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Written By वार्ता

अनिश्चितता के साए में रहेगा शेयर बाजार

अनिश्चितता के साए में रहेगा शेयर बाजार -
देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह अनिश्चितता का माहौल रहने की अधिक संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में यह आकलन लगा पाना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा है कि बाजार का रुख किस तरफ रहेगा। उधर, 12 सितम्बर को समाप्त हुए सप्ताह में शेयर बाजारों में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट का रुख रहा। बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 483 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 124 अंक टूट गया।

विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही खबरें बाजार में हैं, किंतु बाजार किस करवट बैठेगा इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और ग्लोबल कैपिटल मार्केट के प्रमुख अशोक अग्रवाल की राय में बाजार में अनिश्चितता का माहौल रहने की अधिक संभावना है। उनका कहना है कि वैश्विक बाजारों की स्थिति, विदेशी संस्थानों की बिकवाली और रुपए की कमजोरी नकारात्मक खबरें हैं, वहीं कच्चे तेल में गिरावट, महँगाई में कमी और औद्योगिक उत्पादन में सुधार सकारात्मक खबरें भी हैं।

अग्रवाल के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों के नीचे आने से व्यापार घाटा कम होने का फायदा रहेग। उड्डयन ईंधन आदि सस्ते होंगे। महँगाई के नीचे आने का लाभ पूरी अर्थव्यवस्था को होगा, किंतु ऐसे में रुपए के डॉलर के मुकाबले करीब दो वर्ष के न्यूनतम स्तर पर पहुँच जाने से इस फायदे पर असर पड़ने की आशंका है।

अमेरिका के चौथे बड़े निवेशक बैंक लीमन ब्रदर्स की डाँवाडोल स्थिति ने भी बाजार को प्रभावित कर रखा है। बीते सप्ताह के दौरान बीएसई का सेंसेक्स 3.33 प्रतिशत अर्थात 483.02 अंक के नुकसान से 14000.81 अंक रह गया। एनएसई के निफ्टी में 4228.45 अंक पर 123.85 अंक अर्थात 2.84 प्रतिशत का नुकसान हुआ। सप्ताह के पाँच कारोबारी दिवसों में पहले दिन को छोड़कर बाजार निरंतर बिकवाली के दबाव में रहा और अंतिम दो दिनों में तो प्रत्येक दिन 300 अंक से अधिक गिरावट सेंसेक्स में रही।

बीएसई मिडकैप 216.58 अंक अर्थात 3.76 प्रतिशत के नुकसान से 5537.14 अंक रह गया। स्मालकैप में 6711.54 अंक पर 2.80 प्रतिशत अर्थात 193.68 अंक का नुकसान हुआ। निवेशकों की हताशा के बीच शुक्रवार को औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आँकड़े भी बाजार को उबार नहीं सके। जुलाई माह के दौरान औद्योगिक उत्पादन जून के 5.4 प्रतिशत की तुलना में 7.1 प्रतिशत पर पहुँच गया। हालाँकि यह पिछले साल के 8.3 प्रतिशत की तुलना में कम था। महँगाई की दर लगातार तीसरे सप्ताह गिरती हुई तीस अगस्त को 0.24 प्रतिशत और घटकर 12.10 प्रतिशत रह गई।

सप्ताह के पहले कारोबारी दिवस में बीएसई का सेंसेक्स परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के साथ परमाणु करार की खबरों के बीच 500 अंक से अधिक उछला, किंतु शेष दिनों में यह लगातार टूटता रहा।

सेंसेक्स में सर्वाधिक भारांक रखने वाला रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सप्ताह के दौरान 7.11 प्रतिशत की तीव्र गिरावट से 1931.40 अंक रह गया। दूरसंचार क्षेत्र की अग्रणी एयरटेल के शेयर में 778.70 रुपए पर 3.15 प्रतिशत की गिरावट आई। पुनर्गठन किए जाने के समाचारों के बीच स्टरलाइट इंडस्ट्रीज का शेयर 17.13 प्रतिशत के भारी नुकसान से 487.10 रुपए रह गया।

आईसीआईसीआई बैंक 652.85 रुपए पर पाँच प्रतिशत गिरा। रुपए के कमजोर पड़ने के बावजूद अमेरकी अर्थव्यवस्था की मंदी के कारण आईटी वर्ग की दूसरी बड़ी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजी को फायदा नहीं मिला और इसका शेयर चार प्रतिशत की गिरावट से 1644.10 रुपए रह गया। यूबीएस का कहना है कि पौंड स्टर्लिंग और यूरो के सामने अमेरिकी डॉलर की मजबूती से आईटी कंपनियों की डॉलर में होने वाली आय पर एक से दो प्रतिशत का असर पड़ेगा और यह समाचार इस वर्ग की कंपनियों पर भारी पड़ा।

यूरो की तुलना में अमेरिकी डॉलर एक वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। रुपए भी डॉलर के मजबूत होने के समाचारों से बच नहीं पाया और यह बीते सप्ताह एक डॉलर की कीमत 1.09 प्रतिशत अर्थात ढाई प्रतिशत टूटकर करीब दो वर्ष के न्यूनतम स्तर 43.73 रुपए प्रति डॉलर पर पहुँच गई। अनाज-बीते सप्ताह में आवक और उठाव में संतुलन रहने से अनाज के कारोबार में टिकाव देखा गया। कारोबारियों का कहना है कि आवक ज्यादा होने के बावजूद पूछपरख बढ़ने से दाम टिके रहे।

गेहूँ की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। आटा, मैदा और सूजी भी टिके रहे। हालाँकि चोकर में दो रुपए प्रति बोरी (90 किलो) की तेजी देखी गई। सप्ताहांत में देशी गेहूँ 1445-1475 रुपए और गेहूँ दड़ा 1060-1065 रुपए प्रति क्विंटल रहा। आटा प्रति बोरी (50 किलो) 580-590 रुपए, मैदा 1205-1215 रुपए, रवा-सूजी 1300-1310 चोकर 262-363 रुपए बोरी (90 किलो) रहा।

चावल के बाजार में स्थिरता बनी रही। बासमती चावल की औसत किस्म 4500-5500 रुपए प्रति क्विंटल रही। परमल 1400-1700 रुपए, परमल सेला 1500-1800 रुपए और आईआर-आठ 1250-1400 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। आलोच्य सप्ताह में मोटे अनाज का कारोबार भी मंदा रहा। दाम टिके रहे। सप्ताहांत में बाजरा 650-670 रुपए, मक्का 700-750 रुपए, ज्वार 600-700 रुपए, जौ 800-850 रुपए और काबुली चना 2800-3800 रुपए क्विंटल रहा।