांडे उनकी राह पर खड़े हो गए। मध्यांतर तक दोनों टीमें 0-0 से बराबरी पर थी। 
 
पांडे ने दूसरे हाफ में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और शुरू में ही एक बेहतरीन गोल बचाया। भारत को इसके बाद पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत सिंह ने गोल में बदलकर टीम को बढ़त दिला दी। 
 
इस गोल से वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी भी बन गए। भारत को 52वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वरूण कुमार गोल करने में असफल रहे। 
 
इस पर रेफरी ने उन्हें ग्रीन कार्ड दिखा दिया जिससे विवाद पैदा हो गया। इसके बाद सुबोध टिर्की को गोलकीपिंग का जिम्मा संभालना पड़ा। आखिरी क्षणों में दोनों टीमों ने गोल करने के लिए जी जान लगा दी लेकिन सफलता भारत को मिली। 
 
जब अंतिम हूटर बजने के लिए कुछ सेकंड का समय बचा था, तब भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और हरमनप्रीत ने फिर से साबित कर दिया कि पेनल्टी को गोल में बदलने में उनका जवाब नहीं। 
 
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 6-2 से हराकर तीसरा जबकि मेजबान मलेशिया ने पाकिस्तान को 3-1 से हराकर छह देशों के इस टूर्नामेंट में पांचवां स्थान हासिल किया। (भाषा)