शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By सुधीर शर्मा

कोई नहीं जानता इन शिल्पकारों का दर्द...

कोई नहीं जानता इन शिल्पकारों का दर्द... -
इंदौर के लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में देशभर से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके हस्तशिल्प को देखकर हर किसी नजर ठहर जाती है, लेकिन इन कलाकारों के दर्द को कोई नहीं समझता है। ये लोग मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन अपनी जरूरतें बमुश्किल पूरी कर पाते हैं।

जब इन हस्तशिल्प कलाकारों की कला और जिंदगी को नजदीक से जानने की कोशिश की गई तो उनकी बातों में दर्द तो था ही, गुस्सा भी था।

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26 साल के आफताब साड़ियों पर जरी का काम करते हैं। वे अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ मालवा उत्सव में जरी वर्क की साड़ी बेचने के लिए आए हैं। आफताब उत्तरप्रदेश के बनारस के रहने वाले हैं, वही बनारस जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सांसद हैं।

आफताब अपने इस पुश्तैनी काम के बारे में कहते हैं कि उनके परिवार के 12 सदस्यों का भरण-पोषण इसी कला से चलता है। सरकार से आर्थिक सहायता पर वे कहते हैं कि सरकार ने हस्तशिल्प को बचाने के लिए योजनाएं चलाई हैं, लेकिन इसमें प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और भ्रष्टाचार होता है इसलिए हमें पैसा नहीं मिल पाता है।


उत्तरप्रदेश में हो रही बिजली कटौती पर आफताब के साथ आए उनके रिश्तेदार साजिद अली का कहना था कि कहने को बनारस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, लेकिन जिस दिन मोदी की जीत हुई उसी दिन करीब 6 घंटे की बिजली कटौती हुई। कहने को बनारस वीआईपी सीट हो गई, लेकिन जमीनी हकीकत से वह काफी दूर है।

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वहीं दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश के भदोही जिले के हस्तशिल्प कलाकार तस्लीम आरिफ उत्तरप्रदेश सरकार की जमकर तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। लड़कियों की शिक्षा से लेकर बच्चों को हर प्रकार की सुविधा दे रही है



कालीन पर हस्तशिल्प का काम करने वाले आरिफ कहते हैं कि सरकार ने शिल्पकारों के लिए कई काम किए हैं। सरकार की शिल्पकार्ड योजना से उन्हें आगरा और लखनऊ में होने वाले मेलों में जाने-आने में कोई किराया नहीं लगता है। उन्हें पूरे भारत में अपनी वस्तुओं की बिक्री के लिए भेजा जाता है, जहां उनका किराया भी नहीं लगता है।

तस्लीम आरिफ से उप्र में हो रही बिजली कटौती के बारे में जब हमने पूछा कि सपा लोकसभा चुनाव में हार का बदला जनता से बिजली कटौती के रूप में ले रही है, तो उन्होंने एक नेता की तरह उत्तर दिया कि यह ‍विपक्षी पार्टी की चाल है। ऐसा कुछ नहीं है।

जब सपा सरकार इतने अच्छे काम कर रही है तो उत्तरप्रदेश में इतनी बुरी पराजय क्यों मिली? तो उनका कहना था कि यूपी में जनता ने केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट दिया न कि सपा सरकार के खिलाफ। उत्तरप्रदेश में हो रहे अपराधों पर आरिफ कहते हैं कि देश में क्राइम कहां नहीं हैं।

अगले पन्ने पर, कोलकाता के कलाकारों का दर्द...


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रणजीत भौमिक हाथ से बने ड्राय फ्लॉवर बेचने के लिए कोलकाता से यहां आए हैं। रंग-बिरंगे सजावटी फ्लॉवर को देखते हुए आप कह नहीं सकते हैं कि ये असली नहीं हैं।

भौमिक बताते हैं कि ड्राय फ्लॉवर को बांस, घास और पूरी तरह से जंगल से प्राप्त होने वाली चीजों से बनाया जाता है। इनमें किसी भी रासायनिक सामग्री का उपयोग नहीं किया जाता है।


भौमिक कहते हैं कि अब यह कला धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। इसकी लागत अधिक आने से इसकी बिक्री कम होती है और सरकार की ओर से भी कोई सहायता नहीं मिलती है। क्या वे अपने बच्चों को इस काम पर लगाएंगे? इस बात पर उनका कहना है कि वे अपने बच्चों को इस कला से दूर रख पढ़ाना चाहते हैं।

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व्हाट्‍सएप पर अपने हैंडीकॉफ्ट प्रोडक्ट का ऑर्डर ले रहे पश्चिम बंगाल से आए देवव्रत विश्वास, भौमिक से अलग राय रखते हैं। तमाम कठिनाइयों के बाद भी वे चाहते हैं कि अपनी इस कला को जीवित रखने के लिए बच्चों को वे अपने इस पुश्तैनी काम से जोड़ें। उनका पूरा परिवार साड़ियों पर हाथ से बनी पेंटिंग का काम करता है।

देवव्रत का कहना है कि ऐसा कढ़ीदार काम कहीं ‍नहीं मिलता है। कपड़े के ऊपर हाथ से पेंटिंग की जाती है। फैशन के इस दौर में समझदार और कला में रुचि रखने वाले लोग उनकी इस कला को पसंद करते हैं।

अपने काम के बारे में उनका कहना है कि आज जब लोग कम मेहनत करके ज्यादा पैसे ‍की चाह रखते हैं, वहीं इस काम में धैर्य की आवश्यकता अधिक होती है। सरकार की ओर से इस हुनर को बचाने के लिए उन्हें भरपूर सहायता मिलती है। उन्हें इस काम को विदेशों में भी सराहना मिलती है।