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Written By WD

वृंदावन में बन रहा है, दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर

वृंदावन में बन रहा है, दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर - Worlds Tallest Temple
जी हां, वृंदावन में बनने जा रहा यह दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत होगी। यह मंदिर है, वृंदावन में बनने वाला चंद्रोदय मंदिर, जो कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा और मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचा होगा। बताया जा रहा है कि इस्कॉन संस्था द्वारा वृंदावन में बनाया जाने वाले  70 मंजिला  इस चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी और य‍ह एक पिरामिड के आकार में बनाया जाएगा। इसे बनाने की तैयारियां 2006 से की जा रही थी।

  


इस मंदिर की खास बात यह है कि इसकी केवल ऊंचाई ही नहीं बल्कि गहराई भी अधि‍क होगी, ताकि नींव भी उतनी ही मजबूत रहे। यह इमारत लगभग 55 मीटर गहरी होगी और इसका आधार 12 मीटर तक ऊंचा होगा, जबकि दुबई स्थि‍त दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की गहराई मात्र 50 मीटर है। अत: चंद्रोदय मंदिर की गहराई बुर्ज खलीफा से भी 5 मीटर अधि‍क है।

प्राकृतिक आपदा के लिहाज से भी इसे काफी मजबूत बनाया जा रहा है और 8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप भी इसे क्षति नहीं पहुंचा सकेगा। इसके अलावा इसमें प्रयोग किए जाने वाले कांच और अन्य सामान भी भूकंप रोधी होंगे। कुल 511 पिलर वाला यह मंदिर 9 लाख टन भार सहने की क्षमता वाला होगा और 170 किलोमीटर की तीव्रता के तूफान को भी झेलने में सक्षम होगा। 
 
70  मंजिला इस इमारत के प्रारंभिक 3 तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर के अलावा अन्य तलों पर आगंतुकों के लिए गैलरी, टेलिस्कोप सुविधा और अन्य सुविधाएं होंगी जो आसपास के धर्मिक स्थलों से जुड़ने के लिए सहायक होंगी। इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता 8 मीटर प्रति 2 सेकंड होगी, साथ ही इमारत के टेढ़ा होने पर भी यह सीधी ही चलेगी। 
 
परंपरागत द्रविड़ और नगर शैली में बनाया जा रहा यह मंदिर, 200 सालों में अब तक का सबसे मॉडर्न मंदिर होगा, जिसमें 4डी तकनीक द्वारा देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। इतना ही नहीं, इस मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा इसमें श्रीकृष्ण के जीवन लीलाओं को जानने के लिए लाइब्रेरी तथा अन्य माध्यम भी होंगे। 
 
10 एकड़ में अंडरग्राउंड पार्किंग के अलावा सड़क निर्माण और अन्य सुविधाओं को मिलाकर इसके निर्माण में कुल 500 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इस मंदिर का निर्माण 2022 तक पूरा होगा और भारत में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, वृंदावन स्थित चंद्रोदय मंदिर के रूप जानी जाएगी ।