प्रेम कविता : गमों में मुस्कुराना सीख लो
गमों में मुस्कुराना
सीख लो
दुखों में गीत गाना
सीख लो
जिंदगी सुख-दुख
का संगीत है
इसे हर समय
मुस्कराकर गुनगुनाना
सीख लो
जो सपने रात्रि में
है तुमने देखे
सुबह होने पर
उनको भूल जाना
सीख लो
यह तिमिर अभी
न है जल्दी
कटने वाला
इसलिए गमों से
दिल लगाना
सीख लो
गिरना और टूटना
जिंदगी का एक
क्रम है बना
तो फिर टूटकर
जुड़ जाना सीख लो।