शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. धर्म-दर्शन
  4. »
  5. आलेख
  6. महालक्ष्मी को लगाए कांटैक्ट लेंस!
Written By ND

महालक्ष्मी को लगाए कांटैक्ट लेंस!

हीरा जड़ित कांटैक्ट लेंस लगाने से भक्त नाराज

Mahalaxmi Temple at Tirupati | महालक्ष्मी को लगाए कांटैक्ट लेंस!
ND

अपने आराध्य को खुश करने के लिए भक्त तरह-तरह की भेंट चढ़ाते रहे हैं। रावण ने भगवान शिव को अपना शीश चढ़ाया था तो आधुनिक धन कुबेर तिरुपति मंदिर में करोड़ों रुपए के चढ़ावा चढ़ाते रहते हैं।

आस्था से प्रेरित एक नेत्र सर्जन ने जब कोल्हापुर में विराजित महालक्ष्मी मां की मूर्ति को हीरा जड़ित कांटैक्ट लेंस भेंट किया तो हंगामा मच गया। अन्य भक्तों के विरोध के बाद उसे हटाना पड़ा।

घटना इस हफ्ते की शुरुआत की है। आम दिनों की तरह जब हजारों भक्त दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देवी मां की आंखों में एक अजीब चमक देखी। यह ऐसी चमक थी जिसे देखने के वे आदी नहीं थे।

बाद में उन्हें पता चला कि मूर्ति को मुंबई के एक डॉक्टर ने हीरा जड़ित कांटैक्ट लेंस पहनाया है। लेंस दान करने वाले डॉ. चंद्रशेखर चल्हाण का ताल्लुक कोल्हापुर राजघराने से है। उन्होंने 80 हजार रुपए का यह लेंस दान अपने द्वारा विकसित आंखों के इलाज की नई तकनीक के लिए देवी मां का आशीर्वाद पाने के लिए किया है।

ND
अब ऐसे लेंस वह मरीजों को लगाना चाहते हैं। श्री महालक्ष्मी कोल्हापुर देवस्थान प्रबंधन समिति के ट्रस्टी पद्मजा तिवले ने बताया कि डॉक्टर की इच्छा हीरा जड़ित लेंस दान करने की थी। हम किसी भक्त को मना नहीं कर सकते। इसलिए हम लोगों ने उनकी भावनाओं का आदर किया। जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति की है तो हम नियमित दर्शन के दौरान कांटैक्ट लेंस नहीं पहनाएंगे।

माना जाता है कि महालक्ष्मी यह मूर्ति पांच हजार साल पुरानी है। चालीस किलो की यह मूर्ति बहुमूल्य है। इसमें बेशकीमती रत्न जड़े हैं।

भक्तों की आपत्ति यह थी कि वे देवी मां की आंखों से निकलने वाली अलौकिक ऊर्जा के लिए मंदिर आते हैं, हीरे की चमक देखने के लिए नहीं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि लेंस को लगाना और निकालना आसान है। इसे भी गहनों की तरह ही माना जाना चाहिए। यह मामला पूरे महाराष्ट्र में बहस का मुद्दा बना हुआ है।