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Written By भाषा
Last Modified: शनिवार, 17 मार्च 2012 (20:06 IST)

सचिन तेंडुलकर की शानदार उपलब्धि अजेय

-जावेद मियांदाद

सचिन तेंडुलकर की शानदार उपलब्धि अजेय -
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सचिन तेंडुलकर की 100 अंतरराष्ट्रीय शतक की शानदार उपलब्धि को तोड़ पाना अब किसी भी क्रिकेटर के बूते की बात नहीं। उनके समकक्ष किसी भी खिलाड़ी में दो दशक से क्रिकेट खेलने की ऐसी प्रतिभा और फिटनेस मौजूद नहीं हैं

सचिन ने 23 साल पहले हमारे खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आगाज किया था, तब से मैं उसे देख रहा हूं और मैं तब से ही जानता हूं कि वह किसी बड़ी चीज के लिए ही पैदा हुआ है। मैंने किसी को क्रिकेट के प्रति इतना जुनूनी नहीं देखा है जो रन बनाने का इतना भूखा हो। यह शानदार उपलब्धि है जो सिर्फ सचिन द्वारा ही हासिल की जा सकती थी।

मुझे नहीं लगता कि किसी को भी सचिन का गुणगान करना चाहिए, उनका प्रदर्शन ही सब कुछ दर्शाता है। वह इतने वर्ष से जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, यह अद्भुत है। यह उपलब्धि उनकी निष्ठा, धर्य और ‘सुपर फिटनेस’ को दर्शाती है।

क्रिकेटर के तौर पर शुक्रवार का दिन मेरे लिए बड़ा था। जैसे ही सचिन ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे किसी करीबी ने यह उपलब्धि हासिल की हो। मैं अब तक अपनी जिंदगी में जितने भी लोगों से मिला हूं, वह उनमें सबसे विनम्र और भद्र व्यक्ति हैं।

मेरे पिताजी हमेशा कहते थे, ‘आप सम्मान दोगे तो आपको सम्मान मिलेगा’। मुझे लगता है कि सचिन ऐसा ही करते हैं इसलिए यही एक मुख्य कारण है कि वह अपने करियर के शीर्ष पर पहुंचा है।

लेकिन वह सिर्फ सम्मान देकर ही शिखर पर नहीं पहुंचे हैं। वह तकनीकी रूप से भी क्रिकेट के ‘बेस्ट टाइमर’ में से एक हैं जो काफी मजबूत हैं।

मैं, विवियन रिचर्डस, इयान चैपल और अन्य खिलाड़ी हमेशा अपनी बल्लेबाजी में सुधार के इच्छुक रहते थे। मैंने अब तक जितने भी आर्थोरेडोक्स बल्लेबाज देखे हैं, सचिन उनमें से एक हैं। वह भले ही शून्य, 50 या 100 रन पर खेल रहे हों, उनका मिजाज हमेशा एक सा ही रहता है।

वर्ष 1989 में भारत को पाकिस्तान का दौरा करना था और हम इस लड़के (सचिन) के बारे में सुनते रहते थे जिसने भारत में तिहरा शतक बनाया था। वह आया और वसीम, इमरान और कादिर के खिलाफ खेला और कराची में हिट हुआ। लेकिन वह इन बड़ी चीजों के लिए बना है इसलिए इसमें कोई हैरानी नहीं है कि वह आज 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाला एकमात्र खिलाड़ी है। (भाषा)