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Written By WD

राहुल और सोनिया गांधी पिछले जन्म में क्या थे, जानिए

क्या आप जानते हैं पूर्वजन्म का रहस्य?

Rebirth | राहुल और सोनिया गांधी पिछले जन्म में क्या थे, जानिए
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अपने पिछले जन्म में अमिताभ बच्चन एक महान अभिनेता थे और मंच पर नाटक करते थे। शाहरुख खान कोलकाता की एक प्रसिद्ध नृत्यांगना थे। डॉ. अब्दुल कलाम टीपू सुल्तान थे। इसके अलावा राहुल गांधी और सोनिया गांधी जैसी कई प्रसिद्ध और महान हस्तियों की दास्तान के बीच हम यह बताएंगे कि क्या आखिर पिछला जन्म होता है? होता है तो इसका आधार क्या?

मृत्यु के बाद क्या कुछ ऐसा है, जो शेष रह जाता है, छुट जाता है और जिसे दोबारा जन्म लेने पर मनुष्य अनजाने में ही जारी रखता है लेकिन याद नहीं रख पाता है कि यह मैं जो कर रहा हूं वह पिछले जन्म से करता आ रहा हूं। बहुत से लोग हैं जिन्हें अपने पिछले जन्म का याद आ गया है। भारत ही नहीं, बल्कि विश्व में कई जगह बहुत बार ऐसा हो चुका है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह दिमाग की गड़बड़ी है या सच में ही ऐसा होता है?

जिन लोगों को पुनर्जन्म की याद आ गई है उन्होंने अपने माता-पिता, पत्नी-बेटी आदि सभी के नाम बता दिए हैं तो क्या इस तथ्‍य को दिमाग की गड़बड़ी कहें? भारत, अमेरिका और यूरोप में ऐसे सैकड़ों लोग हुए हैं जिनको अपने पिछले जन्म की याद आ गई है और उन्होंने बहुत ही सटीक और आश्चर्य में डालने वाली जानकारी बताई है।

84 लाख योनियों से क्यों गुजरती है आत्मा... अगले पन्ने पर...


हिन्दू धर्म के शास्त्र वेद, उपनिषद और गीता आत्मा को अजर-अमर मानते हैं। इसके अलावा इतिहास ग्रंथ पुराण, महाभारत और रामायण में भी आत्मा के पुनर्जन्‍म लेने का उल्लेख मिलता है।‍ सामान्य आत्माओं की तीन अवस्थाएं होती हैं- जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति। ध्यानी आत्मा की इन तीनों से अलग तुरीय, तुरीयातीत, भगवत चेतना और ब्रह्म चेतना अवस्‍था होती है।

योनियों से क्यों गुजरती हैं आत्माएं : उक्त अवस्थाओं, कर्मों और भावों के आधार पर मनुष्य भिन्न-भिन्न प्रकार की योनियों में जन्म लेता है। जिस तरह आकार-प्रकार की दुनिया में विकासक्रम के तहत ही मनुष्य ने मनुष्य रूप धारण किया उसी तरह आत्मा भी विकासक्रम की प्रक्रिया के तहत ही भिन्न-भिन्न प्रकार के आकारों में खुद को अभिव्यक्त करके आगे बढ़ती रहती है। विकास की इस यात्रा में बहुत-सी आत्माएं अपने कर्मों और भावों के अनुसार नीचे गिरती या ऊपर उठती रहती हैं।

कौन-कौन सी हैं 84 लाख योनियां...


84 लाख योनियां : हिन्दू धर्म के अनुसार 84 लाख योनियों के पश्चात यह मनुष्य जन्म प्राप्त होता है। 7 हजार वर्ष पूर्व लिखे गए पद्म पुराण में इसका उल्लेख मिलता है।

।।जलज नव लक्षाणी, स्थावर लक्ष विम्शति, कृमयो रुद्र संख्यकः।
पक्षिणाम दश लक्षणं, त्रिन्शल लक्षानी पशवः, चतुर लक्षाणी मानवः।।

* जलज अर्थात जलचर जीव : 9 लाख
* स्थावर अर्थात पेड़-पौधे : 20 लाख
* सरीसृप, कृमि, कीड़े-मकोड़े : 11 लाख
* नभचर : 10 लाख
* थलचर : 30 लाख
* मानवीय नस्ल के : 4 लाख
* कुल = 84 लाख।

आधुनिक जीव विज्ञानियों ने गणितीय तर्कों द्वारा धरती पर लगभग 87 लाख जीवों के होने की संभावना बताई है जिनमें से 13 लाख की जानकारी ऊपर-नीचे हो सकती है। लगभग 200 सालों की खोज के आधार पर फिलहाल लगभग 13 लाख उपस्थित जीवों तथा प्रजातियों का नाम-पता लगा चुके हैं।

यदि हिन्दू धर्म में उल्लेखित 84 लाख जीवों की संख्या में बढ़ोतरी अथवा कमी पाई जाए तो कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि यह उस काल की गणना थी। आज के काल में जलवायु के परिवर्तन और कई प्राकृतिक आपदाओं के चलते संख्‍या में बदलाव हो सकता है।

सर्वप्रथम जीवात्मा आध्यात्मिक अवस्था में होती है तथा वही जीवात्मा देह धारण करती है तथा उसी देह द्वारा किए गए उच्च अथवा नीच कर्मों के अनुसार गति को प्राप्त होती है, जैसे कोई जीव-जंतु पेड़-पौधा आदि तथा पूर्ण 84 लाख योनियों में भटकने के पश्चात पुनः मानव शरीर ग्रहण करती है और पुनर्जन्म की प्रक्रिया से बाहर निकलने का एक अवसर और प्राप्त करती है। इस प्रकार मोक्ष प्राप्ति तक इसी कालचक्र में फंसी रहती है। -(श्रीमद् भागवत 4.29.2)

पूर्वजन्म की अनुभूति का कारण और रहस्य अगले पन्ने पर...


वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।...गीता 2/2/2...।

अर्थात : जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होती है।

शरीर के दो भेद हैं :-
1. सूक्ष्म शरीर : जिसमें बुद्धि, अहंकार और मन होता है।
2. स्थूल शरीर : जिसमें पांच ज्ञानेंद्रिय (आंख, कान, जीभ, नाक, त्वचा), पांच कर्मेन्द्रिय (वाक्, हस्त, पैर, उपस्थ, पायु), पंच तन्मात्र (धरती, अग्नि, जल, वायु, आकाश) होते हैं। एक तीसरा शरीर होता है जिसे कारण शरीर कहते हैं जिसमें आत्मा के संस्कार बीज रूप में रहते हैं।

शास्त्रों के अनुसार स्थूल शरीर की उम्र 120 वर्ष और सूक्ष्म शरीर की उम्र 4,32,00,00,000 वर्ष की होती है, लेकिन कारण शरीर अंडाकार में आत्मा के साथ अनंतकाल से है और अनंतकाल तक रहेगा। 4,32,00,00,000 वर्ष बाद प्रलयकाल में यह सुक्ष्म शरीर मूल कारण प्रकृति में लीन हो जाता है, ‍क्योंकि सृष्टि के प्रारंभिक काल में उसे यह शरीर प्रकृति से मिला था।

नए सृष्टिक्रम में फिर से उसे सूक्ष्म शरीर मिल जाता है लेकिन मृत्यु और जन्म के बीच, प्रलय और नई सृष्टि के बीच आत्मा गहन सुषुप्ति की अवस्था में रहती है। जिन लोगों ने मानव जन्म के महत्व को समझा वही लोग ध्यान द्वारा आत्मा की उक्त तीनों अवस्थाओं से मुक्ति पाकर प्रकृति के जन्म-मरण या प्रलय-सृजन के चक्र से दूर होकर खुद का अस्तित्व बना लेते हैं।

बार-बार जन्म और मृत्यु का यह क्रम चलता रहता है। हर नए जन्म पर नया स्थूल शरीर जीवात्मा को मिलता रहता है लेकिन आत्मा से युक्त वह सूक्ष्म शरीर सदा वही रहता है, जो कि सृष्टि रचना के समय आत्मा को मिला था। इस सूक्ष्म शरीर में हजारों जन्म की स्मृतियां बसी हैं, क्योंकि सूक्ष्म शरीर का हिस्सा होता है मन, बुद्धि और अहंकार।

हर जन्म के कुछ न कुछ विषय या संस्कार हमारी सूक्ष्म बुद्धि में बसे रहते हैं और कोई न कोई किसी न किसी जन्म में कभी न कभी वे विषय पुनः जागृत हो जाते हैं जिस कारण वे लोग जिनको कि शरीर परिवर्तन का वह विज्ञान नहीं पता रहता, वे लोग इसको भूत बाधा या कोई शैतान आदि का साया समझकर भयभीत होते रहते हैं।

कभी किसी मानव की मृत्यु के बाद जब उसे दूसरा शरीर मिलता है तब कई बार किसी विषय की पुनरावृत्ति होने से पुरानी यादें जाग उठती हैं और उसका रूप एकदम बदल जाता है और आवाज भारी हो जाने के कारण लोग यह सोचने लगते हैं कि इसको किसी दूसरी आत्मा ने वश में कर लिया है या कोई भयानक प्रेत इसके शरीर में प्रवेश कर गया है।

हालांकि ऐसा हर बार नहीं होता। ऐसे कई लोग हैं जिनको अपने पिछले जन्म की याद आ गई है और वे फिर भी शांत और संयत स्वभाव लिए रहते हैं। यह उनकी बुद्धि पर निर्भर करता है। यह बात देखी जाती है कि जिस विषय का अनुभव उनको होता है उस विषय की पुनरावृत्ति का आभास जब उन्हें होता है, तब उनकी बुद्धि उस विषय में सतर्क रहती है।

कई लोगों को पिछले जीवन के कड़वे अनुभव रहते हैं और उनका मृत्यु का अनुभव भी काफी खतरनाक रहता है। ऐसे लोगों को जब अपने पूर्वजन्म का ज्ञान होता है तो उनमें संताप पैदा होता है या उन्हें ऐसा अनुभव होता है कि वे अभी भी पिछले जन्म में ही जी रहे हैं और अभी तक उन्होंने दुखों से छुटकारा नहीं पाया।

यहां समझने वाली बात यह है कि कौन पिछले जन्म में किस तरह की परिस्थिति में जिया और मरा। उसका उस जन्म में स्वभाव क्या था और वह कितना जाग्रत, शुद्ध विचार और शुद्ध कर्मों वाला था।

अगले पन्ने पर पढ़िए, पिछले जन्म में ‍अमिताभ और रेखा क्या थे...



अमेरिका के एक चिकित्सक डॉक्टर वॉल्‍टर सेमकिव ने पुनर्जन्म पर शोध करके एक किताब लिखी है जिसका नाम है, ‘रिटर्न ऑफ द रिवाल्‍यूशनरीज : द केस फॉर रीइनकारनेशन एंड सोल ग्रुप्‍स दी यूनाइटेड।' भारत में यह किताब ‘द बॉर्न अगेन’ के नाम से मिलती है। वॉल्टर ‍की किताब में इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, जवाहरलाल नेहरू, बेनजीर भुट्टो, नाना साहेब और बहादुर शाह जफर के पुनर्जन्‍म के बारे में भी लिखा है।

वॉल्‍टर ने पुनर्जन्म पर शोध के लिए एक संस्था की स्थापना भी की है जिसका नाम है- इंस्‍टीट्यूट फॉर द इंटिग्रेशन ऑफ साइंस इंट्यूशन एंड स्पिरिट (IISIS)। उनकी यह संस्‍था पुनर्जन्‍म, आत्‍मविकास और इनसे संबंधित तथ्‍यों के वैज्ञानिक अध्‍ययन और शोध कार्यों के लिए समर्पित है।

अमिताभ बच्चन : डॉक्‍टर वॉल्‍टर के शोध अनुसार अमिताभ बच्‍चन अपने पिछले जन्म में एडविन बूथ थे, जो शेक्सपीयर के नाटकों के मुख्‍य पात्र बनकर नाटक किया करते थे। इसका मतलब यह कि अमिताभ बच्चन अपने पिछले जन्म में भी अभिनेता थे।

एडविन बूथ विक्‍टोरियन काल के एक प्रसिद्ध शेक्‍सपीरियन विश्वप्रसिद्ध अभिनेता थे। लेकिन वॉल्टर के अनुसार उनके भाई जॉन विल्किस बूथ, जिसने अमेरिकी राष्‍ट्रपति अब्राहम लिंकन की हत्‍या की थी, के कुकर्मों के कारण एडविन की प्रसिद्धि दबकर रह गई। वॉल्‍टर के मुताबिक एडविन और अमिताभ में काफी सारी समानताएं थीं। हालांकि समानता के आधार पर किसी को उसके पिछले जन्म का मानना कहां तक उचित है?

आगे शोध यह कहता है कि एडविन का पूरा परिवार पुनर्जन्‍म लेकर भारत में अवतरित हुआ है और पूर्वजन्‍म में एडविन की दूसरी पत्‍नी रहीं मेरी मैक्सिवर्क्‍स इस जन्‍म में जया भादुड़ी के रूप में अमिताभ बच्‍चन की पत्नी है। यानी कि एडविन की पहली पत्नी मेरी डेवलिन का रेखा के रूप में पुनर्जन्म हुआ। डॉक्‍ट‍र वॉल्टर ने अपनी किताब में काफी सारी समानताओं को आधार बनाकर अमिताभ को एडविन का दूसरा जन्म बताया, रेखा को उनकी पहली पत्नी और जया भादुड़ी को दूसरी पत्नी बताया।

अगले पन्ने पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पिछला जन्म....





सोनिया और राहुल गांधी : वॉल्टर लिखते हैं कि अब्राहम लिंकन की हत्‍या करने वाले विकिल्‍स बूथ की प्रेमिका लूसी हेले इस जन्‍म में सोनिया गांधी हैं और उस जन्‍म में अमेरिकी सिनेटर जान पी. हेले इस जन्‍म में सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी हैं। हैदर अली ने विक्रम साराभाई के रूप में जन्‍म लिया और टीपू सुल्‍तान ने एपीजे अब्‍दुल कलाम के रूप में।

अगले पन्ने पर इंदिरा गांधी का पिछला जन्म...


इंदिरा गांधी : उनके मुताबिक बहादुर शाह जफर का जन्‍म जवाहरलाल नेहरू के रूप में हुआ था। वॉल्टर के अनुसार नेहरू की पुत्री और भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने पिछले जन्‍म में स्‍वतंत्रता सेनानी नाना साहेब थे।

अगले पन्ने पर शाहरुख खान का पूर्वजन्म..


शाहरुख खान : वॉल्टर की किताब में शाहरुख खान के भी पिछले जन्‍म के बारे में बताया गया है। वॉल्टर के अनुसार शाहरुख खान अपने पिछले जन्‍म में कोलकाता की अभिनेत्री और नृत्‍यांगना साधना बोस थे।