गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

घर में भूलकर भी न लगाएं ये तस्वीरें वर्ना...

घर में भूलकर भी न लगाएं ये तस्वीरें वर्ना... | photo for home wall
पुराणों में कई स्थानों पर वास्तु दोषों के शमन के लिए चित्र, नक्काशी, बेलबूटे, मनोहारी आकृतियों आदि के उपयोग का वर्णन है। राजा भोज का समरांगन सूत्रधार, विश्वकर्मा प्रकाश, राजबल्लभ, शिल्प संग्रह, विश्वकर्मीय शिल्प, बृहद्वास्तु माला आदि वास्तुशास्त्र के महत्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते हैं। इन ग्रंथों में वास्तु दोषों के शमन हेतु चित्रों के उपयोग का विशद वर्णन है।
 
तस्वीरों और रंगों का आपके मन और भाग्य पर बहुत गहरा असर पड़ता है। अगर आपने अपने घर के शयन कक्ष, रसोईघर या अतिथि कक्ष में नकारात्मक तस्वीरें लगा रखी हैं तो उन्हें तुरंत हटा दें। आओ जानते हैं कि ऐसी कौन कौन सी तस्वीरें है जो आपके जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है...

ताज महल या मकबरा : अक्सर लोगों के घरों में ताज महल का चित्र, तस्वीर ये पोर्टेट देखा जा सकता है। घर में किसी की भी समाधि, मकबरा या कब्र का फोटो नहीं लगाना चाहिए। ताज महल क्या है, हम यह तो नहीं जानते लेकिन उसके बारे में यह प्रचलित है कि वह एक मकबरा है।
यदि आप निरंतर एक मकबरे को देखते हैं और आपके मन में ऐसा भाव आता है‍ कि यह एक मकबरा है तो यह आपके जीवन के लिए सही नहीं है।  कहते हैं कि इससे मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लगातार इन चित्रों को देखते रहने से नकारात्मक भावों का ही विकास होता है जिसके चलते हमारे जीवन में अच्‍छी घटनाएं घटना बंद हो जाती हैं।

महाभारत युद्ध का चित्र : कहते हैं कि महाभारत युद्ध का चित्र जिससे घर में क्लेश बढ़ता है। महाभारत युद्ध पारिवारिक तनाव के कारण ही हुआ था। महाभारत युद्ध के कई चित्र है उनमें से सिर्फ वही चित्र जिसमें युद्ध करते हुए बताया गया है आपके मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, लेकिन जिस चित्र में श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं वह चित्र नहीं।
mahabharat
महाभारत युद्ध ही नहीं किसी भी प्रकार के युद्ध का चित्र आपकी सोच को भी आक्रामक बना देगा। युद्ध का चित्र हर रोज देखने से आपका स्वभाव धीरे धीरे बदलकर गुस्से वाला हो जाएगा। घर-परिवार में वाद विवाद होने लगागे और वही होगा ‍तो आपन नहीं चाहते हैं।

कांटों की पेंटिंग : बहुत से लोग मॉडर्न पेंटिंग के नाम पर घर में कैट्टस की, कांटों की झाड़ियों की पेंटिंग लगाकर उस पर नाज करते हैं। उसे वे हजारों रुपयों में खरीदते हैं और हॉल ये बैठक रूम में लगाते हैं। इससे जीवन भी कांटों भरा हो सकता है।
हो सकता है कि सिर्फ कांटों का चित्र न हो बल्कि कांटेदार पौधों का चित्र हो। हरे भरे पत्तों के बीच कांटे हो। एक ऐसा जंगल जहां कांटों की अधिकता हो या कि हो सकता है कि आपने गमले में कांटे उगा रखे हो। कुछ लोग घर को कलात्मक लुक देने के लिए नकली या कांटेदार पौधे लगा लेते हैं अत: घर में कांटेदार पेड़-पौधे न लगाएं, इससे पारिवारिक संबंधों में भी कांटों-की-सी चुभन पैदा होने लगती है।
 
यदि कलाकृतियों के नाम पर कुछ ऐसी वस्तुएं या पेंटिंग हैं जिसमें सूखे ठूंठ हो, मानवरहित उजाड़ शहर हो, बिखरा हुआ घर हो, सूखा पहाड़ हो या वे सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं हों, जो मानी तो जाती हैं कलात्मक लेकिन वास्तु शास्त्र अनुसार ये सभी नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं।

देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र : देवी-देवताओं की फटी हुईं और पुरानी तस्वीरें अथवा खंडित हुईं मूर्तियों से भी आर्थिक हानि होती है अत: उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
इसके अलावा देवी-देवताओं के चित्रों से घर को नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति की संख्या और स्थान निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारे चित्र और मूर्तियां इकट्ठी कर ले‍ते हैं। एक ही देवी या देवता की 3-3 मूर्तियां और चित्र होते हैं, जो कि वास्तुदोष निर्मित करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग आजकल भगवान के ऐसे चित्र लगा लेते हैं जो कि परंपरागत नहीं है। जैसे चिलम पीते शिवजी या विकराल रूप के भैरव।

डूबती या तूफान से घिरी नाव या जहाज : कुछ घरों में देखा गया है कि उनके घरों की दीवारों पर डूबते हुए या तूफान से घिरे जहाज का एक बड़ा सा पोस्टर लगा होता है। जिंदगी की नाव भी जब ऐसे ही तूफानों से घिरने लगती है तो अंतत: डूबने लगती है। कहा जा सकता है कि यह वास्तु के अनुसार ठीक नहीं है।
दिन रात आप उसी चित्र को देखते हैं और अंतत: आपके मन में भी उसी तरह के नैया डूबने वाले भाव विकसित हो जाते हैं। व्यक्ति की जिंदगी में बुरा होने की शुरुआत तो सबसे पहले दिमाग में ही होती है। बहुत से घरों में डूबती या लहरों में डगमगाती हुई नाव का फोटो देखा जा सकता है। यह वास्तु के अनुसार अशुभ होता है। मान्यता है कि ये फोटो भाग्य संबंधी बाधाएं उत्पन्न करती है। घर परिवार में तनाव बढ़ता है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

हिंसक या जंगली जानवरों के चित्र : इस तरह के चित्र तो कई लोगों के घरों में देखे गए हैं जिसमें जंगली जानवर है। हो सकता है कि किसी अकेले ही जंगली जानवर का चित्र हो या झूंड में जंगल में घूम रहे जानवरों का हो। जंगली या हिंसक जानवरों के चित्र हर रोज देखने से हमारा स्वभाव भी उग्र हो सकता है। घर में क्लेश और अशांति बढ़ सकती है।
उदाहरणार्थ लोगों के घरों में शेर, चीता, बंदर, सर्प, गिद्ध, कबूतर, बाघ, कौआ, गरूड़, उल्लू, भालू, सियार, कुत्ता आदि की तस्वीरें होती है। उक्त तरह के चित्र या मूर्तियों से नकारात्मक भावों का ही विकास होता है जिसके चलते हमारे जीवन में अच्‍छी घटनाएं घटना बंद हो जाती हैं।

अपने पूर्वजों के चित्र : कभी भी परिवार के मृत व्यक्तियों का चित्र देवी और देवताओं के साथ न लगाए या रखें। यदि आप अपने मृतकों का चित्र लगाना ही चाहते हैं तो उनका चित्र उत्तर की दीवार पर इस तरह लगाएं कि उनका मुख दक्षिण की ओर हो। 
घर के मृतकों का चित्र सिर्फ आपके देखने के लिए है किसी दूसरे के लिए नहीं। आप भी उन्हें प्रतिदिन न देखें तो ही अच्छा है। अत: उन चित्रों को ऐसी जगह लगाएं कि वह घर में आते या जाते दिखाई न दें। यह सही है कि आपकी भावनाएं उनसे जुड़ी है लेकिन उन्हें प्रतिदिन याद करने से आपके भविष्य पर इसका बुरा असर होगा।

अश्लील चित्र : कुछ घरों में अभिनेता व अभिनेत्रियों के बड़े-बड़े चित्र होते हैं तो कुछ घरों में कला के नाम पर अर्धनग्न स्त्री का चित्र होता है। यह दोनों ही प्रकार के चित्र नकारात्मक भावों को जन्म देते हैं।
घर में किसी भी कमरे में अश्लीलता प्रदर्शित करने वाले कोई भी चित्र न लगाएं। इसका बुरा प्रभाव आपके परिवार पर पड़ेगा और इसका परिणाम क्या होगा यह आप खुद ही समझ सकते हैं। घर में ऐसा चित्र लगे होने चाहिए जिससे की अच्छी भावना का विकास हो। अच्छे विचारों को बढ़ावा मिलता हो।
फव्वारा या झरने का चित्र : फव्वारे या झरने का चित्र दिखने में सुंदर होता है लेकिन माना जाता है कि जिस प्रकार पानी बह जाता है, ठीक उसी प्रकार हमारा पैसा भी व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो सकता है। इसी कारण घर में ऐसी लगाने से बचना चाहिए।
 
झरने या फव्वारे के चित्र को किसी वास्तु शास्त्री से पूछकर ही लगाता चाहिए। अक्सर इस तरह के चित्र ईशान कोण के वास्तु को ठीक करने के लिए लगाते हैं, लेकिन यह बड़े पैमाने पर नहीं होता। कुछ लोग इसकी जगह मछलीघर लगाते हैं या मछली का चित्र लगा देते हैं। हालांकि पानी का एक मटका रखने से भी काम चल जाता है।