गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By कमल शर्मा

इंडिया ग्रोथ स्‍टोरी पर आँच नहीं

इंडिया ग्रोथ स्‍टोरी पर आँच नहीं -
भारतीय कार्पोरेट जगत के बेहतर नतीजों, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के साथ म्‍युचुअल फंडों की खरीद और वैश्चिक अर्थव्‍यवस्‍था के बुरे समाचारों का पहला दौर खत्‍म होने से शेयर बाजार एक बार फिर ऊँचाई की ओर देख रहे हैं।

हमने दो सप्‍ताह पहले कहा था कि बीएसई सेंसेक्‍स यदि अगले सात कारोबारी दिवसों में 14300 अंक से नीचे नहीं जाता है तो खासी तेजी की नींव तैयार होगी...जिसे सभी निवेशक देख रहे हैं। हालाँकि यह समय शेयर कारोबारियों व निवेशकों के लिए बेहद सावधानी का है क्‍योंकि कार्पोरेट नतीजों का दौर पूरा होने के बाद मौजूदा गर्मी को बनाए रखने के लिए नए ट्रिगर की जरूरत होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक की 29 अप्रैल को मौद्रिक नीति पर बैठक होगी। हालाँकि बैंक पहले ही नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में कुल आधा फीसदी बढ़ोतरी का काम पहले ही कर चुका है। अब नजरें इस पर हैं कि बैंक रेपो रेट बढ़ाता है या नहीं। इसके बाद अमेरिकी फैडरल बैंक रिजर्व की बैठक है। बाजार की नजर इन दोनों बैंकों की बैठक पर हैं, जिनका पूँजी बाजार और वित्त बाजार पर सीधा असर देखने को मिलेगा। भारत की आर्थिक विकास दर 7.5 से 8 फीसदी रहने का अनुमान और कार्पोरेट जगत के बेहतर नतीजे यह जरूर कहते हैं कि इंडिया ग्रोथ स्‍टोरी फीकी नहीं पड़ेगी।

कार्वी स्‍टॉक ब्रोकिंग के अंबरीश बालिगा का मानना है कि बीएसई सेंसेक्‍स मौजूदा स्‍तर से 100-200 अंक ऊपर जा सकता है, लेकिन इस बढ़त पर बिकवाली दबाव दिखाई देगा। हम बाजार को फिर से नरम या कुछ ढीला पड़ता देख सकते हैं। यह बाजार में फिर से उतरने का अच्‍छा समय है।

बालिगा कहते हैं कि हम पिछले डेढ़ महीन से निवेशकों को कह रहे हैं कि वे हर गिरावट पर शेयर खरीदें, लेकिन अब मुनाफा वसूली की राय दे रहे हैं। कार्पोरेट नतीजों का मौजूदा मौसम खत्‍म होने के बाद शेयर बाजार के लिए दौड़ने का कोई कारण नहीं है। नतीजों के बाद नगदी के साथ कुछ इंतजार करना चाहिए और गिरने पर फिर खरीद करनी चाहिए।

डीएसपी मैरिल लिंच के शोध प्रमुख ज्‍योतिवर्धन जयपुरिया का कहना है कि यह भारत और दुनिया भर में राहत देने वाली तेजी है। बुरे समाचारों का पहला दौर पूरा हो चुका है। निकट भविष्‍य में बाजार मौजूदा स्‍तर से 4 से 5 फीसदी सुधर सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक रामदेव अग्रवाल कहते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में अब खाड़ी के देशों का निवेश बढ़ेगा।

इन देशों ने क्रूड की आसमान छूती कीमतों से मोटा मुनाफा कमाया है जिसे वे भारत के शेयर बाजार और रियलिटी बाजार में निवेश करना चाहते हैं। इस तरह आने वाले दिनों में इन देशों का पैसा गर्मी बरकरार रखेगा।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स 28 अप्रैल से शुरु हो रहे सप्‍ताह में 16568 अंक के ऊपर बंद होने पर 17777 अंक तक जा सकता है। हालाँकि स्‍पोर्ट स्‍तर 16631 अंक को ध्‍यान में रखना होगा। जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 5288 अंक के ऊपर बंद होने पर 5377 अंक तक जा सकता है। इसका स्‍पोर्ट स्‍तर 4966 अंक है।

तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि अगले सप्‍ताह सेंसेक्‍स के आरंभिक रेसिस्टेंस 17150 और 17307 अंक हैं। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16889 और 17379 अंक है। सेंसेक्‍स के 17575 और 18193 स्‍तर तक जाने की संभावना बढ़ी है। समानांतर स्‍तर पर 15532, 14677 और 18895 अंक अहम है। ऊपरी चैनल वेल्‍यू 17968 अंक के आसपास है। यदि शेयर बाजार लगातार बढ़ता है तो सेंसेक्‍स की परीक्षा कम से कम 17942 के ऊपरी स्‍तर पर होगी और इससे आगे इसकी परीक्षा 18712 अंक पर होगी। सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 16800-16500-16400 पर मिलेगा।

इस सप्‍ताह निवेशक गुजरात अपोलो इंडस्‍ट्रीज, फिलिप्‍स कार्बन ब्‍लैक, इंडियन ओवरसीज बैंक, एचडीएफसी, हाइड्रो एसएंडएस इंडस्‍ट्रीज, रेडिको खेतान, भारती एयरटेल, चंबल फर्टिलाइजर, निकोल्‍स पीरामल, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक, केयर्न इंडिया, पेन्निसुला लैंड, पेट्रोनेट एलएनजी, जी न्‍यूज और गुजरात एनआरई कोक पर ध्‍यान दे सकते हैं।

• य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।