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Written By DW
Last Modified: शनिवार, 22 अक्टूबर 2011 (17:27 IST)

घर में सिखिए एवरेस्ट की चढ़ाई

घर में सिखिए एवरेस्ट की चढ़ाई -
एवरेस्ट पर चढ़ने की सिर्फ ख्वाहिश है, हकीकत में तो इस ख्वाब के पीछे बहुत ज्यादा घबराहट है। ऐसे लोगों के लिए नेपाल एक खास वेबसाइट तैयार कर रहा है। इसके जरिए शौकीनों को एवरेस्ट पर चढ़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

वेबसाइट के जरिए यूजर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के रास्ते का अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर बारीक मुआयना कर सकेंगे। अलग अलग ऊंचाई पर तापमान, हवा के दबाव और मौसम की जानकारी मिलती रहेगी। एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान बीच बीच में बनाए गए बेस कैंपों की तस्वीरें और जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी।

साइट पर कंप्यूटर के जरिए बनाए गए ग्राफिक्स भी होंगे। नेपाल टूरिज्म बोर्ड के मुताबिक यूजर्स वेबसाइट के जरिए एवरेस्ट का पूरा रास्ता देख सकेंगे। जोखिम वाली जगहों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। 'जर्नी ऑफ एवरेस्ट' नाम का यह कंप्यूटर प्रोग्राम सिंगापुर में तैयार किया गया। थर्ड प्लैनेट के प्रमुख टेरेंस माक कहते हैं, 'वेबसाइट 2011 के अंत तक लॉन्च हो जाएगी।'

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी : नेपाल टूरिज्म बोर्ड के प्रमुख प्रंचड मन श्रेष्ठा कहते हैं, 'थर्ड प्लैनेट के पास शानदार तकनीक है। यह हमारे देश को नए अंदाज में पेश करेगा।' पर्वतारोहण या एवरेस्ट के दीवाने वेबसाइट पर आपस में कई मुद्दों पर चर्चा भी कर सकेंगे। नेपाल का पर्यटन विभाग एवरेस्ट पर कई बार चढ़ाई कर चुके शेरपाओं और विदेशी पर्वतारोहियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

नेपाल सरकार के लिए माउंट एवरेस्ट किसी जीवन रेखा से कम नहीं है। 2011 के पहले तीन महीनों में ही नेपाल ने एवरेस्ट पर्यटन से 90 लाख डॉलर कमाए।

रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार