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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , गुरुवार, 12 दिसंबर 2013 (22:48 IST)

बॉलीवुड फिल्मों में भी उठा है समलैंगिकता का मुद्दा

बॉलीवुड फिल्मों में भी उठा है समलैंगिकता का मुद्दा -
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मुंबई। उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को भले ही अपराध करार दिया हो लेकिन बॉलीवुड फिल्मों में कई फिल्म निर्माताओं ने इन संबंधों को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत किया है।

भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने के मौके पर करन जौहर द्वारा बनाई गई फिल्म ‘बांम्बे टाकीज’ की कहानी रणदीप हुड्डा और साकिब सलीम द्वारा निभाए गए दो पुरुष किरदारों के बीच प्रेम संबंधों से जुड़ी है। इससे पहले, करन ने अपनी फिल्म ‘दोस्ताना’ में समलैंगिक संबंधों के मुद्दे को पेश किया था जिसमें अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम के बीच प्रेम संबंध दिखाए गए थे।

करन की फिल्म ‘कल हो ना हो’ में दिखाया गया था कि सैफ अली खान की नौकरानी शाहरुख और सैफ द्वारा निभाए गए किरदारों को समलैंगिक प्रेमी समझती थी। हालांकि इसे मजाकिया लहजे में दिखाया गया था।

वर्ष 2010 की संजय शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘डॉन्ट नो वाई.. ना जाने क्यों’ एक समलैंगिक मॉडल की जिंदगी पर आधारित फिल्म थी जिसे अपने करियर के लिए अपनी नैतिकताओं से समझौता करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

इससे पहले मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म ‘पेज थ्री’ और ‘फैशन’ में भी समलैंगिकता का विषय उठाया था। फिल्म निर्माता ओनीर ने अपनी फिल्मों ‘आई एम’ और ‘माय ब्रदर निखिल’ में भी इसी विषय को उठाया था।

‘गर्लफ्रेंड’ फिल्म में ईशा कोप्पिकर और अमृता अरोड़ा ने समलैंगिक प्रेमियों की भूमिका निभाकर सबको हैरान कर दिया था। दीपा मेहता की फिल्म ‘फायर’ में दो निराश शादीशुदा महिलाओं के प्रेम संबंधों को दिखाया गया था। ये किरदार शबाना आजमी और नंदिता दास ने निभाए थे। (भाषा)