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Written By DW
Last Modified: शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014 (14:23 IST)

पाकिस्तान: नाजायज नवजात शिशुओं की हत्या

पाकिस्तान: नाजायज नवजात शिशुओं की हत्या -
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पाकिस्तान में गर्भपात गैरकानूनी है। साथ ही विवाहेत्तर संबंध भी। ऐसे में शादी के बाहर पैदा होने वाले सैकड़ों बच्चे हर साल मार दिए जाते हैं। नवजात शिशुओं के शव कूड़ों में फेंक दिए जाते हैं। पाकिस्तान का एक सच यह भी।

अभी अभी एक बच्चा पैदा हुआ है और इस पर कोई भी खुश नहीं है। बच्चे के माता पिता भी खुश नहीं हैं। इस शिशु के शरीर पर अब भी खून लगा हुआ है और वो लगातार रो रहा है। और उसी तरह से उसकी किशोर मां भी रो रही है। इस बच्चे का वजन मात्र 350 ग्राम है और यह नवजात बड़े हाथ की हथेली की लंबाई जितना है। कुछ ही देर में इस अभागे की मां अपने कांपते हुए हाथ शिशु के गले तक पहुंचाती है। अपने अंगूठे की मदद से वह दुनिया में आए इस नन्हे मेहमान को वापस लौटा देती है। नर्स नवजात के शव को प्लास्टिक की थैली में डालकर क्लिनिक के बाहर ले जाती है।

मध्य पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर के एक प्रसूति गृह में काम करनी वाली नर्स रजिया जुल्फिकार कहती हैं कि इस्लामी गणराज्य में रोजाना सैकड़ों नवजात शिशुओं की हत्या की जाती है।

उन्होंने डॉयचे वेले को बताया, 'कुछ ही दिन पहले आठ महीने की गर्भवती लड़की हमारे पास आई। हम नहीं चाहते थे कि उस लड़की को अपने अस्पताल में दाखिल करें। लड़की के परिवार की तरफ से हुई गुजारिशों को देखते हुए हम उसके इलाज को राजी हुए। लेकिन हमने परिवार को साफ साफ शब्दों में कह दिया कि हम बच्चे को नहीं मारेंगे। हमने बच्चे को लड़की के परिवार को सौंप दिया। सिर्फ बच्चे की मां और उसका परिवार ही जानता है कि उन लोगों ने बच्चे के साथ क्या किया। और बच्चे को कैसे मारा।'

गर्भपात की इजाजत नहीं : पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है और जिसकी आबादी 18 करोड़ के ऊपर है। रूढ़िवादी देश में विवाह पूर्व रिश्ते पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं और समाज में भी इसे अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। बिना शादी के पैदा हुए बच्चे को लेकर पाकिस्तान में अब भी वर्जनाएं हैं।

इस्लामी कानून के मुताबिक यह एक दंडनीय अपराध है और अनैतिक शारीरिक संबंध रखने के दोषियों को मौत तक की सजा हो सकती है। कई बार तो जोड़ों के रिश्तेदार कानून को अपने हाथ में लेकर उनकी हत्या तक कर देते हैं। ज्यादातर मामलों में सिर्फ मां और उसके बच्चे की ही हत्या होती है। हालांकि सामाजिक वर्जनाओं और कड़े कानून के बावजूद कई पाकिस्तानी मर्द और औरत विवाहेत्तर संबंध बनाते हैं और शादी के पहले सेक्स भी करते हैं।

रजिया जुल्फिकार कहती हैं, 'हम आधुनिक दुनिया में रहते हैं। हमारे लड़के और लड़कियां मोबाइल फोन रखते हैं और पश्चिमी फिल्में देखते हैं। वे विद्रोही हैं और वे वही करते हैं जो उनका मन करता है। परिवार रिश्ते के बारे में तब जानता है जब उन्हें यह पता चलता है कि लड़की गर्भवती है।'

खतरे में नवजात : पाकिस्तान में कल्याणकारी संगठन ईधी फाउंडेशन के मुताबिक पिछले साल 1100 नवजात शिशुओं की हत्या की गई और उन्हें कूड़े में फेंक दिया गया। संगठन का कहना है कि उसने सिर्फ आंकड़े बड़े शहरों से इकट्ठा किए हैं। उसके मुताबिक देशभर में संख्या कहीं अधिक होगी। ईधी फाउंडेशन के मैनेजर अनवर काजमी ने डीडब्ल्यू को बताया। 'एक छह दिन के बच्चे को जलाकर मार दिया गया। हमें ऐसे बच्चों की लाशें मिली हैं जिन्हें लटका कर मार दिया गया या फिर जिनके शरीर को जानवर खा गए।'

काजमी एक दिल दहला देने वाली घटना को याद करते हैं। वे कहते हैं, 'मैं कभी एक घटना नहीं भूल सकता हूं। एक औरत मस्जिद के बाहर इस उम्मीद में अपने बच्चों को छोड़ गई कि कोई उसे गोद ले लेगा। लेकिन मस्जिद के इमाम ने लोगों से बच्चों को पत्थर से मारने का हुकुम दे दिया। मैंने खुद उस बच्चे की लाश देखी, वह बुरी हालत में थी।'

बच्चों को मारो नहीं : ईधी फाउंडेशन एक अनोखी मुहिम चलाता था। संगठन ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करता है जो अनचाहा बच्चा छोड़ना चाहते हैं। झूला नाम के कार्यक्रम के तहत लोग अपने बच्चे को रात के अंधेरे में झूले में छोड़ जाते हैं। संगठन ऐसे लोगों से उनकी जानकारी नहीं लेता और ना ही नाम और पता पूछता है।

काजमी कहते हैं, 'मैं चाहूंगा कि ऐसे लोग बच्चे की हत्या करने के बजाय हमारे पास आए। हमारे पास देश भर में तीन सौ झूला केंद्र हैं। उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं।' लेकिन लोग प्रशासन और समाज से डरते हैं। पाकिस्तान में गर्भपात गैरकानूनी है। सिर्फ गर्भवती महिला की जान को खतरा होने पर गर्भपात किया जा सकता है, लेकिन महिला शादीशुदा होनी चाहिए। किसी भी हालात में अविवाहित महिला का गर्भपात नहीं हो सकता है।

रिपोर्ट: इम्तियाज अहमद/ एए
संपादन: महेश झा