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5 भविष्यवाणियां इस युग के बारे में

5 भविष्यवाणियां इस युग के बारे में - Nostradamus predicted
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार अनिश्चित भविष्य के बीच एक निश्‍चित या तय भविष्य की रेखा चलती रहती है अर्थात भविष्य में कुछ घटनाओं का घटना तय है तो कुछ के बारे में कुछ भी नहीं कहा जाता सकता। भविष्य का निर्माण एक व्यक्ति, समूह या संगठन पर ही निर्भर नहीं है बल्कि इसमें प्राकृतिक तत्वों का भी योगदान रहता है। संभावनाएं अनंत हैं, लेकिन कुछ संभावनाओं के बारे में पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है।

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आप नीचे खड़े हैं तो यह नहीं देख पा रहे हैं कि 10 मिनट बाद आपके क्षेत्र में बारिश होने वाली है, लेकिन यदि आप किसी ऊंचे स्थान पर खड़े हैं तो आप दूर कहीं हो रही बारिश को देखकर नीचे खड़े लोगों से कह सकते हैं कि 10 मिनट बाद बारिश होने वाली है, फिर वे चाहे आपकी बातों पर विश्‍वास करें या न करें। 10 मिनट बाद ही उन्हें इसकी सचाई का पता चलेगा।

इसी तरह भविष्य देखने वाले कहीं ओर खड़े हैं और हम सब नीचे... संभावनाएं अनंत हैं और उन्हीं अनंत संभावनाओं में से किसी एक संभावना को पकड़कर कोई भविष्यवाणी करता है। आपकी मौत किस तरह होगी इसकी संभावनाएं अनंत हैं लेकिन आपके अ‍तीत और वर्तमान का अच्छे से निरीक्षण करके शायद यह बताया जा सकता है कि आप हार्टअटैक से मरेंगे। यह बात अलग है कि अटैक आने के बाद आप बच गए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भविष्यवाणी गलत थी।

आओ जानते हैं कि नास्त्रेदमस ने वे कौन-कौन-सी भविष्यवाणियां की हैं जिनके बारे में जानने के लिए आप जरूर उत्सुक होंगे। ऐसी ही कुछ 5 भविष्यवाणियों को हम छांटकर लाए हैं आपके लिए।

अगले पन्ने पर पहली भविष्यवाणी...

तृतीय विश्वयुद्ध होगा या नहीं? आजकल सभी के मन में यह सवाल है कि तीसरा विश्वयुद्ध होगा या नहीं। बहुत से तो दावा करते हैं कि यह अवश्य होगा। सरकार दो तरह से बनती है एक हथियारों की ताकत से और दूसरी बहुमत की ताकत से। विश्‍व में ऐसे कितने लोग हैं, जो यह सोचते हैं कि तृतीय विश्‍वयुद्ध होगा और कितने सोचते हैं कि नहीं होगा। संभवत: आप भी यही कहेंगे कि अधिकतर लोग सोचते हैं कि होगा। सवाल है कि क्यों ऐसा सोचते हैं, तो जवाब है कि नास्त्रेदमस सहित कई भविष्यवक्ता कह गए हैं कि होगा, तो होगा।

भगवान बुद्ध कहते हैं कि विचार ही वस्तु और घटना का रूप ले लेता है। आज आप जो हैं वह आपके विचारों का परिणाम है। आप और हम अधिकतर लोगों की नकारात्मक सोच को बदल नहीं सकते। नकारात्मक सोच स्वत: आती है जबकि सकारात्मक सोच को लाना पड़ता है। हॉलीवुड में पहले न्यूयॉर्क पर हमले की फिल्में बनती थीं। सभी अमेरिकी इन फिल्मों को देखकर आशंकित रहने लगे थे और अंतत: एक दिन हमला हो गया। लॉ ऑफ एक्ट्रेशन (Law of Attraction) के नियम से सभी परिचित होंगे।

नास्त्रेदमस ने 1503 में अपनी किताब सेंचुरी में लिखा है, 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पर पहुंचेगा और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।'

आगे वे लिखते हैं- 'एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा (यह मिस्र में हो चुका है)। नया पोप दूसरे देश में बैठेगा (यह भी हो चुका है।)। मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। (चीन का अमेरिका के खिलाफ छद्मयुद्ध तो जारी है ही)। नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा, तब तृतीय युद्ध शुरू होगा।'

'एशिया का महान व्यक्ति समुद्र और जमीन पर विशाल सेना लेकर नीले, हरे और सलीबों को वह मौत के घाट उतार देगा।' (सैंचुरी-6-80)। इसी सैंचुरी का 24 और 25वां छंद भी भयानक युद्ध का वर्णन करता है।

अगले पन्ने पर दूसरी भविष्‍यवाणी...
उल्कापिंड से धरती की तबाही? बहुत से वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक अब ज्यादातर लोगों को यह डर सताने लगा है कि आसमान से कोई विशालकाय उल्कापिंड गिरेगी और धरती पर तबाही का मंजर खड़ा कर देगी।

नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा है कि जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।

प्रलय की नई तारीख : उल्कापिंड करेगा धरती को तबाह

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के विश्लेषणों के अनुसार जब तृतीय विश्वयुद्ध चल रहा होगा उसी दौरान आकाश से आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और हिन्द महासागर में आग का एक तूफान खड़ा कर देगा। इस घटना से दुनिया के कई राष्ट्र जलमग्न हो जाएंगे। इस उल्कापिंड से श्रीलंका, मालदीव, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, न्यूगिनी, फिलीपींस, कम्बोडिया, थाईलैंड, बर्मा, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मिश्र, सऊदी अरब आदि देश प्रभावित होंगे।

अगले पन्ने पर तीसरी भविष्‍यवाणी...
धर्म लाएगा तबाही : नास्त्रेदमस ने की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भविष्यवाणी : 'एक बुरा और कुख्यात व्यक्ति मोसोपोटामिया (इराक) का तानाशाह बनेगा और अनेक प्रबल मि‍त्र भी पटाएगा। अनेक देशों को वह युद्ध की आग में झूलसा देगा।' (सैंचुरी- VII-70)। कई विद्वान इस भविष्यवाणी को सद्दाम हुसैन से जोड़कर देखते हैं, जो वर्तमान में यह अल बगदादी पर सटीक बैठती है।

'कुछ ही समय बाद धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों बीच वाले, लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, भूकंप, बीमारियां, अकाल, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।' (सैंचुरी- VII-10) देखा जाए तो वर्तमान के हालात ऐसे ही हैं।

'वे गलत नक्शे दिखाएंगे, स्मारकों के गड़े मुर्दे उखाड़े जाएंगे, संप्रदाय बढ़ते जाएंगे और महान दर्शन के बजाय सफेद को काला व समृद्धि को सोना समझने लगेंगे।' (सैंचुरी-7-14)

'सलीब की सेना के पड़ाव डालने से पहले इस्माइली चौकन्ने हो जाएंगे और चारों ओर से हमला कर देंगे, एक जहाज पर दस जहाजों का धावा होगा।' (सैंचुरी-9-43)

'लाल के विरुद्ध संप्रदाय इकट्ठा होंगे तथा आग, पानी, लोहा व रस्सी को शांति नष्ट कर देगी। षड्यंत्रकारी मौत के घाट उतार दिए जाएंगे, बचेगा फिर भी जो दुनिया में तबाही लाएगा।' (सैंचुरी-9-51)।

इसी भविष्यवाणी के अगले छंद में कहा गया है कि एक ओर से शांति आएगी और दूसरी ओर से युद्ध। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

'सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)

अगले पन्ने पर चौथी भविष्यवाणी...
महान राजनेता का उदय : नास्त्रेदमस मानते हैं कि संघर्ष, आपदा, युद्ध और तबाही को कुचलने वाला महान नेता जरूर आएगा जिसके कारण दुनिया में शांति की स्थापना होगी।

'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)

'पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के ‍जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)

'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)

'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75) इस दौरान 'एलस' नाम से एक और व्यक्ति होगा जिसकी बर्बरता के बारे में लिखा गया है।

'उसका हाथ अंतत: खूनी एलस (ALUS) तक पहुंच जाएगा। समुद्री रास्ते से भागने में भी नाकाम रहेगा। दो नदियों के बीच सेना उसे घेर लेगी। उसके किए की सजा क्रुद्ध काला उसे देगा।' -(6-33)

'पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।' (1-28)

पैगंबर तो एक ही हैं मुहम्मद। उनके कुल का नाम हाशमी था। हाशमी के अंतिम अक्षर के पहले 'श' यानी जिस नेता के प्रादुर्भाव की बात कही जा रही है। उसका नाम 'श' से शुरू होना चाहिए। यदि हम कुल का नाम न मानें तो मुहम्मद के अंतिम अक्षर के नाम के पहले 'म' आता है।

अगले पन्ने पर पांचवीं भविष्यवाणी...
एक सोच का निर्माण होगा : नास्त्रेदमस ही नहीं, कई भविष्यवक्ता भी मानते हैं कि धर्म और संस्कृति संघर्ष के लंबे काल के बाद लोग एक-दूसरे के धर्म को समझने का प्रयास और सम्मान करेंगे।

'संघर्ष, सांप्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (सैंचुरी-6-10)

'सत्रह साल के भीतर पांच पोप बदले जाएंगे, तब एक नया धर्म आएगा।' -5-96 'महान सितारा सात दिन तक जलेगा और एक बादल से निकलेंगे दो सूरज, एक बड़ा कुत्ता रोएगा सारी रात और एक महान पोप अपना मुल्क छोड़ देगा।'

'अनीश्वरवादियों और ईश्वरवादियों के बीच संघर्ष होगा।' -(6-62)। ऐसे माहौल में मुक्तिदाता आएगा शांतिदूत बनकर।

'ईंट की दीवारें संगमरमर की हो जाएंगी, तब 750 साल तक शांति रहेगी। मानवता आनंदित होगी, जल स्वच्छ, स्वास्थ्य और फलों की भरमार से खुशी एवं मस्ती का दौर आएगा।

संदर्भ : अमर भविष्‍यदृष्टा नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां, अनुवादक और विश्लेषक अशोक कुमार शर्मा।


अंत में श्रीमद्मभागवत पुराण में बताएं गए कलियुग का वर्णन...

*धर्म, सत्यवादिता, स्वच्छता, सहिष्णुता, दया, जीवन की अवधि, शारीरिक शक्ति और स्मृति सभी दिन-ब-दिन घटती जाएगी।

*कलियुग में जिस व्यक्ति के पास जितना धन होगा वो उतना गुणी माना जाएगा और कानून, न्याय केवल एक शक्ति के आधार पर लागू किया जाएगा।

*इस युग में पुरुष और स्त्री साथ-साथ रहेंगे और व्यापार में सफलता छल पर निर्भर करेगी।

*पहले के समय में जो ब्राह्मण रहते थे वे अपने शरीर पर बहुत कुछ धारण करते थे, पर कलयुग में वे लोग सिर्फ एक धागा पहनकर अपने ब्राह्मण होने का दावा करेंगे।

*जो व्यक्ति बहुत चालाक और स्वार्थी होगा, वो इस युग में बहुत विद्वान माना जाएगा।

*इस युग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा वह अधर्मी, अपवित्र और बेकार माना जाएगा।

*विवाह बस एक समझौता होगा दो लोगों के बीच।

*लोग बस स्नान करके समझेंगे कि वे अंतरात्मा से भी साफ-सुथरे हो गए हैं।

*पेट भरना लोगों का लक्ष्य हो जाएगा।

*ऐसा माना जाएगा कि मनुष्य की सुंदरता उसके बालों से होगी।

*पृथ्वी भ्रष्ट लोगों से भर जाएगी और लोग सत्ता हासिल करने के लिए एक-दूसरे को मारेंगे।

*अकाल और अत्यधिक करों द्वारा परेशान लोग पत्ते, जड़, मांस, जंगली शहद, फल, फूल और बीज खाने को मजबूर हो जाएंगे। भयंकर सूखा पड़ेगा।

*ठंड, हवा, गर्मी, बारिश और बर्फ ये सब लोगों को बहुत परेशान करेंगे।