मंगलवार, 19 मार्च 2024
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Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

15 बातें खुश रहने के लिए जरूरी

15 बातें खुश रहने के लिए जरूरी - happiness
जीवन में सदा खुश या प्रसन्न चित्त रहना जरूरी है। कई ऐसे लोग हैं जो दिनभर उदास रहते हैं और बहुत से हमेशा सबकुछ होने के बाद भी दुखी रहते हैं। खुश रहने के लिए हम जीवनभर प्रयास करते हैं। कुछ चीजों को लेकर हम यह सोचते हैं कि अगर वो मिल जाए तो हमें सच्‍ची खुशी मिल जाएगी, लेकिन हम इस मामले में गलत साबित होते हैं।
कई बार तो हम बेवजह ही बनावटी सुख के लिए अन्‍य सच्ची खुशियों को नजरअंदाज भी कर देते हैं। हमारी असीमित इच्‍छाएं छोटी-छोटी खुशियों को भी हमसे दूर कर देती हैं। हमनें 10 बातें धार्मिक पुस्तकों से संकलित की है और 5 बातें अन्य पुस्तकों से। सभी बातों को आधुनिक दृष्‍टिकोण अपनाते हुए लिखा गया है। आओ जानते हैं कि खुशी पाने के 10 तरीके कौन-कौन से है।
 
अगले पन्ने पर पहला तरीका...
 

धन का सम्मान करें : बहुत से लोग कहते हैं कि धन से खुशी नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन यह भी सच है कि धन के बगैर आम व्यक्ति खुश रह भी नहीं सकता। धन की अहमियत हमारे जीवन में बहुत ज्यादा है। धन का दुरपयोग भी किया जाता है।
निश्चित ही धन से आप खुशियां नहीं खरीद सकते, लेकिन कुछ सुविधाएं तो खरीद ही सकते हैं, जो आपको खुशी देते हैं। एक आइस्क्रीम खाने या फिल्म देखने से हमें खुशी मिल सकती है, लेकिन इसके लिए तो धन की जरूरत लगेगी ही।
 
अगले पन्ने पर दूसरा तरीका...
 

सच्ची इच्छाओं का सम्मान करें : यह बात व्यावहारिक नहीं है कि अपनी इच्छाओं को कम करके खुश रहना सीखें। हां, आप अपनी ढेर सारी इच्छाओं में से चयन करें कि प्राथमिक कौन-सी है और अनावश्यक कौन-सी। जीवन में इच्छाओं का त्याग नहीं करना बल्कि यह समझने की जरूरत है कि हमारी इच्छाएं कितनी महत्वपूर्ण है।
क्या हम सिर्फ अपनी इच्छाओं के लिए ही जी रहे हैं या कि हमें हमारे परिवार की इच्छाओं की पूर्ति या जरूरतों का भी ध्यान है? कहीं आप स्वार्थी तो नहीं। बहुत से लोगों को देखा है वे बाहर मजे करते रहते हैं और उनके घर में उनकी मां, पत्नी, बेटी या बेटा भूखे बैठे रहते हैं।
 
बहुत से लोग व्यर्थ की इच्छाएं भी पाल लेते हैं जोकि सही नहीं होती। जिन लोगों की इच्छाएं अधिक होती हैं, उनके जीवन में सुख कम होता है और वे सुख की तलाश की बजाय अपनी इच्छाओं की पूर्ति में ध्‍यान ज्यादा लगाकर वर्तमान की खुशी को छोड़ते रहते हैं। ऐसे लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ती करने करने के लिए ही दुखी रहते हैं। क्योंकि ऐसे लोगों की एक इच्‍छा की पूर्ति के बाद दूसरी इच्छा पनपती है और जीवनपर्यंत यही चलता है।
 
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पारिवारिक बनें : एक शोध में यह बात सामने आई कि लगभग 90 प्रतिशत लोग अपने पारिवार के अच्‍छे और बुरे व्‍यवहार के कारण सुखी या दुखी रहते हैं। अगर परिवार के लोग पहले से ही पारिवारिक या सामाजिक हैं, तो वे अधिक सुखी रहते हैं और उनकी अगली पीढ़ी भी सामाजिक हो जाती है। हमारी भावनाएं और इच्‍छाएं काफी हद तक आनुवांशिकी पर भी निर्भर करती हैं।
परिवार के प्रत्येक सदस्य के प्रति प्रेमपूर्ण व्यवहार करें। यदि आप परिवार में सबसे बड़े हैं तो यह जरूरी है कि आप हमेशा मित्रवत और प्रेमपूर्ण रहे और साथ ही सभी सदस्यों से संवाद स्थापित करके रखें। इसके लिए सबसे जरूरी है परिवार के बीच अधिक से अधिक समय व्यतीत करना।
 
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स्वच्छता और सुंदरता : आपके शरीर, कपड़े, घर और आसपास स्वच्‍छता और सुंदरता होना जरूरी है। स्वच्‍छता और सुंदरता का संबंध आपकी खुशी से होता है। जो लोग दिखने में सुंदर नहीं है वे खुद को हीन भावना से ग्रसित कर लेते हैं, जबकि ऐसा सोचने की बजाय यह सोचता चाहिए की मैं दूसरों से कितना अधिक स्वच्छ रह सकता हूं।
जो लोग खुद को सुंदर नहीं मानते उनको अधिक तवज्जों नहीं मिलती। लोग उनकी ओर ध्यान नहीं देते। लेकिन हमेशा इस हीनता से ग्रसित होने के बाजाय यह सोचना चाहिए कि यह एक प्राकृतिक नियम है और मुझे इसके लिए दुखी नहीं रहना चाहिए, अन्यथा में जो जीवन मिला है उसे दुख में ही गंवा दूंगा।
 
कहते हैं कि जो लोग सुंदर नहीं दिखते उनको स्वच्छता, सुगंध और अपने कपड़ों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन जो सुंदर लोग हैं वे भी इस पर ध्यान देंगे तो उनके लिए तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी।
 
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मित्रता के संग : दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो जीवन में हमें सबसे अधिक खुशी देता है। दोस्तों का साथ पाते ही लोग अपने दुखों को भूलकर खुशियों की तलाश करने लगते हैं। दोस्तों के साथ मस्ती के दौरान हम सारे दुखों को भूल जाते हैं। दोस्त कैसा भी हो वह हमें खुशी ही प्रदान करता है।
कभी अपने अच्छे मित्रों को उनकी पत्नियों के साथ रविवार के दिन भोजन के लिए आमंत्रित करेंगे। इससे आपके और उनके जीवन में खुशियों का अवसर मिलेगा। ऐसी ही कभी कभी आप अपने मित्रों के यहां भी जाया करें। 
 
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निष्ठा : निष्ठावान बनें। निष्ठा यानी विश्वास। यह एक ऐसी भावना है, जो हमें खुशियां प्रदान करती है। यह एक सकारात्‍मक भावना है। सच्‍ची खुशी पाने के लिए सकारात्मक सोच होना बहुत जरूरी है और यह सोच हमें निष्ठा और विश्वास के साथ मिलती है।
जो लोग अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के प्रति शक करते हैं या जिन लोगों को किसी पर भी विश्‍वास हैं वे सदा दुखी रहते हैं, क्योंकि अविश्‍वास की भावना रखने वालों के प्रति दूसरे लोग भी अविश्वास ही करते हैं। आपकी आंखों में झलका है विश्वास और अविश्वास।
 
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परोपकार : परोपकार का अर्थ होता है दूसरों पर उपकार करना। उपकार करने जताना नहीं या उपकार के बदले किसी को मानसिक रूप से दबाना नहीं। बहुत से लोग हैं कि किसी की मदद इसलिए करना चाहते हैं ताकि बदले में उनको कुछ मिले।
परोपकार करने के बाद उसी व्यक्ति को संतोष और खुशी मिलती है जो परोपकार करके भुल जाता है या भूलने का नाटक ही कर देता है। परोपकार के बदले में संतोष और खुशी का मिलना ही अपने आप में एक मूल्य है। इसीलिए नेकी कर और दरिया में डालने वाले ही सच्ची खुशी का अहसास करते हैं और उनके देवता देखते भी हैं।
 
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परोपकार : परोपकार का अर्थ होता है दूसरों पर उपकार करना। उपकार करने जताना नहीं या उपकार के बदले किसी को मानसिक रूप से दबाना नहीं। बहुत से लोग हैं कि किसी की मदद इसलिए करना चाहते हैं ताकि बदले में उनको कुछ मिले।
परोपकार करने के बाद उसी व्यक्ति को संतोष और खुशी मिलती है जो परोपकार करके भुल जाता है या भूलने का नाटक ही कर देता है। परोपकार के बदले में संतोष और खुशी का मिलना ही अपने आप में एक मूल्य है। इसीलिए नेकी कर और दरिया में डालने वाले ही सच्ची खुशी का अहसास करते हैं और उनके देवता देखते भी हैं।
 
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परिवार के साथ घुमने जाएं : वर्ष में दो नहीं तो एक बार पारिवार के साथ कहीं दूर किसी समुद्र के किनारे या किसी तीर्थ स्थल पर घुमने जाएं। ऐसी जगह पर न जाए जहां जाकर आपको पछताना पड़े। 
जाने से पूर्व पहले से ही प्लानिंग करके जाएं और यात्रा मार्ग को अच्‍छी तरह से समझ कर जाएं। उचित वाहन और सुरक्षा के साथ जाएं। संपूर्ण यात्रा मार्ग में खुशियां और रोमांच के लिए आप अच्छे से योजना बना सकते हैं। आपके परिवार के साथ आपके मित्र या पड़ोसी का किसी रिश्तेदार का पारिवार भी होता तो यात्रा का आनंद दोगुना हो जाएगा। ऐसे में आपको सुरक्षा का अहसास भी होगा।
 
यात्रा से ढेर सारे अनुभव मिलते हैं और इसकी खुशी देर तक आपके दिमाग में रहती है। आपके अनुभव यादें बनकर आपके दिमाग में रहते हैं और जब भी आप इनके बारे में सोचते हैं, मूड एकदम रिफ्रेश हो जाता है।
 
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तैराकी या खेल : यदि आप तैरना नहीं जानते हैं तो तैराना सीख जाएं। तैराना बहुत ही खुशी देता है। यह आपके शरीर को स्वस्थ भी रखता है। इसके अलावा आप किसी गेम को अपने रोजमर्रा या साप्ताहिक जीवन का हिस्सा बना लें। जैसे बैडमिंटन खेलना, शतरंज खेलना, ताश खेलना या क्रिकेट खेलना।
आपके जीवन में किसी न किसी प्रकार का मनोरंजक खेल होना चाहिए। खेल से खुशियां बटोरी जा सकती है। खेल में हार-जीत के बारे में बिल्कुल मत सोचे अन्यथा खेल ही आपके दुख का कारण बन जाएगा। बस खेल को इंजाय करें।
 
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संगीत बहुत जरूरी : जीवन में संगीत नहीं तो निरसता का अहसास होगा। आपने निश्‍चित ही ऐसा गाना कभी सुना होगा जिसमें संगीत नहीं बजता हो, लेकिन क्या वह कभी आपको अच्छा लगा?
आप सेड सांग सुनेगा तो दुखी हो जाएंगे। सेड सांग में आनंद की खोज करने वाले एक दिन खुद भी सेड ही हो जाते हैं। हालांकि सेडसांग में आनंद की खोज भी वही व्यक्ति करता है जिसके जीवन में दुख हो। लेकिन हम यहां सलाह देना चाहेंगे कि आप खुशियों और प्रेम से भरे संगीत सुने। मनभावन संगीत सुने।
 
इसके लिए बकायदा आप गाने और संगीत की एक लिस्ट बनाएं और उनको अपने स्मार्टफोन या सिस्टम पर डाउनलोड कर लें। उसकी एक सीडी भी बनाकर रखें। हालांकि संगीत सुनने का समय भी निर्धारित कर लें तो अच्‍छा होगा।
 
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दूसरों पर खर्च करें : एक रिसर्च की मानें तो खुद पर पैसे खर्च की तुलना में अन्य लोगों, आमतौर पर दोस्तों या परिवार पर पैसा खर्च करने पर आपको ज्यादा खुशी मिलती है। इसलिए खुश रहने के लिए दूसरों की खुशियों को अपने से जोड़ना शुरू कर दें।
इसके अलावा, धार्मिक दान करना या जरूरतमंदों की मदद करना भी खुशी पाने का एक बेहतर तरीका है। बहुत से लोग किसी त्योहार, पर्व या किसी विशेष मौके पर गरीबों को भोजन करवाते हैं, जो खुशी पाने का सबसे उत्तम तरीका है।
 
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छोटी चीजों में ढूंढें खुशियां : जरूरी नहीं है कि खुशी पाने के लिए आप कुछ बड़ा होने का इंतजार करें। छोटी सफलताओं या मौकों पर भी ऐसा किया जा सकता है। जैसे आप कोई आइसक्रीम खा रहे हैं या लंच कर रहे हैं। हो सकता है कि गर्मी में किसी सैलून में  हेड मसाज करने से जो रिलैक्सेशन की फीलिंग आएगी, उससे भी आपको खुशी मिले।
 
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शौक पर खर्च करें : हो सकता है कि आपको किसी प्रकार का अच्छा शौक हो। जैसे अगर आप किसी स्पोर्ट्स क्लब की मेम्बरशि‍प पर खर्च करें या ऐसी कोई क्लास से जुड़ें जिसमें आपकी गहरी दिलचस्पी हो तो यह एक अच्छा चयन होगा। अपनी पसंद का काम करने पर जो सुकून मिलता है, उसकी खुशी लंबे समय तक आपके साथ रहती है और छोटी परिस्थितियों में आपको टूटने नहीं देती।
 
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रविवार की फुरसत : कोशिश करें कि आप अपने लिए समय निकाले और फुरसत के समय को उन चीजों में लगाएं जो करना आपको पसंद है। जैसे बागवानी करना, फिल्म देखना, बच्चों के साथ खेलना, टीवी देखना, खाना बनाना या पार्टी करना।
 
अक्सर लोग रविवार की छुट्टी के दिन सोते रहते हैं और पुरा दिन बर्बाद कर लेते हैं, जबकि इस दिन को उपयोगी और खुशियों भरा बनाया जा सकता है।
 
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सुबह की सैर : कभी कभी तड़के अंधेरे में उठकर नहा लें और दूर तक अकेले पैदल पैदल घुमने जाएं। इस दौरना आपन वृक्षों को, आकाश और बादलों को अच्छे से निहारें। प्रकृति का भरपूर आनंद लें और खुद के होने के अहसास के प्रति भी भर जाएं।
 
यह आनंद या खुशी आपके जीवन को बदलने में सक्षम होगी। पैदल चलने के कई फायदे हैं। इस दौरान व्यक्ति कई गंभीर बातों कर चिंतन भी कर लेता है और खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी कर लेता है।