गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Indian contingent at Tokyo Paralympics medalless
Written By
Last Updated : बुधवार, 1 सितम्बर 2021 (22:10 IST)

3 दिन बाद भारत को टोक्यो पैरालंपिक में नहीं मिला कोई भी मेडल

3 दिन बाद भारत को टोक्यो पैरालंपिक में नहीं मिला कोई भी मेडल - Indian contingent at Tokyo Paralympics medalless
टोक्यो:लगातार तीन दिन से कमाल कर रहे भारतीय पैरालंपियन आज खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और भारत के लिए पदक तालिका में बुधवार को कोई भी सुधार देखने को नहीं मिला। रविवार से लेकर मंगलवार तक भारतीय दल कोई ना कोई मेडल जीत रहा था लेकिन बुधवार को भारतीय दल के लिए शांत दिन रहा। अभी भी भारत के कुल 10 मेडल हैं।

अमित , धरमबीर पैरालम्पिक क्लब थ्रो स्पर्धा में पदक से चूके

भारत के अमित कुमार और धरमबीर तोक्यो पैरालम्पिक में बुधवार को एफ51 पुरूषों की क्लब थ्रो स्पर्धा में क्रमश: पांचवें और आठवें स्थान पर रहे।

कुमार का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 27- 77 मीटर का थ्रो था जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है । वह पांच साल पहले रियो पैरालम्पिक में चौथे स्थान पर रहे थे।

कुमार एशियाई पैरा खेलों के चैम्पियन भी हैं।एशियाई पैरा खेल 2018 के रजत पदक विजेता धरमबीर ने 25 . 59 मीटर का थ्रो फेंका जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इसके साथ ही भारत ने आज आठवें दिन कोई पदक नहीं जीता जबकि मंगलवार को अभूतपूर्व दोहरे अंक को छुआ था।

एफ 51 वर्ग के खिलाड़ियों की मांसपेशियों में विकार होता है और उनकी मूवमेंट सीमित होती है । उनके पैरों की लंबाई में भी रीढ की हड्डी से जुड़ी चोट के कारण अंतर होता है । ऐसे खिलाड़ी बैठकर खेलते हैं ।

धरमबीर डाइविंग की एक दुर्घटना के कारण और कुमार 2007 में सड़क दुर्घटना के कारण इस श्रेणी में आये थे।

इस वर्ग में रूसी पैरालम्पिक समिति के मुसा ताइमाजोव ने 35 . 42 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता। चेक गणराज्य के जेल्को डी ने रजत और स्लोवाकिया के मरियन कुरेजा ने कांस्य पदक हासिल किया ।

पैरालम्पिक का क्लब थ्रो ओलंपिक के तारगोलाफेंक (हैमर थ्रो) की तरह है। इसमें लकड़ी के क्लब को फेंका जाता है।
अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन के क्वालीफिकेशन से ही बाहर, अन्य भारतीयों ने भी किया निराश

 दो दिन पहले पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी निशानेबाज अवनि लेखरा बुधवार को यहां मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा के क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गई।
एसएच1 (राइफल) वर्ग में वे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनके ऊपरी अंगों में कोई समस्या नहीं होती लेकिन नीचे के एक या दोनों अंगों में समस्या होती है।

अवनि बिलकुल भी लय में नहीं दिखी और 629.7 अंक के साथ निराशाजनक 27वें स्थान पर रहते हुए तीसरे दौर में बाहर हो गई।

पुरुष वर्ग में हिस्सा ले रहे अन्य भारतीय पैरा निशानेबाज सिद्धार्थ बाबू और दीपक कुमार का असाका निशानेबाजी रेंज पर प्रदर्शन और भी अधिक लचर रहा। सिद्धार्थ 625.5 अंक के साथ 40वें जबकि दीपक 624.9 अंक के साथ 43वें स्थान पर रहे।

इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जर्मनी की नताशा हिल्ट्रॉप ने जीता जबकि रजत पदक दक्षिण कोरिया के पार्क जिन्हो और कांस्य पदक युक्रेन की इरिना शेटनिक के खाते में गया।

पैरालंपिक में पदार्पण कर रही 19 साल की अवनि ने इतिहास रचते हुए आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक के साथ भारत को पैरालंपिक में निशानेबाजी का पहला पदक दिलाया था। उन्होंने 249.6 अंक के साथ विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी।अवनि की रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना के दौरान चोट लगी थी।

बैडमिंटन में मिली सिर्फ प्रमोद भगत को जीत

शीर्ष वरीयता प्राप्त प्रमोद भगत ने अपनी क्लास दिखाते हुए हमवतन मनोज सरकार को बैडमिंटन में पुरुष एकल एसएल 3 मुकाबले में बुधवार को 21-10, 21-23 21-9 से पराजित कर दिया। भगत हालांकि पलक कोहली के साथ एसएल 3-एसयू 5 में अपना पहला मिश्रित युगल मुकाबला दूसरी सीड फ़्रांसिसी जोड़ी लुकास मजूर और फौस्टिन नोएल से 9-21, 21-15, 19-21 से हार गए थे। इसके अलावा पलक को एकल मुकाबलों में भी हार का मुंह देखना पड़ा और भारत के लिए आज के दिन कोई पदक नहीं आया।