बुधवार, 24 अप्रैल 2024
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Written By भाषा

टीम इंडिया को झटका, एंडरसन को क्लीन चिट

टीम इंडिया को झटका, एंडरसन को क्लीन चिट -
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साउथैम्पटन। जेम्स एंडरसन और रविन्द्र जडेजा के बीच झगड़े की जांच कर रहे न्यायिक आयुक्त ने छ: घंटे की लंबी सुनवाई के बाद इन दोनों खिलाड़ियों को दोषी नहीं पाया, जिससे उनके टेस्ट श्रृंखला के बाकी मैचों में खेलने का रास्ता साफ हो गया।

न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई छ: घंटे की सुनवाई के बाद इस फैसले पर पहुंचे। इससे इन दोनों खिलाड़ियों के खेलने को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर भी विराम लग गया। आईसीसी ने बयान में कहा कि न्यायिक आयुक्त माननीय गोर्डन लुईस एएम ने इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और भारत के रविन्द्र जडेजा को आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया।'

गवाहों, जिनमें कुछ भारतीय और कुछ इंग्लैंड के खिलाड़ी शामिल थे, ने सबूत दिए और संबंधित वकीलों ने उनसे पूछताछ की। सुनवाई में ईसीबी और एंडरसन की तरफ से निक डि मार्को, जबकि जडेजा की तरफ से एडम लुईस ने हिस्सा लिया। सुनवाई में दोनों टीमों के मैनेजरों, ईसीबी के पॉल डाउंटन और बीसीसीआई के सुंदर रमन व एमवी श्रीधर, आईसीसी महाप्रबंधक (क्रिकेट) ज्योफ एलेरडाइस और आईसीसी आचार एवं नियामक वकील सैली क्लार्क ने भी हिस्सा लिया।

भारतीय खिलाड़ियों ने आरोप लगाया था कि लंच के समय जब खिलाड़ी पवेलियन लौट रहे थे, तब एंडरसन ने जडेजा के लिए अपशब्द कहे और उन्हें धक्का दिया। इंग्लैंड की टीम ने जडेजा के खिलाफ लेवल दो के जवाबी आरोप लगाए थे, लेकिन मैच रेफरी डेविड बून ने इसे लेवल एक का अपराध माना और उनकी मैच फीस का प्रतिशत हिस्सा काट दिया। हालांकि इस अपराध के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती, लेकिन भारतीय बोर्ड ने अपील की जिसे आईसीसी ने स्वीकार कर लिया है।

लेवल तीन के उल्लंघन पर खिलाड़ी को चार से आठ निलंबन अंक की सजा मिलती है, जबकि लेवल दो के अपराध में 50 से 100 प्रतिशत तक मैच फीस का जुर्माना या दो निलंबन अंक की सजा है। दो निलंबन अंक एक टेस्ट या दो वन-डे के प्रतिबंध के बराबर होते हैं। इनमें यह निर्भर करता है कि खिलाड़ी को आगे कौन से मैच खेलने थे। भारतीयों ने आरोप लगाया था कि जबकि लंच के समय खिलाड़ी पवेलियन लौट रहे थे तब एंडरसन ने जडेजा के लिए अपशब्द कहे और उन्हें धक्का दिया।

इंग्लैंड की टीम ने जडेजा के खिलाफ लेवल दो के जवाबी आरोप लगाए लेकिन मैच रेफरी डेविड बून ने इसे लेवल एक का अपराध माना और उनकी मैच फीस का प्रतिशत हिस्सा काट दिया। हालांकि इस अपराध के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती लेकिन भारतीय बोर्ड ने अपील की जिसे आईसीसी ने स्वीकार कर लिया है। लेवल तीन के उल्लंघन पर खिलाड़ी को चार से आठ निलंबन अंक की सजा मिलती है जबकि लेवल दो के अपराध में 50 से 100 प्रतिशत तक मैच फीस का जुर्माना या दो निलंबन अंक की सजा है। दो निलंबन अंक एक टेस्ट या दो वन-डे के प्रतिबंध के बराबर होते हैं।
इनमें यह निर्भर करता है कि खिलाड़ी को आगे कौन से मैच खेलने थे। सुनवाई शुरू होने का समय नौ बजे था और तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की 266 रन से जीत में मैन ऑफ द मैच रहे एंडरसन एक घंटा पहले ही होटल पहुंच गए थे।

गोर्डन लुईस ने मेलबर्न से स्काईपी के जरिए सुनवाई की। दोनों टीमों ने अपनी कानूनी टीमों की मौजूदगी में अपना पक्ष रखा। भारतीय टीम को शुक्रवार सुबह मैनचेस्टर रवाना होना था जहां सात अगस्त से चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, कोच डंकन फ्लैचर, जडेजा और गौतम गंभीर भारत की 18 सदस्यीय टीम के अधिकतर सदस्य और सहयोगी स्टाफ रवाना हो गया। गंभीर इस कथित घटना के गवाह थे।

धोनी और जडेजा तब बल्लेबाजी कर रहे थे जब वे लंच के दौरान पवेलियन लौटे और पवेलियन के अंदर ड्रेसिंग रूम जाते हुए एंडरसन ने जडेजा का धक्का दिया। कहा जा रहा था कि अश्विन और गंभीर तब सीमा रेखा के करीब खड़े थे। इंग्लैंड ने भी विकेटकीपर मैट प्रायर और आलराउंडर स्टुअर्ट ब्रॉड को गवाह के रूप में पेश किया। वे सुनवाई शुरू होने से कुछ देर पहले होटल पहुंचे। पता चला है कि पूरी सुबह गवाहों के बयान लेने में गुजर रही। इसमें लगभग चार घंटे का समय लगा। प्रायर और ब्राड दोपहर बाद एक बजे एक साथ रवाना हुए। तब एंडरसन सुनवाई वाले कमरे की खिड़की से उन्हें देख रहे थे। एक घंटे बाद गंभीर भी अपने परिवार के साथ रवाना हो गए। फ्लैचर भी तुरंत निकल गये लेकिन दोनों अलग-अलग कार में गए। सुनवाई छ: घंटे तक चलती रही। पता चला है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने इस मामले में प्रमुख वीडियो साक्ष्य पेश किए जो पहले उपलब्ध नहीं थे क्योंकि पवेलियन में लगाया गया सीसीटीवी कैमरा मैच के दौरान काम नहीं कर रहा था। लगभग चार बजे के आसपास धोनी, जडेजा और एक अन्य गवाह फिजियो इवान स्पीचली को बाहर निकलते हुए देखा गया। (भाषा)