क्यों पूजे जाते हैं नाग
नागपंचमी विशेष
Nag Panchami Special हमारी संस्कृति में व्याप्त धार्मिक आस्थाओं के आधार पर लिंग, सर्प, अग्नि, सूर्य तथा पितृ का बड़ा महात्म्य है। मोहन जोदड़ो, हड़प्पा और सिंधु सभ्यता की खुदाई में जो प्रमाण मिले हैं, उनमें नाग-पूजा के अनेक प्रमाण उपलब्ध हैं। मिस्र में नाग पूजा की मान्यता प्राप्त होने से ही शेख हरेदी नामक सर्प पूजा आज भी बड़ी धूमधाम और श्रद्धा-विश्वास से की जाती है।
भारत देश शुरू से विविध मत-मतान्तरों के आधार पर धार्मिक अनुष्ठान किसी न किसी रूप में करता आया है। परम्परा से चली आ रही प्रथाएं भी इसका एक कारण हो सकती हैं। नाग पूजा की परम्परा भी आज तक चलती आ रही है। भारतीय संस्कृति में नाग का विशेष महत्व है।
हमारे देश में नाग पूजा प्राचीनकाल से चली आ रही है। श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी का पर्व परम्परागत श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता को दूध एवं खीर चढ़ाई जाती है। इस दिन नागों का दर्शन शुभ माना जाता है। मानव सभ्यता के आरंभ से ही सर्प के प्रति भय की भावना व्याप्त रही है। इन्हें शक्ति एवं सूर्य का अवतार भी माना जाता है।