* गुरु हुए अस्त : पढ़ें, क्या आपकी राशि को करेंगे त्रस्त
* जानिए, अस्त गुरु का राशि अनुसार फल
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देवताओं के गुरु बृहस्पति 11 जुलाई 2014 को अस्त हो गए हैं। 9 अगस्त 2014 को बृहस्पति उदय होंगे यानी 11 जुलाई 2014 से 8 अगस्त 2014 तक गुरु अस्त रहेंगे। दूसरे शब्दों में लगभग 1 माह देवों के गुरु बृहस्पति देव अस्त हैं।
जानिए 12 राशियों पर क्या होगा असर -
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मेष- मेष राशि के लिए नवमेश व द्वादशेश होकर गुरु चतुर्थ भाव में अस्त हो रहा है अतः यदि आप दूरगामी यात्रा या विदेश से संबंधित किसी काम को शुरू करने जा रहे हैं तो कुछ दिन रुक जाना ठीक रहेगा। काम-धंधे में तो कोई विशेष परेशानी नहीं होगी, लेकिन घरेलू सदस्यों की नासमझी को लेकर आप नाराज रह सकते हैं।
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वृषभ- वृषभ राशि के लिए अष्टमेश और लाभेश होकर गुरु आपके तीसरे भाव में अस्त है अतः आपका कोई विशेष नुकसान की संभावना नहीं है। बस धैर्य के साथ काम करते रहना है। पड़ोसियों से बेहतर संबंध बनाए रखें। जो लाभ जल्द मिलने वाले थे, वे थोड़ी देरी से मिलने की संभावना है।
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मिथुन- मिथुन राशि के लिए गुरु आपके कर्म स्थान का स्वामी होकर धन भाव में अस्त हो रहा है अतः आपको आर्थिक मामलों में सोच-समझकर काम लेना होगा। अगर साझेदार या जीवनसाथी के साथ कोई मतभेद सामने आ रहा है तो संयम रखें। एक माह बाद कोई न कोई उपाय मिल ही जाएगा।
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कर्क- कर्क राशि के लिए भाग्येश और षष्ठेश होकर गुरु आपके प्रथम भाव में अस्त हो रहा है अतः यह समय स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखने का है। विवाद में उलझना भी ठीक नहीं रहेगा। यात्रा करने के मूड में हैं तो थोड़ा रुकना उचित रहेगा। किसी धार्मिक कार्य में संलग्न होने का भी यह सही समय नहीं है।
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सिंह- सिंह राशि के लिए गुरु बारहवें भाव में अस्त रहेगा अतः यह आपके लिए किसी भी प्रकार से नुकसानप्रद नहीं रहेगा बल्कि कुछ खर्चे जो बेवजह होने वाले थे, उनसे बचाव होगा। शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे, साथ ही मित्रों से चल रहा मनमुटाव दूर होगा। संतान को लेकर आप कुछ चिंतित रह सकते हैं।
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कन्या- कन्या राशि के लिए गुरु लाभ भाव में अस्त हो रहा है अतः घर या वाहन खरीदने का विचार है तो गुरु के उदय होने तक रुकें। यदि आप कोई नया व्यापार शुरू करने वाले हैं तो उसे भी रोकना ठीक रहेगा। लेकिन इस समय अपने साझेदार या जीवनसाथी के वाद-विवाद करने से आपको बचना होगा।
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तुला- तुला राशि के लिए गुरु छठे और तीसरे भाव का स्वामी है और यह आपके दशम कर्म भाव पर अस्त रहेगा। कानूनी मामलों में अड़चनें व स्वास्थ्य की समस्या रहेगी। इस समय घर व कार्यस्थल दोनों में आपसी तालमेल बिठाकर चलना होगा।
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वृश्चिक- वृश्चिक राशि के लिए गुरु पंचमेश होने के साथ-साथ द्वितीयेश भी है और यह नवम भाग्य भाव में अस्त रहेगा अतः आपको अध्ययन और स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा। आध्यात्मिक रुचि में कमी हो सकती है और स्वार्थ की भावना बढ़ सकती है। इस समय प्रेम-संबंध या संतान को लेकर चिंतन हो सकता है।
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धनु- धनु राशि के लिए गुरु लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी होकर अष्टम भाव में अस्त हो रहा है अतः खान-पान के मामलों में सावधानी रखते हुए स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। घर-गृहस्थी को लेकर चिंतन रहेगा। वाहनादि सावधानी से चलाएं। आर्थिक मामलों में सतर्क रहें।
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मकर- मकर राशि के लिए गुरु द्वादशेश और तृतीयेश होकर सप्तम भाव में अस्त हो रहा है अतः अधिकांश मामलों में यह आपके लिए लाभदायक रहेगा। कुछ अनावश्यक खर्चे आ सकते हैं। व्यर्थ की यात्राओं और फालतू लोगों से राहत मिलेगी। जीवनसाथी आपसे नाराज हो सकते हैं।
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कुंभ- गुरु लाभेश और धनेश होकर छठे भाव में अस्त हो रहा है अतः आपको आर्थिक मामलों में विशेष सावधान रहने की जरूरत रहेगी। कोर्ट-कचहरी व विवादित मामलों से दूर रहना ही ठीक रहेगा। सस्ते के चक्कर में न पड़ें।
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मीन- मीन राशि के लिए गुरु लग्नेश व कर्म स्थान का स्वामी होकर पंचम भाव में अस्त हो रहा है अतः इस समय स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा अन्यथा आप अपने काम को भी ठीक से नहीं कर पाएंगे। संतान या प्रियजन को लेकर भी मन परेशान रह सकता है।
गुरु का अशुभ प्रभाव हो तो करें निम्न उपाय...
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अशुभ प्रभाव होने पर कोई एक या अधिक उपाय कर सकते हैं।
1. पीपल व केले के वृक्ष में रोज जल चढ़ाएं। 2. अपने आचरण को शुद्ध रखें। 3. पिता, दादा और गुरु व सभी बुजुर्ग इंसानों का आदर करें और उनके आशीर्वाद प्राप्त करें। 4. श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। 5. प्रति गुरुवार 5 केले दान करें।