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Written By DW

ब्राजील ने तोड़ी शोषण की बेड़ी

Brazil | ब्राजील ने तोड़ी शोषण की बेड़ी
दूसरों के घर में काम करने वाले को अब ब्राजील में नौकर नहीं बल्कि कर्मचारी की नजर से देखा जाएगा। उनके पास भी वही अधिकार होंगे जो आम कर्मचारियों के पास होते हैं। शोषण करने वाले मालिक पर कानून का डंडा चलेगा।

निविया दोस सांतोस, 12 साल की उम्र में ही रियो दे जनेरो के एक अमीर परिवार के घर जाकर बाई का काम करने लगी। बच्ची सुबह-सुबह काम पर जुट जाती। झाड़ू पोछा, कपड़े प्रेस करना, कपड़े धोना और हर चीज को चमकाते-चमकाते शाम हो जाती। शाम तक वो इतनी थक जाती कि बिस्तर पर लुढ़कने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। 20 साल तक ऐसा करने के बावजूद वो इतना नहीं कमा पाई कि गरीबी से बाहर निकल सके।

लेकिन, अब ब्राजील ने घरेलू सहायक का काम करने वाले लाखों लोगों के लिए संविधान में संशोधन किया है। बदलाव को ऐतिहासिक कहा जा रहा है। संशोधन के जरिए नौकर, दाई, बाई या चौकीदारी का काम करने वाले 60 लाख लोग श्रम कानून के दायरे में आ गए हैं। बीते सालों में ऐसी सैकड़ों शिकायतें आईं जब कई घंटों तक लगातार काम कराया जाता, कुछ मामलों में तो पैसे भी नहीं दिए जाते। उम्मीद है कि संशोधन से दूसरे के घरों में काम करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिल सकेगी।

अब मालिकों को घरेलू सहायकों का पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के दौरान नौकरी देने वाले को घरेलू सहायक से किए गए करार की कॉपी देनी होगी। करार में न्यूनतम मजदूरी, काम के घंटे और किस तरह का काम करवाया जाएगा, ये बातें साफ साफ लिखी होनी चाहिए। कर्मचारी को वैतनिक अवकाश, घर से काम पर आने का परिवहन खर्च और बोनस के तौर पर एक महीने की अलग से तनख्वाह देने की बात कही गई है। काम के लिए आठ घंटे तय किए गए हैं। इससे ज्यादा काम करवाने पर ओवरटाइम का पैसा देना होगा।

वर्ल्ड कप से पहले हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन : एक परिवार के लिए दाई का काम करने वाली 34 साल की एलिआने सोआरेस लेमेस नए कानून पर खुशी जताती हैं, "यह मुझे सुरक्षा का अहसास कराता है। मुझे लगता है जैसे मेरी भी इज्जत की जा रही है।" नए कानून के लागू से पहले तो निविया दोस सांतोस को नौकरी जाने के डर सताया, "सात साल तक इस घर में काम करने के बाद मेरे बॉस ने मुझसे कहा कि वो नये कानून को नहीं मानेगा और मुझे नौकरी पर नहीं रखेगा।" लेकिन दोस सांतोस को एक नौकरी छूटते ही एक क्लीनिंग कंपनी में सुपरवाइजर का काम मिल गया।

लेकिन विशेषज्ञों को लगता है कि नए कानून के चलते लाखों लोग बेरोजगार भी होंगे। रियो के इंस्टीट्यूटो डोमेस्टिका लेगाल के मारियो अवेलिनो के मुताबिक, "नया कानून ब्राजील में जारी दासता की संस्कृति को चुनौती देता है, ऐसी दासता जो घरों में है। यहां हमेशा से ये बात स्वीकार की जाती रही है कि आपके घर में काम करने वाला इस योग्य नहीं है कि उसे कर्मचारियों की तरह अधिकार दिए जाएं।" अवेलिनो को लगता है कि शुरू में लोगों को नए कायदे को मानने में परेशानी होगी, लेकिन धीरे-धीरे लोगों को इसकी आदत पड़ जाएगी।

इसी महीने पास हुए कानून में साफ साफ कहा गया है कि घरेलू कर्मचारियों का पंजीकरण न कराने वाले पर भारी जुर्माना ठोंका जाएगा। हालांकि कानून उन्हीं लोगों पर लागू होता है, जो किसी घर में एक हफ्ते में तीन दिन से ज्यादा काम करते हों। रियो में घरेलू कर्मचारियों को 320 से 750 डॉलर के बीच तनख्वाह मिलती है। महंगाई इतनी है कि इस पैसे में परिवार पालना मुश्किल होता है।

ब्राजील में इस साल बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। श्रम कानूनों और काम के माहौल से नाराज लाखों लोग अलग-अलग शहरों में सड़कों पर उतर आए। माना जा रहा है कि इस संशोधन के जरिए राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ जनता को यह संदेश दे रही हैं कि वो हर किसी की परवाह करती हैं। ब्राजील में पांच अक्टूबर को संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
ओएसजे/एमजे (एपी)