कैसा होगा आपका जीवनसाथी
सप्तम स्थान से जानें अपने भावी साथी के बारे में
युवावस्था में आते ही भावी पति या पत्नी के बारे में जानने की इच्छा प्रबल होती जाती है। कुंडली का सप्तम भाव भावी पति या पत्नी के बारे में स्पष्ट सूचना देता है।1.
सप्तम स्थान में जो राशि होती है, उसके स्वभावनुसार भावी जीवनसाथी का व्यक्तित्व होता है। यदि अग्नि तत्व की राशि हो (मेष, सिंह, धनु) तो साहसी, निर्भीक, गुस्से वाला साथी मिलता है। जल तत्व की राशि हो (कर्क, वृश्चिक, मीन) तो भावुक, कोमल स्वभाव का साथी होता है। पृथ्वी तत्व की राशि हो (वृष, कन्या, मकर) तो कार्यकुशल मगर अंतर्मुखी होते हैं। वायु तत्व की राशि हो (मिथुन, तुला, कुंभ) तो व्यवहार कुशल, वाचाल, सामाजिक होते हैं।2.
सप्तम भाव में जो ग्रह हो, उसके अनुसार भी भावी साथी के स्वभाव का अंदाज लगाया जा सकता है।सूर्य : अहंकारी, आत्मविश्वासी, ऊँचे खानदान वाला, हुकुमत व अधिकार जताने वाला। मंगल : महत्वाकांक्षी, गुस्सैल, उत्साही, खर्चीला, खाने-पीने का शौकीन।बुध : व्यवहार कुशल, बातूनी, बुद्धिमान, पढ़ाकूगुरु : सुशिक्षित, धार्मिक, नम्र, समझदारशुक्र : कलाप्रिय, अच्छी अभिरुचि वाला, रूपवान, गृहस्थी में रस लेने वाला, सौंदर्य प्रियशनि : गंभीर, अंतर्मुखी, रूढ़िवादी, निराशावादी चंद्र : कोमल, भावुक, मददगार, शांत स्वभाव का राहु/केतु : विषयवासना युक्त, समझदारी का अभाव, रिश्तों में स्वार्थ भावना रखने वाला, कूटनीतिज्ञ।विशेष : सप्तम भाव में जो राशि है उसका स्वामी यदि लग्न, तृतीय, पंचम, सप्तम, नवम या दशम में हो तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। यह 6, 8, 12 में हो तो धन, स्वास्थ्य या वैचारिक तालमेल जैसी परेशानियाँ बनी रहती हैं।